रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के डॉक्टरों के वेतन में 46 फीसदी बढ़त्तरी की है. स्वास्थ्य विभाग ने सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी), सहायक प्राध्यापक, सह प्राध्यापक और प्राध्यापक के वेतन में वृद्धि का आदेश जारी किया गया है. यह आदेश 1 सितंबर 2024 से पूरे राज्य के शासकीय मेडिकल कालेजों के लिए प्रभावी होगा.
"स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से कोई समझौता नहीं": वृद्धि को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, "प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कोई समझौता नहीं होगा. राज्य शासन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रही है और जो भी सुविधा देनी होगी, वह दी जाएगी. हम लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं."
"शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले भावी डाक्टरों का ये अधिकार है कि उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला शिक्षक और शिक्षा मिले. वेतन वृद्धि का ये आदेश इसीलिए जारी किया गया है." - श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़
गैर अनुसूचित क्षेत्रों के डॉक्टरों का इतना बढ़ेगा वेतन : छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग से जारी आदेश के मुताबिक, गैर अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 90 हजार रूपए कर दिया गया है. इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 35 हजार से 1 लाख 55 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख और सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 75 हजार रूपए कर दिया गया है.
अनुसूचित क्षेत्रों के डॉक्टरों का आंकड़ा : आदेश के मुताबिक, अनुसूचित क्षेत्रों के मेडिकल कालेज में पदस्थ प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 90 हजार रूपए से बढ़ाकर 2 लाख 25 हजार रूपए कर दिया गया है. इसी तरह से सह प्राध्यापक का वेतन 1 लाख 55 हजार से 1 लाख 85 हजार, सहायक प्राध्यापक का वेतन 90 हजार से 1 लाख 25 हजार और सीनियर रेसीडेंट व प्रदर्शक (पीजी) का वेतन 65 हजार रूपए से बढ़ाकर 95 हजार रूपए कर दिया गया है.
संविदा चिकित्सकों की भी बढ़ी सैलरी : शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के संविदा चिकित्सकों के लिए जारी पुनरीक्षित संविदा वेतनमान के अनुसार, अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी और गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी की वेतन वृद्धि की गयी है.