करनाल: आज के समय में देश टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर काफी आगे निकल चुका है. अब टेक्नोलॉजी केवल शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि गांव में भी पहुंच गई है. जिससे ग्रामीण जीवन और किसानों के जीवन में सरलता हो गई है. किसानों के लिए नई-नई तकनीक काफी फायदेमंद साबित हो रही है. हरियाणा के करनाल की बात करें तो विकास के लिए यहां ड्रोन की अनूठी शुरुआत हो चुकी है. समय के साथ नई तकनीक अपना प्रभाव दिखा रही हैं. जिनमें से एक है ड्रोन. ड्रोन तकनीक से हरियाणा सरकार को काफी ज्यादा फायदा मिलने वाला है.
ड्रोन की अनूठी पहल: उल्लेखनीय है कि राज्य में विभिन्न प्रकार के सर्वे के लिए ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को दृश्य का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. जिसका मुख्यालय करनाल में है. ड्रोन की खरीद के लिए नोडल एजेंसी होगी. करनाल के घरौंडा स्थित इंडो-इजराइल सब्जी केंद्र उत्कृष्ट सब्जी केंद्र में 11वें मेगा सब्जी मेले में ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मिशन सर्विस ऑफ हरियाणा लिमिटेड व ड्रोन प्रोजेक्ट के डिप्टी सीईओ सतेंद्र यादव ने नवीनतम जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा इस अनूठी ड्रोन योजना का राज्य के विकास के लिए अहम योगदान होगा.
योजनाओं को लागू करने के उद्देश्य: बुनियादी ढांचे के सर्वेक्षण, कृषि और बागवानी फसलों की निगरानी, सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी जैसे कार्यों के लिए ड्रोन का उपयोग करेगी. इससे मैपिंग, भूमि रिकॉर्ड बनाए रखने, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं तथा शहरी क्षेत्रों में विकास की योजना बनाने में मदद मिलेगी.
पायलट प्रोजेक्ट ड्रोन दीदी योजना: हरियाणा सरकार ने ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए कई पहल की हैं. जिसके चलते हरियाणा की सैनी सरकार ने महिलाओं के लिए ड्रोन दीदी योजना के तहत कार्यशालाएं आयोजित कराई हैं. जिसमें उन्हें ड्रोन उड़ाने की जरूरी ट्रेनिंग दी जाती है. इसके तहत 2024-25 के दौरान 500 महिला स्वयं सहायता समूहों की 5000 बहनों को ड्रोन संचालन और रखरखाव में प्रशिक्षित करने के लिए करनाल में ड्रोन इमेजिंग और सूचना सेवा हरियाणा के माध्यम से ड्रोन पायलट प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. प्रत्येक स्वयं सहायता समूहों को एक ड्रोन प्रदान करने पर काम शुरू किया गया है. वे इसे कृषि उद्देश्यों के लिए किसानों को किराए पर दे सकते हैं.
योजना की पात्रता: इस योजना में, प्रत्येक उम्मीदवार जिसकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है, मैट्रिकुलेशन पास होना चाहिए. पीपीपी आईडी और महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) का सदस्य होना चाहिए. योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है. इससे किसानों को काफी फायदे भी मिलेंगे. राज्य सरकार द्वारा ड्रोन दीदी योजना के तहत वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए ड्रोन खरीदने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन और सहायक उपकरण/सहायक लागत का 80% या अधिकतम 8,00,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. शेष राशि के लिए युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग 1 वर्ष के लिए 5 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराएगा, साथ ही क्रेडिट गारंटी भी देगा. सरकार 1 वर्ष की अवधि के लिए ऋण पर संपूर्ण ब्याज लागत भी वहन करेगी.
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