रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी डॉ. संदीप धुप्पड़ ट्रैफिक रेडियो के माध्यम से जागरूकता लाने का काम कर रहे हैं. राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के लगभग 10 शहरों में चौक चौराहों पर वह लोगों को जागरुक कर रहे हैं. ईटीवी भारत से डॉक्टर संदीप धुप्पड़ ने अपना अनुभव साझा किया.
एक नाम, 108 इनाम: डॉ. संदीप धुप्पड़ ने बताया, "विदेश यात्रा के दौरान महसूस किया कि दीवारों पर ऐसा कहीं नहीं लिखा था कि इस जगह पर थूकना मना है. विदेश में हेलमेट पहनने को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत भी नहीं पड़ती. विदेश से वापस आने के बाद मन में यह बात आई कि भारत में कूड़ेदान होने के बाद भी उस पर लिखा जाता है. मैं कूड़ादान हूं, कृपया मेरा इस्तेमाल करें. भारत के लोग इस बात को जानते हैं, समझते हैं और मानते हैं, बावजूद इसके गलती करते चले जाते हैं. इसी से मन में आइडिया आया और ट्रैफिक रेडियो की शुरुआत राजधानी रायपुर से की, जो ट्रैफिक रेडियो का स्वरूप ले पाया.
ट्रैफिक रेडियो: जनवरी 2013 में राजधानी रायपुर में ट्रैफिक रेडियो शुरू किया गया. चौक चौराहों पर ऑडियो जिंगल्स चलाने के साथ ही इसको प्रसारित किया जाता है. रायपुर के साथ ही प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इसकी शुरुआत की गई.
लोगों को कैसे जागरुक कर रहे: डॉ संदीप धुप्पड़ की मानें तो ट्रैफिक रेडियो के साथ ही हेलमेट पहनने को लेकर भी लोगों को जागरुक करते हैं. पानी की बचत के लिए लोगों को जागरुक करते हैं. नशे की हालत में वाहन ना चलाएं, इसके लिए भी लोगों को जागरुक करते हैं. इसके लिए कई तरीके से लोगों तक पहुंचने का काम करते हैं.
मीठे मीठे जिंगल्स: किसी भी चौक या चौराहों पर एक साइड पर ट्रैफिक शुरू होता है तो तीन रास्तों पर रेड सिग्नल में ट्रैफिक रुका हुआ रहता है. कुल मिलाकर 75% ट्रैफिक को अपने मीठे मीठे जिंगल्स या ट्रैफिक रेडियो के माध्यम से अवेयर करते हैं. जैसे खुद की सुरक्षा कैसे करें, ट्रैफिक के नियमों का पालन करना क्यों जरूरी है, परिवार के मुखिया होने के नाते अपना और अपने परिवार की जानमाल की सुरक्षा कैसे करें. 20 से 30 सेकंड के जिंगल्स का प्रसारण लगातार करते हैं, जिससे लोगों में ट्रैफिक के प्रति जागरूकता लाई जा सके.
दस शहरों में ट्रैफिक रेडियो का प्रसारण: राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, कोरबा राजनांदगांव रायगढ़ जैसे 10 शहरों में ट्रैफिक रेडियो का प्रसारण शुरू किया गया. ट्रैफिक रेडियो लोगों को भी पसंद आया. ट्रैफिक रेडियो के माध्यम से वंदे मातरम से सुबह इसकी शुरुआत की जाती है. रात में इसका समापन जय हिंद की धुन से किया जाता है.

साल भर चलता है रेडियो प्रसारण: साल के पूरे 365 दिनों में ट्रैफिक रेडियो का प्रसारण होता है. कोरोना काल में भी यह प्रसारित होता रहा. इस ट्रैफिक रेडियो का प्रसारण करने से कई वर्ल्ड रिकॉर्ड और रिवॉर्ड मिले हैं.
बना डाले 108 वर्ल्ड रिकॉर्ड: खास बात यह है कि पिछले 12 सालों के दौरान डॉ. संदीप धुप्पड़ को 108 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं. साल 2020 में 1 साल के दौरान 51 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए. जिसमें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, नाइजीरिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड जैसे तमाम रिकॉर्ड शामिल हैं.
क्या है उद्देश्य: डॉ. संदीप धुप्पड़ बताते हैं कि अलग अलग लोगों ने सम्मानित भी किया. ऐसा करके यातायात के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही सड़क हादसे में हो रही मौत के आंकड़े को कम कर सके.
हमारा उद्देश्य ट्रैफिक को लेकर रहता है ठीक वही उद्देश्य को लेकर ट्रैफिक रेडियो भी चलता है. दोनों का मकसद एक ही है, लोगों को यातायात के प्रति जागरूक करने के साथ ही उन्हें सतर्क और सावधान रहने की सीख दी जाती है: सतीश ठाकुर, डीएसपी, ट्रैफिक, रायपुर
सड़क हादसों में आएगी कमी: ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर कहते हैं कि ट्रैफिक रेडियो का हमें काफी फायदा मिल रहा है. लोग ट्रैफिक नियमों को लेकर अवेयर हो रहे हैं. हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाने और सीट बेल्ट लगाने वालों की भी संख्या लगातार बढ़ी है. चौक चौराहों पर लोग ग्रीन सिग्नल का आराम से इंतजार करते हैं. हम नियमों की जानकारी उनको ट्रैफिक रेडियो के जरिए देते हैं. संगीत के साथ जब उनको मैसेज देते हैं तो उनको भी अच्छा लगता है और वो उसे अपनाते भी हैं.