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बूंद बूंद पानी को मोहताज डिंडोरी के ग्रामीण, 2008 में दूषित पानी से 11 लोगों की हुई थी मौत - DINDORI WATER CRISIS

डिंडोरी में जलसंकट से परेशान ग्रामीण, दूषित पानी पीकर बुझा रहे हैं प्यास, कुएं की तलहटी से गंदा पानी भरने को मजबूर ग्रामीण.

DINDORI WATER CRISIS
डिंडोरी में जलसंकट से ग्रामीण परेशान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 6, 2025 at 6:57 PM IST

3 Min Read

डिंडोरी : मध्य प्रदेश के डिंडोरी में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही एक गांव भानपुर है, यहां के लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों के नसीब में शुद्ध पेयजल तक नहीं है. मजबूरी में यहां के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. गर्मी के मौसम में हालत तो और भी खराब हो जाते हैं. गांव में कुओं के जलस्रोत सूख गए हैं, जिससे जलसंकट गहरा हुआ है. ग्रामीण 50 से 100 फीट नीचे कुएं की तलहटी में पानी रिसने का इंतजार करते हैं.

गर्मी के कारण सूखे जलस्रोत

दरअसल, पूरा मामला मेंहदवानी जनपद क्षेत्र के भानपुर गांव का है. यहां के लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं और बूंद बूंद पानी के लिए ग्रामीणों को मोहताज होना पड़ रहा है. 600 से ज्यादा आबादी वाले गांव में करीब चार कुंए हैं और कई हैंडपम भी हैं, लेकिन गर्मी के कारण जलस्रोत सूख गए हैं. ग्रामीणों ने बताया, "रात दिन पानी के लिए उन्हें जद्दोजहद करना पड़ता है." ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि कुंए की तल्हटी में जब पानी का रिसाव होता है, उसके बाद ही उन्हें पानी नसीब हो पाता है.

कुएं की तलहटी का गंदा पानी भरने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

'2008 में 11 लोगों की हुई थी मौत'

भानपुर गांव के सरपंच गुलजार सिंह ने कहा, "इस गांव में 2008 में दूषित पानी पीने से 11 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बीमार हो गए थे. इसके बावजूद आज तक गांव में लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीण जनपद स्तर से लेकर जिला स्तर तक और कलेक्टर की जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ है. पीएसई विभाग और एसडीएम को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी गई है."

जल्द कराई जाएगी पानी की व्यवस्था

हालांकि, इस मामले में पीएचई अधिकारी गगनदीन कुमरे ने कहा, "भानपुर गांव में 600 लोगों की आबादी है. गांव में प्रशासन द्वारा कई हैंडपंप लगवाए गए हैं, लेकिन गर्मी के चलते कुछ हैंडपंपों से पानी नहीं निकल रहा है. इनमें से 2 हैंडपंप चल रहे हैं, लेकिन गर्मी की वजह से कम पानी दे रहे हैं. गांव के पास घाट होने के कारण गाड़ी पहुंच नहीं पा रही है. वैक्लपिक व्यवस्था कराकर एक हफ्ते के अंदर बोरिंग करवाकर ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी."

डिंडोरी : मध्य प्रदेश के डिंडोरी में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही एक गांव भानपुर है, यहां के लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों के नसीब में शुद्ध पेयजल तक नहीं है. मजबूरी में यहां के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. गर्मी के मौसम में हालत तो और भी खराब हो जाते हैं. गांव में कुओं के जलस्रोत सूख गए हैं, जिससे जलसंकट गहरा हुआ है. ग्रामीण 50 से 100 फीट नीचे कुएं की तलहटी में पानी रिसने का इंतजार करते हैं.

गर्मी के कारण सूखे जलस्रोत

दरअसल, पूरा मामला मेंहदवानी जनपद क्षेत्र के भानपुर गांव का है. यहां के लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं और बूंद बूंद पानी के लिए ग्रामीणों को मोहताज होना पड़ रहा है. 600 से ज्यादा आबादी वाले गांव में करीब चार कुंए हैं और कई हैंडपम भी हैं, लेकिन गर्मी के कारण जलस्रोत सूख गए हैं. ग्रामीणों ने बताया, "रात दिन पानी के लिए उन्हें जद्दोजहद करना पड़ता है." ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि कुंए की तल्हटी में जब पानी का रिसाव होता है, उसके बाद ही उन्हें पानी नसीब हो पाता है.

कुएं की तलहटी का गंदा पानी भरने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

'2008 में 11 लोगों की हुई थी मौत'

भानपुर गांव के सरपंच गुलजार सिंह ने कहा, "इस गांव में 2008 में दूषित पानी पीने से 11 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बीमार हो गए थे. इसके बावजूद आज तक गांव में लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीण जनपद स्तर से लेकर जिला स्तर तक और कलेक्टर की जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ है. पीएसई विभाग और एसडीएम को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी गई है."

जल्द कराई जाएगी पानी की व्यवस्था

हालांकि, इस मामले में पीएचई अधिकारी गगनदीन कुमरे ने कहा, "भानपुर गांव में 600 लोगों की आबादी है. गांव में प्रशासन द्वारा कई हैंडपंप लगवाए गए हैं, लेकिन गर्मी के चलते कुछ हैंडपंपों से पानी नहीं निकल रहा है. इनमें से 2 हैंडपंप चल रहे हैं, लेकिन गर्मी की वजह से कम पानी दे रहे हैं. गांव के पास घाट होने के कारण गाड़ी पहुंच नहीं पा रही है. वैक्लपिक व्यवस्था कराकर एक हफ्ते के अंदर बोरिंग करवाकर ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी."

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