गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मूर्ति चोरी होने का विवाद थमने का नाम नहीं नहीं ले रहा है. मूर्ति को ज्योति तिराहे पर स्थापित करने और चोरों को पकड़ने के लिए अमित जोगी लगातार प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं. सोमवार को अमित जोगी अपनी मां रेणु जोगी के साथ कलेक्टर दफ्तर पहुंचे. अमित जोगी ने कलेक्टर के सामने जमीन से संबंधित दस्तावेजों को रखा. अमित जोगी ने बताया कि जिस जगह पर मूर्ति की स्थापना की जानी है उस जगह का सहमति पत्र और स्वामित्व दस्तावेज उनके पास है. जोगी ने जिला प्रशासन से मूर्ति चोरी करने वालों को जल्द गिरफ्तार करने की भी मांग की.
मूर्ति विवाद पर सियासी घमासान: बीते दिनों भी अमित जोरी ने मूर्ति चोरी के विरोध में मार्च निकालकर विरोध जताया था. जोगी ने जिला प्रशासन को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया था. जोगी परिवार ने सोमवार को कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से कहा कि वो जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कराएं. इसके साथ ही प्रस्तावित जगह पर मूर्ति की स्थापना हो इसका भी प्रबंध करें. अमित जोगी ने बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में तत्कालीन प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने विधायक निधि से पैसे भी आवंटित किए थे. जिसमें मूर्ति के पास छोटा सा पार्क भी बनाना था. इसके लिए नगर पंचायत को निर्माण एजेंसी भी तत्कालीन विधायक डॉ रेणु जोगी ने ही तय किया था, क्योंकि मूर्ति निजी जमीन पर लगनी थी.
दूसरे पक्ष की शिकायत: वही अब इस मामले में दूसरे पक्ष ने गौरेला थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दी है की स्व अजीत जोगी की मूर्ति रात में लगाई गई जो की वैधानिक नहीं है. पूर्व में ही अमित जोगी ने तस्वीरें जारी कर प्रशासन को बताया था की मूर्ति दिन के उजाले में लगभग 2:00 बजे लगाई गई थी इसके सबूत भी हैं. जबकि मूर्ति चोरी रात को 2:00 बजे हुई. मूर्ति चोरी और मूर्ति को फिर स्थापित किए जाने को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.