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डीयू की प्रिसिंपल ने दीवारों को गोबर से लीपा, कहा ये है गर्मी से बचने का जुगाड़ - COW DUNG IN DU CLASSROOM

कॉलेज की प्रिंसिपल ने खुद अपने हाथों से कमरे की दीवार को गोबर से लीपा उन्होंंने इसे रिसर्च का हिस्सा बताया.

Cow dung in DU classroom
डीयू की प्रिसिंपल ने दीवारों को गोबर से लीपा (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 14, 2025 at 8:10 AM IST

Updated : April 14, 2025 at 11:38 AM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में कमरों की दीवारों को गोबर से लीपने का एक अजीब मामला सामने आया है. कॉलेज की प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने खुद एक कमरे की दीवार को गोबर से पोता है.

दीवारों को गोबर से लीपने के पीछे का लॉजिक बताया जा रहा है कि गर्मी के दिनों में तपिश से बचने के लिए अगर दीवारों को गोबर से पोत दिया जाए तो गर्मी का असर कम होता है. इसलिए इन दीवारों को गोबर से पोता गया है.

डीयू की प्रिसिंपल का वीडियो वायरल (SOURCE: ETV BHARAT)

लक्ष्मीबाई कॉलेज की एक छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल ने शिक्षकों के ग्रुप में एक वीडियो साझा कर खुद इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद यह वीडियो छात्राओं और कॉलेज के स्टाफ के बीच में वायरल हो गया और फिर सोशल मीडिया पर भी चला गया.

Cow dung in DU classroom
DU के लक्ष्मीबाई कॉलेज का मामला (SOURCE: ETV BHARAT)

कॉलेज के कमरों की दीवारों को गोबर से पोतने के इस वीडियो को देखकर कई प्रोफेसरों और छात्रों ने इस पर हैरानी जताई है. दरअसल, कॉलेज की प्राचार्य प्रो. प्रत्युष वत्सला ने कॉलेज शिक्षकों के ग्रुप में वीडियो साझा करते हुए लिखा कि सी ब्लाक में गर्मी की शिकायत के लिए देसी उपाय किए जा रहे हैं. यहां जिनकी कक्षाएं हैं, उन्हें शीघ्र ही ये कमरे एक नए कलेवर में मिलेंगे. आपका शिक्षण अनुभव सुखद हो, इसका प्रयास चल रहा है. जानकारी के अनुसार लक्ष्मीबाई कॉलेज में पांच ब्लाक हैं. इनमें सी ब्लाक की इमारत पुरानी है. इसके नीचे कैंटीन चलती है और ऊपर क्लासेज चलती हैं.

यह एक रिसर्च के तहत एनवायरमेंटल स्टडीज विभाग द्वारा किया जा रहा है. यह हीट स्ट्रेस कंट्रोल के तहत एक मड ट्रीटमेंट है. गोकुल में भी ऐसा किया गया है. इसी के तहत हमने भी पुरानी बिल्डिंग के सेकंड फ्लोर के 6 कमरों पर यह प्रयोग किया जा रहा है. इसमें सिर्फ गोबर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है बल्कि, गोबर, मिट्टी, रेड सैंड, जिप्सम पाउडर और मुल्तानी मिट्टी को मिलाकर के यह लेप तैयार किया गया है. इसको करने के साथ ही कमरे के टेंपरेचर को नापने के लिए भी वहां उपकरण लगाया गया है. हम यह करने के बाद देखेंगे कि इससे पहले और इसे करने के बाद कमरे के टेंपरेचर में कितना अंतर आया है. कुछ लोग बेवजह की अफवाह फैला रहे हैं कॉलेज में कमरों में पंखों की भी कोई कमी नहीं है. जिस कमरे का वीडियो वायरल हो रहा है उस वीडियो में भी पंखे साफ देखे जा सकते हैं-प्रोफेसर प्रत्यूष वत्सला प्राचार्या लक्ष्मीबाई कॉलेज

कई कमरों में है पंखों की कमी
कॉलेज की एक शिक्षिका ने बताया कि यहां थोड़ी गर्मी लगती है. लेकिन, इसके लिए कमरों में कूलर लगाए जाने चाहिए. कॉलेज के कमरे बड़े-बड़े हैं और कई कमरों में पर्याप्त पंखे नहीं लगे हैं. गर्मी के मौसम में छात्राओं को बहुत परेशानी होती है. किसी भी कमरे में एसी नहीं लगा है. कूलर भी नहीं हैं. पंखे से ही छात्राओं को काम चलाना पड़ता है. उनकी संख्या भी कम है. नए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित नहीं किया गया है. कॉलेज के वाशरूम भी साफ नहीं होते.

प्रिसिंपल के इस उपाय पर कहीं हैरानी, तो कहीं परेशानी !
बता दें कुछ समय पहले डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कॉलेज में एक नए ब्लॉक का शिलान्यास किया था. वहीं, पुरानी बिल्डिंग की अभी मरम्मत नहीं कराई गई है. उस पुरानी इमारत के कमरों पर ही गोबर पोत कर उनको ठंडा रखने के लिए प्रिंसिपल यह उपाय बता रही हैं.

कॉलेज की एक छात्रा ने बताया कि कुछ कमरों में ज्यादा गर्मी रहती है, जबकि कुछ में गर्मी की समस्या नहीं है. लेकिन किसी भी छात्रा ने दीवारों को गोबर से पोतने की मांग या सुझाव नहीं दिया.

वहीं शिक्षक संगठन इंडियन नेशनल टीचर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज गर्ग ने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों और छात्राओं की सुविधा के लिए बुनियादी चीजों को बढ़ाने के बजाय कमरों को गोबर से पोता जा रहा है. हम छात्रों को क्या संदेश देना चाहते हैं. वैसे भी कंक्रीट की दीवारों पर गोबर लगाने का कोई मतलब नहीं है.

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री डिग्री विवादः दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा, कोर्ट को डिग्री दिखा सकते हैं, किसी अजनबी को नहीं; फैसला सुरक्षित

ये भी पढ़ें- DU में 2026 से शुरू हो जाएगा एक साल का PG कोर्स, अकादमिक काउंसिल की बैठक में पेश किया जाएगा मसौदा

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में कमरों की दीवारों को गोबर से लीपने का एक अजीब मामला सामने आया है. कॉलेज की प्रिंसिपल प्रत्यूष वत्सला ने खुद एक कमरे की दीवार को गोबर से पोता है.

दीवारों को गोबर से लीपने के पीछे का लॉजिक बताया जा रहा है कि गर्मी के दिनों में तपिश से बचने के लिए अगर दीवारों को गोबर से पोत दिया जाए तो गर्मी का असर कम होता है. इसलिए इन दीवारों को गोबर से पोता गया है.

डीयू की प्रिसिंपल का वीडियो वायरल (SOURCE: ETV BHARAT)

लक्ष्मीबाई कॉलेज की एक छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल ने शिक्षकों के ग्रुप में एक वीडियो साझा कर खुद इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद यह वीडियो छात्राओं और कॉलेज के स्टाफ के बीच में वायरल हो गया और फिर सोशल मीडिया पर भी चला गया.

Cow dung in DU classroom
DU के लक्ष्मीबाई कॉलेज का मामला (SOURCE: ETV BHARAT)

कॉलेज के कमरों की दीवारों को गोबर से पोतने के इस वीडियो को देखकर कई प्रोफेसरों और छात्रों ने इस पर हैरानी जताई है. दरअसल, कॉलेज की प्राचार्य प्रो. प्रत्युष वत्सला ने कॉलेज शिक्षकों के ग्रुप में वीडियो साझा करते हुए लिखा कि सी ब्लाक में गर्मी की शिकायत के लिए देसी उपाय किए जा रहे हैं. यहां जिनकी कक्षाएं हैं, उन्हें शीघ्र ही ये कमरे एक नए कलेवर में मिलेंगे. आपका शिक्षण अनुभव सुखद हो, इसका प्रयास चल रहा है. जानकारी के अनुसार लक्ष्मीबाई कॉलेज में पांच ब्लाक हैं. इनमें सी ब्लाक की इमारत पुरानी है. इसके नीचे कैंटीन चलती है और ऊपर क्लासेज चलती हैं.

यह एक रिसर्च के तहत एनवायरमेंटल स्टडीज विभाग द्वारा किया जा रहा है. यह हीट स्ट्रेस कंट्रोल के तहत एक मड ट्रीटमेंट है. गोकुल में भी ऐसा किया गया है. इसी के तहत हमने भी पुरानी बिल्डिंग के सेकंड फ्लोर के 6 कमरों पर यह प्रयोग किया जा रहा है. इसमें सिर्फ गोबर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है बल्कि, गोबर, मिट्टी, रेड सैंड, जिप्सम पाउडर और मुल्तानी मिट्टी को मिलाकर के यह लेप तैयार किया गया है. इसको करने के साथ ही कमरे के टेंपरेचर को नापने के लिए भी वहां उपकरण लगाया गया है. हम यह करने के बाद देखेंगे कि इससे पहले और इसे करने के बाद कमरे के टेंपरेचर में कितना अंतर आया है. कुछ लोग बेवजह की अफवाह फैला रहे हैं कॉलेज में कमरों में पंखों की भी कोई कमी नहीं है. जिस कमरे का वीडियो वायरल हो रहा है उस वीडियो में भी पंखे साफ देखे जा सकते हैं-प्रोफेसर प्रत्यूष वत्सला प्राचार्या लक्ष्मीबाई कॉलेज

कई कमरों में है पंखों की कमी
कॉलेज की एक शिक्षिका ने बताया कि यहां थोड़ी गर्मी लगती है. लेकिन, इसके लिए कमरों में कूलर लगाए जाने चाहिए. कॉलेज के कमरे बड़े-बड़े हैं और कई कमरों में पर्याप्त पंखे नहीं लगे हैं. गर्मी के मौसम में छात्राओं को बहुत परेशानी होती है. किसी भी कमरे में एसी नहीं लगा है. कूलर भी नहीं हैं. पंखे से ही छात्राओं को काम चलाना पड़ता है. उनकी संख्या भी कम है. नए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित नहीं किया गया है. कॉलेज के वाशरूम भी साफ नहीं होते.

प्रिसिंपल के इस उपाय पर कहीं हैरानी, तो कहीं परेशानी !
बता दें कुछ समय पहले डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कॉलेज में एक नए ब्लॉक का शिलान्यास किया था. वहीं, पुरानी बिल्डिंग की अभी मरम्मत नहीं कराई गई है. उस पुरानी इमारत के कमरों पर ही गोबर पोत कर उनको ठंडा रखने के लिए प्रिंसिपल यह उपाय बता रही हैं.

कॉलेज की एक छात्रा ने बताया कि कुछ कमरों में ज्यादा गर्मी रहती है, जबकि कुछ में गर्मी की समस्या नहीं है. लेकिन किसी भी छात्रा ने दीवारों को गोबर से पोतने की मांग या सुझाव नहीं दिया.

वहीं शिक्षक संगठन इंडियन नेशनल टीचर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज गर्ग ने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों और छात्राओं की सुविधा के लिए बुनियादी चीजों को बढ़ाने के बजाय कमरों को गोबर से पोता जा रहा है. हम छात्रों को क्या संदेश देना चाहते हैं. वैसे भी कंक्रीट की दीवारों पर गोबर लगाने का कोई मतलब नहीं है.

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Last Updated : April 14, 2025 at 11:38 AM IST
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