मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिला मुख्यालय मनेंद्रगढ़ शहर में ईद-उल-फितर का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर ईदगाह और मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.
जामा मस्जिद मनेंद्रगढ़ में नमाज अदा करने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ा, जहां एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी गई. ईद के मौके पर लोगों ने अपने घरों को सजाया और पारंपरिक व्यंजन, विशेषकर सेवाइयां तैयार कीं. शहर की गलियां खुशियों और भाईचारे के संदेश से गूंज उठीं. मस्जिदों में विशेष नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने रिश्तेदारों और मित्रों के घर जाकर बधाइयां दीं.
रमजान के बाद आता है खुशी का त्योहार: ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास त्योहार है, जो रमजान के पवित्र महीने के समापन पर मनाया जाता है. इस महीने के दौरान रोजेदार पूरे दिन उपवास रखते हैं और इबादत करते हैं. ईद का त्योहार अल्लाह का शुक्रिया अदा करने और आपसी सौहार्द को बढ़ाने का संदेश देता है.
पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा लखनलाल श्रीवास्तव ने कहा, "हमारे भारत देश में सभी त्योहार आपसी भाईचारे और एकता का संदेश देते हैं. गंगा जमुनी तहजीब की यह परंपरा हमें हर पर्व पर देखने को मिलती है, जहां हिंदू-मुस्लिम सभी मिलकर एक-दूसरे के त्योहारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. यह विविधता में एकता का संदेश पूरे विश्व को देता है."
बच्चों में दिखा विशेष उत्साह: ईद के इस पावन अवसर पर बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया. वे रंग-बिरंगे नए कपड़े पहनकर ईदगाह पहुंचे और एक-दूसरे से मिलकर खुशियां साझा कीं. घरों में विशेष पकवान बनाए गए और हर ओर उल्लास का माहौल देखने को मिला.
सामाजिक एकता का प्रतीक है ईद: मनेंद्रगढ़ के स्थानीय नागरिक मो. सलाउद्दीन ने कहा, "रमजान के पूरे महीने रोजा रखने के बाद जब ईद का दिन आता है, तो यह खुशी का दिन होता है. इस दिन हम ईदगाह में नमाज अदा कर अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं और समाज के सभी वर्गों को इस खुशी में शामिल करते हैं."
सुरक्षा के इंतजाम: इस अवसर पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिससे त्योहार शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ.