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पीएम आवास पर बुलडोजर एक्शन, फर्जीवाड़ा करने वालों पर हाईकोर्ट की सख्ती शुरु - DINDORI BULLDOZER ACTION ON PM AWAS

डिंडोरी में सरकारी जमीन को निजी दिखा प्रधानमंत्री आवास बनाने वालों के घर जेसीबी से जमींदोज. जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर चला बुलडोजर.

Dindori Bulldozer Action On PM Awas
डिंडोरी में सरकारी जमीन पर बने पीएम आवास तोड़े गए (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 9, 2025 at 4:02 PM IST

Updated : April 9, 2025 at 4:26 PM IST

3 Min Read

डिंडोरी: जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद आदिवासी जिले डिंडोरी में बने 3 प्रधानमंत्री आवास को जमींदोज कर दिया गया. इस दौरान देवरी कला गांव में भारी पुलिस फोर्स के साथ राजस्व विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही. बता दें कि इन परिवारों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर प्रधानमंत्री आवास बना लिए थे. महिलाओं ने इस कार्रवाई का विरोध भी किया और आरोप लगाया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया.

सरकारी जमीन पर बनाए प्रधानमंत्री आवास

मामला डिंडोरी जिले के शहपुरा जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवरी कला का है. यहां लगभग 3 साल पहले शासकीय भूमि पर 3 प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण कराया गया था. यह भूमि शासकीय दस्तावेजों में खसरा नंबर 111 रकबा 0.09 हेक्टेयर भूमि शासकीय छोटे झाड़ का जंगल और घास मद में 12 x 10 -120 वर्ग मीटर भूमि दर्ज है. प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने वालों में रोजगार सहायक गणेश प्रसाद पिता माधव दास गोलिया, मगनू पिता गौरा मेहरा और इमरत पिता मगनू मेहरा शामिल हैं. आरोप है कि इन लोगों ने प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने के लिए पहले जियो टैग में निजी भूमि होना दर्शाया. जैसे ही हितग्राही सूची में नाम आया तो तीनों ने शासकीय भूमि में प्रधानमंत्री आवास निर्माण करवा लिया.

सरकारी जमीन को निजी बताकर बनाए थे प्रधानमंत्री आवास (ETV Bharat)

'हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई'

शहपुरा तहसीलदार पुष्पेंद्र पंद्रे ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि "ग्राम देवरी कला के तीनों ग्रामीणों के पीएम आवास को हाई कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था. इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया. जिसके बाद शहपुरा थाना की पुलिस फोर्स के साथ मिलकर 8 अप्रैल को शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कारवाई शुरू की गई."

'शहपुरा तहसीलदार ने दिया था नोटिस'

शहपुरा तहसीलदार पुष्पेंद्र पंद्रे ने बताया कि "हाईकोर्ट के आदेश के बाद देवरी कला गांव में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर शहपुरा तहसीलदार ने 4 अप्रैल को बिछिया के राजस्व निरीक्षक को पत्र लिखा था. जिसमें उल्लेख था कि सभी अतिक्रमणकारी 7 अप्रैल तक अपना अतिक्रमण हटा लें अन्यथा राजस्व अमले के द्वारा 8 अप्रैल की सुबह 11 बजे से अतिक्रमण हटाने की कारवाई की जाएगी. वही कब्जा हटाने का व्यय अतिक्रमणकारियों से भू राजस्व वसूली की भांति किया जाएगा."

Dindori Houses Bulldozed
शहपुरा तहसीलदार ने दिया नोटिस (ETV Bharat)

देवरी कला की महिला ने की थी शिकायत

देवरी कला गांव की जागरूक महिला द्वेगा बाई पति छोटेलाल तिवारी ने शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन सहित जबलपुर हाई कोर्ट की शरण ली थी. शहपुरा तहसीलदार पुष्पेंद्र पंद्रे ने बताया कि "द्वेगा बाई की शिकायत पर हाईकोर्ट ने शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए शहपुरा तहसीलदार को 7 दिनों का समय दिया था. जिसके तहत हाईकोर्ट के परिपालन में यह कारवाई की गई है."

जिला पंचायत से वसूली के आदेश हुए थे जारी

देवरी कला गांव के रोजगार सहायक के द्वारा निजी भूमि के नाम पर शासकीय भूमि में प्रधानमंत्री आवास निर्माण किया गया था. ग्राम सचिव की शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ ने आवास की राशि की वसूली के आदेश भी जारी किए थे. वही जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहपुरा प्रशासन द्वारा की गई यह कारवाई उन लोगों के लिए सबक है जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लेते हैं.

डिंडोरी: जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद आदिवासी जिले डिंडोरी में बने 3 प्रधानमंत्री आवास को जमींदोज कर दिया गया. इस दौरान देवरी कला गांव में भारी पुलिस फोर्स के साथ राजस्व विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही. बता दें कि इन परिवारों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर प्रधानमंत्री आवास बना लिए थे. महिलाओं ने इस कार्रवाई का विरोध भी किया और आरोप लगाया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया.

सरकारी जमीन पर बनाए प्रधानमंत्री आवास

मामला डिंडोरी जिले के शहपुरा जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवरी कला का है. यहां लगभग 3 साल पहले शासकीय भूमि पर 3 प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण कराया गया था. यह भूमि शासकीय दस्तावेजों में खसरा नंबर 111 रकबा 0.09 हेक्टेयर भूमि शासकीय छोटे झाड़ का जंगल और घास मद में 12 x 10 -120 वर्ग मीटर भूमि दर्ज है. प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने वालों में रोजगार सहायक गणेश प्रसाद पिता माधव दास गोलिया, मगनू पिता गौरा मेहरा और इमरत पिता मगनू मेहरा शामिल हैं. आरोप है कि इन लोगों ने प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने के लिए पहले जियो टैग में निजी भूमि होना दर्शाया. जैसे ही हितग्राही सूची में नाम आया तो तीनों ने शासकीय भूमि में प्रधानमंत्री आवास निर्माण करवा लिया.

सरकारी जमीन को निजी बताकर बनाए थे प्रधानमंत्री आवास (ETV Bharat)

'हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई'

शहपुरा तहसीलदार पुष्पेंद्र पंद्रे ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि "ग्राम देवरी कला के तीनों ग्रामीणों के पीएम आवास को हाई कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था. इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया. जिसके बाद शहपुरा थाना की पुलिस फोर्स के साथ मिलकर 8 अप्रैल को शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कारवाई शुरू की गई."

'शहपुरा तहसीलदार ने दिया था नोटिस'

शहपुरा तहसीलदार पुष्पेंद्र पंद्रे ने बताया कि "हाईकोर्ट के आदेश के बाद देवरी कला गांव में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर शहपुरा तहसीलदार ने 4 अप्रैल को बिछिया के राजस्व निरीक्षक को पत्र लिखा था. जिसमें उल्लेख था कि सभी अतिक्रमणकारी 7 अप्रैल तक अपना अतिक्रमण हटा लें अन्यथा राजस्व अमले के द्वारा 8 अप्रैल की सुबह 11 बजे से अतिक्रमण हटाने की कारवाई की जाएगी. वही कब्जा हटाने का व्यय अतिक्रमणकारियों से भू राजस्व वसूली की भांति किया जाएगा."

Dindori Houses Bulldozed
शहपुरा तहसीलदार ने दिया नोटिस (ETV Bharat)

देवरी कला की महिला ने की थी शिकायत

देवरी कला गांव की जागरूक महिला द्वेगा बाई पति छोटेलाल तिवारी ने शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन सहित जबलपुर हाई कोर्ट की शरण ली थी. शहपुरा तहसीलदार पुष्पेंद्र पंद्रे ने बताया कि "द्वेगा बाई की शिकायत पर हाईकोर्ट ने शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए शहपुरा तहसीलदार को 7 दिनों का समय दिया था. जिसके तहत हाईकोर्ट के परिपालन में यह कारवाई की गई है."

जिला पंचायत से वसूली के आदेश हुए थे जारी

देवरी कला गांव के रोजगार सहायक के द्वारा निजी भूमि के नाम पर शासकीय भूमि में प्रधानमंत्री आवास निर्माण किया गया था. ग्राम सचिव की शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ ने आवास की राशि की वसूली के आदेश भी जारी किए थे. वही जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहपुरा प्रशासन द्वारा की गई यह कारवाई उन लोगों के लिए सबक है जो सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लेते हैं.

Last Updated : April 9, 2025 at 4:26 PM IST
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