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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए बड़ा फैसला, निर्माण समिति गठित - DISTRICT CONSTRUCTION COMMITTEE

छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए बड़ा फैसला लिया है.

DISTRICT CONSTRUCTION COMMITTEE
साय सरकार का बड़ा फैसला (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 2, 2025 at 7:12 AM IST

3 Min Read

रायपुर: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार लगातार राज्य में विकास की गति को बढ़ाने का दावा कर रही है. साय सरकार का यह भी दावा है कि वह बस्तर में सबसे ज्यादा फोकस रख रही है. अब राज्य सरकार ने बस्तर में निर्माण कार्य में और तेजी लाने का फैसला लिया है. इसके तहत बस्तर संभाग के तीन नक्सल प्रभावित जिलों में जिला स्तर पर निर्माण समितियों का गठन किया गया है.

बस्तर के तीन जिलों में निर्माण समिति: बस्तर के जिन तीन जिलों में निर्माण समिति का गठन किया गया है. उसमें सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले शामिल हैं. इससे संबंधित आदेश सरकार की तरफ से जारी कर दिया गया है. सरकार का दावा है कि इस पहल से राज्य में न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी,बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास को गति मिलेगी. सरकार का यह फैसला भ्रष्टाचार को रोकने में भी अहम कदम साबित होगा.

किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के पैसे से किए जा रहे कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.निर्माण कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन,निगरानी और मूल्यांकन के लिए निर्माण समिति का गठन किया गया है.- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

निर्माण समिति में कौन कौन होगा शामिल?: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक जिन जिलों में निर्माण समिति का गठन किया गया है. वहां के कलेक्टर इस समिति के अध्यक्ष होंगे. इस समिति में संबंधित जिले के एसपी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ), प्रभागीय वनाधिकारी, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, जिला कोषाधिकारी सदस्य होंगे. इसके अलावा संबंधित जिले के प्रमुख जिला अधिकारी इसके सदस्य होंगे.

नए और वर्तमान नियमों के आधार पर सक्षम अधिकारी प्रशासनिक कार्यों की स्वीकृति जारी करेंगे. इस कमिटी के जरिए 10 करोड़ रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति दी जा सकेगी. इस जिला निर्माण समिति यानि की डीसीसी (District Construction Committee) का कार्यक्षेत्र संबंधित जिले का संपूर्ण राजस्व वाला क्षेत्र होगा. डीसीसी के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यों का निर्धारण कलेक्टर की तरफ से होगा.

बस्तर के विकास के लिए फैसला: तीन बार टेंडर के बाद भी जो कार्य पूरे नहीं होने की स्थिति होगी. तो ऐसे कार्यों के लिए अगर ऑनलाइन टेंडर जारी कर पाना संभव नहीं होगा, ऐसे सभी जरूरी काम डीसीसी के जरिए कराए जाएंगे. जिले के वैसे इलाके जो नक्सलवाद से गंभीर रूप से प्रभावित नहीं है. वहां डीसीसी के जरिए कार्य नहीं कराए जाएंगे. कार्यों का निरीक्षण और मूल्यांकन PWD या कलेक्टर की तरफ से नियुक्त तकनीकी अधिकारी करेंगे.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार लगातार राज्य में विकास की गति को बढ़ाने का दावा कर रही है. साय सरकार का यह भी दावा है कि वह बस्तर में सबसे ज्यादा फोकस रख रही है. अब राज्य सरकार ने बस्तर में निर्माण कार्य में और तेजी लाने का फैसला लिया है. इसके तहत बस्तर संभाग के तीन नक्सल प्रभावित जिलों में जिला स्तर पर निर्माण समितियों का गठन किया गया है.

बस्तर के तीन जिलों में निर्माण समिति: बस्तर के जिन तीन जिलों में निर्माण समिति का गठन किया गया है. उसमें सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले शामिल हैं. इससे संबंधित आदेश सरकार की तरफ से जारी कर दिया गया है. सरकार का दावा है कि इस पहल से राज्य में न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी,बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास को गति मिलेगी. सरकार का यह फैसला भ्रष्टाचार को रोकने में भी अहम कदम साबित होगा.

किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के पैसे से किए जा रहे कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.निर्माण कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन,निगरानी और मूल्यांकन के लिए निर्माण समिति का गठन किया गया है.- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

निर्माण समिति में कौन कौन होगा शामिल?: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक जिन जिलों में निर्माण समिति का गठन किया गया है. वहां के कलेक्टर इस समिति के अध्यक्ष होंगे. इस समिति में संबंधित जिले के एसपी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ), प्रभागीय वनाधिकारी, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, जिला कोषाधिकारी सदस्य होंगे. इसके अलावा संबंधित जिले के प्रमुख जिला अधिकारी इसके सदस्य होंगे.

नए और वर्तमान नियमों के आधार पर सक्षम अधिकारी प्रशासनिक कार्यों की स्वीकृति जारी करेंगे. इस कमिटी के जरिए 10 करोड़ रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति दी जा सकेगी. इस जिला निर्माण समिति यानि की डीसीसी (District Construction Committee) का कार्यक्षेत्र संबंधित जिले का संपूर्ण राजस्व वाला क्षेत्र होगा. डीसीसी के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यों का निर्धारण कलेक्टर की तरफ से होगा.

बस्तर के विकास के लिए फैसला: तीन बार टेंडर के बाद भी जो कार्य पूरे नहीं होने की स्थिति होगी. तो ऐसे कार्यों के लिए अगर ऑनलाइन टेंडर जारी कर पाना संभव नहीं होगा, ऐसे सभी जरूरी काम डीसीसी के जरिए कराए जाएंगे. जिले के वैसे इलाके जो नक्सलवाद से गंभीर रूप से प्रभावित नहीं है. वहां डीसीसी के जरिए कार्य नहीं कराए जाएंगे. कार्यों का निरीक्षण और मूल्यांकन PWD या कलेक्टर की तरफ से नियुक्त तकनीकी अधिकारी करेंगे.

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