जयपुर: राजधानी में ध्वनि प्रदूषण का शोर बढ़ रहा है. शांत और आबादी वाले इलाकों में शोर के कारण लोगों का चैन छिन रहा है. ऐसे में जयपुर पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत जयपुर के आठ इलाकों में शोर पर सख्त रुख अपनाया है. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर यह सख्ती की गई है. इसके तहत शहर में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए शांत और रिहायशी इलाकों में तेज वॉल्यूम में संगीत बजाने, तेज आवाज में पटाखे फोड़ने और लाउडस्पीकर चलाना प्रतिबंधित किया गया है.
पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई के निर्देश: इसके साथ ही, वाहनों में प्रेशर हॉर्न के उपयोग पर भी रोक लगाई गई है. वहीं, औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में भी अब ध्वनि निरोधी प्रणालियों और साउंडप्रूफ इंतजाम करने होंगे. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट के आधार पर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
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प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने यहां माना ध्वनि प्रदूषण: दरअसल, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने अपनी रिपोर्ट में शांत क्षेत्र सिविल लाइंस में राज्यपाल आवास के पीछे और जेडीए आवास के पीछे, रिहायशी क्षेत्र मानसरोवर नगर निगम जोन कार्यालय, शास्त्री नगर स्थित साइंस पार्क, व्यावसायिक क्षेत्र राजापार्क की गली नंबर-3, छोटी चौपड़ और औद्योगिक क्षेत्र विश्वकर्मा व सीतापुरा को ध्वनि प्रदूषण प्रभावित माना है.