लखनऊ: लोक निर्माण विभाग इन दिनों निर्माण संबंधित अपडेट रिपोर्ट प्रोफार्मा पर तत्काल मांगी जा रही है. इससे अभियंताओं में जबरदस्त नाराजगी है. ताजा मामला रविवार को प्रोफार्मा मांगे जाने का है. अभियंताओं का आरोप है कि अधिकारी उनका शोषण कर रहे हैं.
वह चाहते हैं कि बिना साइट विजिट के ही हम प्रोफार्मा भर कर दे दें. भविष्य में इस तरह से अगर जल्दबाजी में प्रोफार्मा मांगा गया तो इसके खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया जाएगा. उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्गों के नवनिर्माण, पुनर्निर्माण और मिसिंग लिंक जैसी योजनाओं की कार्य योजना 20 अप्रैल तक जमा करने के निर्देश पर डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने कड़ा विरोध जताया है.

संघ के मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि संघ ने विभाग के इस निर्णय को अव्यवहारिक करार देते हुए इसे त्रुटिपूर्ण और जल्दबाजी में लिया गया कदम बताया. संघ के अध्यक्ष इंजीनियर एनडी द्विवेदी ने प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि नवनिर्माण और मिसिंग लिंक जैसी योजनाओं के लिए विस्तृत सर्वे और डाटा संग्रह अनिवार्य है.
विभाग ने बिना पर्याप्त समय दिए 20 अप्रैल की समय सीमा तय कर दी, जिससे अभियंताओं पर अनुचित दबाव पड़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अपर्याप्त सर्वे के कारण त्रुटिपूर्ण कार्य योजना तैयार होने की प्रबल संभावना है. इससे न केवल विभाग की छवि धूमिल होगी, बल्कि फील्ड अभियंता दंड के भागी बन सकते हैं.
संघ ने यह भी बताया कि कार्य योजना के लिए प्रोफार्मा को बार-बार संशोधित किया जा रहा है. आखिरी बार 20 अप्रैल को दोपहर 2:30 बजे भी प्रोफार्मा में बदलाव किया गया. इस तरह की अनिश्चितता और जल्दबाजी से अभियंताओं में असंतोष और दबाव बढ़ रहा है.
डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने विभाग से प्रस्तावित मार्गों के सर्वे के लिए पर्याप्त समय देने की मांग की है ताकि योजनाएं त्रुटिहीन हों और विभाग की प्रतिष्ठा बनी रहे. संघ के मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि यह मांग न केवल अभियंताओं के हित में है, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि जनता को बेहतर सड़कें मिलें.
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