शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में पिछले कई सालों से एनरोलमेंट में कमी दर्ज की जा रही है. मौजूदा समय में इन सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट 50 फीसदी तक गिर गई है. ये जानकारी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शनिवार को विधानसभा बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक राकेश कालिया, पवन काजल और रणधीर शर्मा के संयुक्त प्रश्न के जवाब में दी है.
"हिमाचल प्रदेश में स्कूलों की संख्या में तो नहीं घटी है, लेकिन इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. प्रदेशभर में वर्ष 2003-04 में मिडिल स्कूलों की संख्या 12,404 थी. जिनमें उस दौरान छात्रों की एनरोलमेंट 9.71 लाख थी. अब 2023-24 में स्कूलों की संख्या तो उतनी ही है, लेकिन छात्रों की संख्या घटकर 4,29,070 रह गई है. वर्ष 2002-03 में प्रदेश में शिक्षक-छात्र अनुपात 1:22 था, जिसमें 2023-24 में सुधार हुआ और ये अनुपात 1:11 हो गया है, जो देश में सबसे ज्यादा है. जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षक छात्रों के अनुपात का यही आंकड़ा 1:3 है." - रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री
हिमाचल में बैचवाइज भरे गए 3450 पद
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने दो साल के कार्यकाल में 3450 शिक्षकों की बैचवाइज नियुक्तियां की है, लेकिन चंबा जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में अभी भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि अब नई नियुक्तियां उन स्कूलों में की जाएगी जहां पद खाली हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह से स्कूलों में प्रधानाचार्यों और मुख्य अध्यापकों की पदोन्नतियों के निर्देश भी दिए जा रहे हैं. स्कूलों में सरप्लस स्टाफ का भी युक्तिकरण किया जा रहा है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाया जा सके.