शिमला: भारत देश के महान सर्जन डॉ. पी. वेणुगोपाल बेशक इस धरा पर देह रूप में मौजूद नहीं हैं, लेकिन देश में दिल की धड़कनों को जिंदा रखने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. हिमाचल जैसे छोटे से पहाड़ी राज्य में दिल की सर्जरी को सफलता का विस्तार देने की भूमिका डॉ. पी. वेणुगोपाल ने ही लिखी थी.
दिसंबर 2005 में हिमाचल सरकार ने डॉ. वेणुगोपाल को स्टेट गेस्ट का दर्जा देकर शिमला बुलाया और उनकी देखरेख में आईजीएमसी अस्पताल में सीटीवीएस यानी कार्डियोथोरेसिक एंड वस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट ने नन्हें कदमों से बड़े सफर की शुरुआत की. वर्ष 2006 से आईजीएमसी शिमला में रूटीन में ओपन हार्ट सर्जरी शुरू हो गई. उस समय एनेस्थीसिया विभाग में डॉ. जेआर ठाकुर विभाग अध्यक्ष थे.
डॉ. वेणुगोपाल उस समय एम्स दिल्ली के निदेशक थे और विश्व के विख्यात हार्ट सर्जन की सूची में उनका नाम प्रमुखता से लिया जाता था. डॉ. वेणुगोपाल व उनकी टीम की देखरेख में आईजीएमसी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी के आरंभिक केस लिए गए.
आज आलम ये है कि आईजीएमसी अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी सफलता के शिखर पर है. यहां की सक्सेस रेट 96 फीसदी से अधिक है. डॉ. वेणुगोपाल के मार्गदर्शन में शिमला आईजीएमसी में ओपन हार्ट सर्जरी डिपार्टमेंट के पहले मुखिया यानी एचओडी प्रोफेसर डॉ. रजनीश पठानिया ने उनकी विरासत को नए आयाम दिए.
डॉ. रजनीश पठानिया ने लंबे अरसे तक यहां गरीब व साधनहीन मरीजों की सेवा की. उनके कार्यकाल में यहां डेढ़ हजार से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी के केस सफलता से पूरे किए गए. अब डॉ. रजनीश पठानिया रिटायर हो गए हैं, लेकिन उन्होंने सारा सेवाकाल सरकारी अस्पताल में ही पूरा किया.
डॉ. वेणुगोपाल की स्मृतियों को साझा करते हुए डॉ. पठानिया ने बताया कि वर्ष 2005 के दिसंबर माह में एम्स की टीम काफी समय तक यहां रही थी. उस समय हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. वीरभद्र सिंह सरकार ने डॉ. वेणुगोपाल को स्टेट गेस्ट का दर्ज दिया था.
हिमाचल में अब सीटीवीएस डिपार्टमेंट पांच हजार से अधिक सर्जरी कर चुका है. यहां कई जटिल ऑपरेशन सफलता से किए गए हैं. नवजात बच्चों की सर्जरी से लेकर क्रिटिकल केस यहां ऑपरेट हो रहे हैं.
डॉ. रजनीश पठानिया ने कहा "डॉ. वेणुगोपाल ओपन हार्ट सर्जरी के सबसे बड़े नामों में से एक थे. उनके योगदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. दिसंबर 2005 में आईजीएमसी अस्पताल को उनका बहुमूल्य मार्गदर्शन मिला था."
उल्लेखनीय है कि डॉ. पी. वेणुगोपाल का हाल ही में निधन हो गया. डॉ. वेणुगोपाल आंध्र प्रदेश से संबंध रखते थे और लंबे समय तक एम्स में सेवारत रहे. उन्हें पदम भूषण से लेकर देश का सबसे बड़ा चिकित्सा सम्मान डॉ. बीसी राय सम्मान और देश-विदेश में अनगिनत अवॉर्ड मिले थे.
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