गिरिडीह: ई रिक्शा (टोटो) अब परेशानी का सबब बनती जा रही है. शहरी इलाके में सबसे अधिक जाम इसी वाहन के कारण लग रहा है. ऐसे में बेतरतीब होकर चलने वाले टोटो पर प्रशासन की नजर सख्त हो गई है. प्रशासन जहां उन टोटो को चिन्हित कर रही है जिन्हें नाबालिग चलाते हैं. वहीं वैसे वाहनों को भी चिन्हित किया जा रहा है जिनका निबंधन नहीं किया गया है. डीएसपी कौशर अली के नेतृत्व में ट्रैफिक पुलिस इसमे जुटी है.
लगाया जाएगा कलर स्टीकर
जिला परिवहन विभाग के अनुसार गिरिडीह में निबंधित टोटो की संख्या 3232 है. एक अनुमान के अनुसार इन निबंधित वाहनों में से लगभग ढाई हजार टोटो शहर और शहर से सटे इलाके के हैं. हालांकि जिस तरह शहर में टोटो की भीड़ उमड़ती है ऐसे में यह भी कहा जाता है कि गैर निबंधित टोटो की संख्या भी काफी अधिक है. पुलिस अब ऐसे टोटो को भी चिन्हित कर रही है. इस बीच टोटो का रूट निर्धारित किया जा रहा है. निर्धारित रूट के लिए कलर स्टीकर भी तैयार किया जा रहा है. वहीं, अलग-अलग रुटों के लिए अलग अलग स्थान पर पार्किंग की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि मुख्य शहर में टोटो की भीड़ कम हो सके.
बैठक में हुआ कई निर्णय
इसे लेकर पिछले दिनों मजदूर नेता राजेश सिन्हा, मोटर कामगार यूनियन के सदस्यों जे साथ बैठक भी की थी. बैठक ने शहर को जाम से मुक्त करने को लेकर विचार-विमर्श हुआ था. यहां तय हुआ कि चार जोन बनाया जाएगा. हर जोन के लिए अलग-अलग कलर स्टीकर होगा.
क्या कहते हैं डीएसपी
डीएसपी कौशर अली ने कहा कि शहर को जाम से मुक्त करवाने के लिए कई बिंदु पर काम चल रहा है. जाम की बड़ी वजह टोटो है. ऐसे में टोटो को चिन्हित किया जा रहा है. चूंकि शहर व उससे सटे इलाके में लगभग 4-5 हजार टोटो हैं, लेकिन इनमें लगभग ढाई हजार ही निबंधित है. ऐसे में बगैर निबंधित टोटो को पहले चिन्हित किया जा रहा है. इसके अलावा वैसे वाहनों को भी चिन्हित किया जा रहा है जिसे नाबालिग चलाते हैं. टोटो पर स्टीकर भी लगाया जाएगा. जबकि बस स्टैंड रोड को वन वे किया जाएगा.
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