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डायनासोर के अंडों का घोंसला.. 10 करोड़ साल पुराने पेड़, धार में दिखेंगे अतिप्राचीन जीवन के निशान

धार जिले के बाघ स्थित डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का केन्द्र बनाने की तैयारी. डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अपने अंतिम चरण में.

Dinosaur Fossil National Park Dhar
डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान बनेगा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : October 12, 2025 at 5:32 PM IST

5 Min Read
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भोपाल: मध्य प्रदेश आज भले ही टाइगर स्टेट, चीता स्टेट और लैपर्ड स्टेट हो, लेकिन पूर्व में प्रदेश डायनासोर का घर भी रहा है. प्रदेश के धार जिले में डायनासोर के लाखों साल पुराने जीवाश्म मिले हैं, जो जल्द ही पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण का केन्द्र बनने जा रहा है. धार जिले के बाघ में डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान को अंतरराष्ट्रीय स्तर का केन्द्र बनाने के लिए इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अब अपने अंतिम चरण में है. इसके बाद इसके विकसित करने टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस नेशनल पार्क में लाखों साल पुराने जीवाश्म जगह-जगह उपलब्ध हैं.

डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान में बनेगा ओपन म्यूजियम

मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. देश के धार्मिक और पुरातत्व महत्व के पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है. इसके तहत ही अब धार जिले के बाघ स्थित राष्ट्रीय पार्क को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का केन्द्र बनाने के लिए योजना तैयार की जा रही है.

डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान बनेगा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र (ETV Bharat)

ईको पर्यटन विकास बोर्ड के प्रबंधक विशाल पाटिल बताते हैं, कंसल्टेंसी एजेंसी पहले ही तय हो चुकी है और अब इसकी डीपीआर का काम अंतिम चरण में है. इसके बाद तय होगा कि पर्यटन के लिहाज से इसमें क्या-क्या काम कराए जा सकते हैं. इसके साथ ही पूरे प्रोजेक्ट की लागत भी तय की जाएगी. उधर मध्य प्रदेश की मोहन सरकार अपने बजट में इसके लिए पहले ही इसका प्रावधान कर चुकी है. जो सरकार की इस मामले में रूचि को दिखाती है.

डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान बनेगा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र (ETV Bharat)

बताया जा रहा है कि इस पूरे क्षेत्र के डेवलपमेंट के लिए ग्लोबल एजेंसी तय की जाएगी. यहां एक बड़ा ओपन म्यूजियम तैयार किया जाएगा, ताकि यहां आने वाले पर्यटक लाखों साल पुराने पर्यटन स्थलों को नजदीक से देख और समझ सकें, साथ ही यह बड़ा पर्यटन का केन्द्र भी बनकर उभरे.

Dinosaur Fossil National Park Dhar
डायनासौर के अंडे (ETV Bharat)

इस पार्क में क्या-क्या मिला...

विशाल पाटिल बताते हैं कि इस नेशनल पार्क में कई डायनासोर के अंडे मिल चुके हैं. धार से प्राप्त अंडज प्रजातियां एम. जबलपुरेंसिस और एफ. बाघेंसिस दक्षिण अमेरिका और दक्षिणी यूरोप से भी मिल चुके हैं. इससे इस तथ्य का पता चलता है कि अफ्रीका से लेकर दक्षिणी देश और दक्षिणी यूरोप में पुरा जैवभूगोल संबंधी एक अनुक्रम मौजूद था. यहां पोडोकार्पेस वृक्ष के तने के जीवाश्म भी मिले हैं.

Dinosaur Fossil National Park Dhar
डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (ETV Bharat)

यह पोडोकार्पेसी उस सुपर महाद्वीप गोंडवाना की स्थानिक वृक्ष प्रजाति थी जो 10.5 करोड़ साल से 4.5 करोड़ वर्ष पूर्व के मध्य विखंडित हो चुका था. यह वनस्पति अंटार्टिका वनस्पति की खास पहचान भी है. इसके अलावा शार्क मछली के दांत, करीबन 80 लाख वर्ष पूर्व के फायजा या दक्षिणावर्ती शंख मिल चुके हैं. साल 2017 और 2020 के दौरान यहां विशेषज्ञों द्वारा किए गए अनुसंधान में शाकाहारी टाइटैनोसॉर के अंडों का घोंसला का पता चला था.

इसमें करीबन 256 जीवाश्म अंडे पाए गए थे. हर्ष धीमान, विशाल वर्मा और गुंटुपल्ली प्रसाद का शोध पत्र भी जारी किया गया. इसके मुताबिक सेशेल्स के अलग होने से नर्मदा नदी में 400 किलोमीटर अंदर तक टेथिस सागर आ गया था और टेथिस सागर और नर्मदा आपस में मिल गए थे.

वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केन्द्र

धार के बाघ में यह जीवाश्म पार्क अभी भले ही विकसित न हुआ हो, लेकिन पुरातत्वविदो, वैज्ञानिकों के लिए यह आकर्षण और रिसर्च का क्षेत्र बना हुआ है. यहां लगातार पुरातत्वविद और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए पहुंच रहे हैं. हाल ही में यूनेस्को के जिओपार्क के वैज्ञानिक डॉ. अलीरेज और भू-गर्भशास्त्र विशेष खोमेजा नजमी डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे थे, और यहां मौजूद जीवाश्म को देख आश्चर्यचकित रह गए.

जीवाश्मों का होगा डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन

धार के वनमंडलाधिकारी विजयनंथम टी. आर कहते हैं कि यह अपने आप में अनूठा स्थान है, जो लाखों साल पुराने इतिहास के रहस्यों की जानकारी देता है. यहां मौजूद डायनासौर के जीवाश्म बताते हैं कि यह पूरा क्षेत्र लाखों साल पहले डायनासोर से भरा हुआ था. इसे संरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस पर काम चल रहा है. यहां आने वाले वैज्ञानिक और पुरातत्वविद् जीवाश्मों को देखकर आश्चर्य जताते हैं. आने वाले समय में इन तमाम जीवाश्मों का डिजिटल डॉक्युमेंटेशन भी तैयार किया जाएगा. इससे इस क्षेत्र को वैश्विक पहचान मिल सकेगी. वे बताते हैं, यहां ढेरों जीवाश्म हैं. इसके अलावा कई प्राचीन गुफाएं भी मौजूद हैं, जो आदिमानव युग की कहानी बताती हैं.