ETV Bharat / state

चंडीगढ़ PGI में जटिल थायरॉयड केसों पर चर्चा, डॉक्टर बोले- '50 पैसे की गोली से थायराइड किया जा सकता है कंट्रोल' - CHANDIGARH PGI

चंडीगढ़ पीजीआई में थायराइड की बीमारी की समझ और उपचार को बेहतर बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय रस्तोगी-डैश क्लिनिक केस कॉन्फ्रेंस करवाई गई.

Discussion on Thyroid in Chandigarh
चंडीगढ़ PGI में जटिल थायरॉयड केसों पर चर्चा (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 6, 2025 at 2:06 PM IST

Updated : April 6, 2025 at 2:28 PM IST

3 Min Read

चंडीगढ़ पीजीआई में थायराइड की बीमारी की समझ और उपचार को बेहतर बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय रस्तोगी-डैश क्लिनिक केस कॉन्फ्रेंस करवाई गई. यह दो दिवसीय सम्मेलन देशभर से आए प्रमुख एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स और हेल्थ एक्सपर्ट को एक मंच पर लाना है. दो दिवसीय रस्तोगी-डैश क्लिनिक केस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने मुख्य अतिथि के रूप में किया. उन्होंने कहा मुझे गर्व है, पीजीआई इस तरह के समारोह से देश में हो रही बड़ी रिसर्च को भी लोगों के सामने पेश कर रहा है. जिसे एंडोक्रिनोलॉजी विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है.

प्रो. लाल ने विभाग की रोगी देखभाल में भूमिका की सराहना करते हुए कहा, एंडोक्रिनोलॉजी विभाग अपनी रिसर्च से लाखों लोगों की मदद कर रहा है. वहीं, पूरी टीम अपनी कड़ी मेहनत से इसे नए स्तर पर लेकर जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि पीजीआईएमईआर का सारंगपुर में एक नया केंद्र बनाने की योजना है. जिससे विभाग की क्षमताओं में और वृद्धि की जाएगी.

एंडोक्रिनोलॉजी विभागाध्यक्ष और सम्मेलन के आयोजक प्रो. संजय भदाडा ने कहा, हमने दो-तीन फैकल्टी सदस्यों से शुरुआत की थी. आज हमारे पास 8 फैकल्टी, 14 पीएचडी छात्र और 13 डीएम रेजिडेंट है. विभाग में कुल 100 से ज्यादा विद्यार्थी है. जो हमारी अकादमी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत का पहला डीएम एंडोक्रिनोलॉजी प्रोग्राम इसी विभाग में शुरू हुआ था. जिसके प्रो. डैश पहले छात्र थे. पीजीआई में प्रतिवर्ष आने वाले करीब 30 लाख रोगियों में से 5 फीसदी एंडोक्रिनोलॉजी विभाग द्वारा देखे जाते हैं.

50 पैसे की गोली से थायराइड किया जा सकता है कंट्रो (Etv Bharat)

थायराइड की बीमारी महिलाओं में ज्यादा: आज के समय में थायराइड की बीमारी देश के 20 फीसदी लोगों को है. थायराइड गले में पाए जाने वाला ग्लैंड होता है. थायराइड के अनेक रूप थायराइड ग्लैंड की हेल्थ के लिए अहम वस्तु की जरूर होती है. हमें नमक से आयोडीन मिलता है. ऐसे में अगर शरीर में आयोडीन की कमी आ जाए या मात्रा बढ़ जाए, तो थायराइड की समस्या हो सकती है. उन्होंने बताया कि थायराइड दो तरह का होता है. एक हाइपरथाइरोइडिस्म और दूसरा हाइपोथायरायडिज्म होता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में थायराइड की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है.

लक्षण और बचाव: पहले गर्भवती महिला का थायराइड टेस्ट नहीं कराया जाता था, लेकिन हर एक महिला को थायराइड टेस्ट कराया जाता है. उन्होंने थायराइड को आम भाषा में बता पाना मुश्किल हो सकता है. लेकिन शरीर में थकान, अंग कांपना, चेहरे पर सूजन आना जैसे लक्षण थायराइड के हो सकते हैं. डॉ. संजय ने बताया कि थायराइड डिफिशिएंसी के दौरान एक 50 पैसे की टेबलेट खाने से थायराइड कंट्रोल किया जा सकता है. जिस रोज भूखे पेट खाना होता है. थायराइड कंट्रोल में रहता है. हाइपो थायराइड का इलाज संभव है. ऐसे में मरीज को समय रहते अपने डॉक्टर को दिखाना होगा. दवा का समय पर सेवन करना होगा. जिससे वह थायराइड की समस्या से निजात पा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: जानलेवा है थायराइड की बीमारी, महिलाओं में पुरुषों से 5 गुना अधिक खतरा, बच्चों की ग्रोथ पर करता है अटैक

चंडीगढ़ पीजीआई में थायराइड की बीमारी की समझ और उपचार को बेहतर बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय रस्तोगी-डैश क्लिनिक केस कॉन्फ्रेंस करवाई गई. यह दो दिवसीय सम्मेलन देशभर से आए प्रमुख एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स और हेल्थ एक्सपर्ट को एक मंच पर लाना है. दो दिवसीय रस्तोगी-डैश क्लिनिक केस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने मुख्य अतिथि के रूप में किया. उन्होंने कहा मुझे गर्व है, पीजीआई इस तरह के समारोह से देश में हो रही बड़ी रिसर्च को भी लोगों के सामने पेश कर रहा है. जिसे एंडोक्रिनोलॉजी विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाता है.

प्रो. लाल ने विभाग की रोगी देखभाल में भूमिका की सराहना करते हुए कहा, एंडोक्रिनोलॉजी विभाग अपनी रिसर्च से लाखों लोगों की मदद कर रहा है. वहीं, पूरी टीम अपनी कड़ी मेहनत से इसे नए स्तर पर लेकर जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि पीजीआईएमईआर का सारंगपुर में एक नया केंद्र बनाने की योजना है. जिससे विभाग की क्षमताओं में और वृद्धि की जाएगी.

एंडोक्रिनोलॉजी विभागाध्यक्ष और सम्मेलन के आयोजक प्रो. संजय भदाडा ने कहा, हमने दो-तीन फैकल्टी सदस्यों से शुरुआत की थी. आज हमारे पास 8 फैकल्टी, 14 पीएचडी छात्र और 13 डीएम रेजिडेंट है. विभाग में कुल 100 से ज्यादा विद्यार्थी है. जो हमारी अकादमी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत का पहला डीएम एंडोक्रिनोलॉजी प्रोग्राम इसी विभाग में शुरू हुआ था. जिसके प्रो. डैश पहले छात्र थे. पीजीआई में प्रतिवर्ष आने वाले करीब 30 लाख रोगियों में से 5 फीसदी एंडोक्रिनोलॉजी विभाग द्वारा देखे जाते हैं.

50 पैसे की गोली से थायराइड किया जा सकता है कंट्रो (Etv Bharat)

थायराइड की बीमारी महिलाओं में ज्यादा: आज के समय में थायराइड की बीमारी देश के 20 फीसदी लोगों को है. थायराइड गले में पाए जाने वाला ग्लैंड होता है. थायराइड के अनेक रूप थायराइड ग्लैंड की हेल्थ के लिए अहम वस्तु की जरूर होती है. हमें नमक से आयोडीन मिलता है. ऐसे में अगर शरीर में आयोडीन की कमी आ जाए या मात्रा बढ़ जाए, तो थायराइड की समस्या हो सकती है. उन्होंने बताया कि थायराइड दो तरह का होता है. एक हाइपरथाइरोइडिस्म और दूसरा हाइपोथायरायडिज्म होता है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में थायराइड की समस्या सबसे ज्यादा पाई जाती है.

लक्षण और बचाव: पहले गर्भवती महिला का थायराइड टेस्ट नहीं कराया जाता था, लेकिन हर एक महिला को थायराइड टेस्ट कराया जाता है. उन्होंने थायराइड को आम भाषा में बता पाना मुश्किल हो सकता है. लेकिन शरीर में थकान, अंग कांपना, चेहरे पर सूजन आना जैसे लक्षण थायराइड के हो सकते हैं. डॉ. संजय ने बताया कि थायराइड डिफिशिएंसी के दौरान एक 50 पैसे की टेबलेट खाने से थायराइड कंट्रोल किया जा सकता है. जिस रोज भूखे पेट खाना होता है. थायराइड कंट्रोल में रहता है. हाइपो थायराइड का इलाज संभव है. ऐसे में मरीज को समय रहते अपने डॉक्टर को दिखाना होगा. दवा का समय पर सेवन करना होगा. जिससे वह थायराइड की समस्या से निजात पा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: जानलेवा है थायराइड की बीमारी, महिलाओं में पुरुषों से 5 गुना अधिक खतरा, बच्चों की ग्रोथ पर करता है अटैक

Last Updated : April 6, 2025 at 2:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.