दुर्ग: दुर्ग भिलाई पुलिस ने एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों से भारी ठगी करने वाले आरोपी को मुंबई और ठाणे से गिरफ्तार किया है. अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी न्यू टाउन कोलकाता से हुई है. इन सबका सरगना एक ही शख्स निकला है. ठाणे से गिरफ्तार किया गया शख्स इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है. इसने पश्चिम बंगाल, राजस्थान और झारखंड तक अपने गुर्गों को फैला रखा था.
आधार कार्ड के गलत उपयोग का झांसा देकर ठगी: दुर्ग के एसपी जितेंद्र शुक्ला ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप को फोन पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. जिसमें फोन करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग अपराध में हुआ है. इसलिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है.
डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी: ठगों ने पीड़ित से पैसों की डिमांड की. डिजिटल अरेस्ट का नाम सुनकर पीड़ित ने कुल 49,01,196 रुपये अलग अलग खातों में जमा कर दिए. पीड़ित ने दुर्ग पुलिस में केस दर्ज कराया. उसके बाद पुलिस ने केस की जांच शुरू की. पुलिस ने इस केस में एक आरोपी को महाराष्ट्र के ठाणे से अरेस्ट किया. आरोपी का नाम सद्दाम मुल्ला है. उसके खिलाफ बीएनएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
कोलकाता से दो आरोपी गिरफ्तार: सद्दाम मुल्ला से पूछताछ के बाद दुर्ग पुलिस के एक्शन में और तेजी आई. नए इनपुट और लीड के आधार पर दुर्ग पुलिस ने कोलकाता से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सोमनाथ ढोबले और नवीद नाम के आरोपी कोलकाता से अरेस्ट किए गए. मास्टरमाइंड सद्दाम मुल्ला ने अपने साथियों के जरिए तीन लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल फ्रॉड की रकम को ट्रांसफर करने में करता था. उसने इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी,पासवर्ड और रजिस्टर्ड सिम कार्ड राजस्थान के उदयपुर निवासी तीन अन्य व्यक्तियों को दिए थे.
झारखंड में भी फैला था जाल: ठगी के रकम को यह कई खातों में सर्कुलेट करते थे. पहले ये आरोपी राजस्थान में अपने दोस्तों के यहां खातों में पैसे ट्रांसफर करते थे. उसके बाद में अन्य खातों में ये रकम ट्रांसफर किया जाता था. आरोपी झारखंड निवासी नरेंद्र उर्फ टिंकू, उपेंद्र और सुखबीर सिंह समेत अन्य लोगों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देते थे. तीन प्रतिशत की कमीशन पर ये ठगी की रकम को सर्कुलेट करते थे.
गिरफ्त में आए साइबर क्राइम गिरोह के तार राजस्थान, झारखंड और महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं. पुलिस इन राज्यों में भी जांच कर रही है.गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है.जल्द ही इससे जुड़े गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया जाएगा. अभी इन्हें कोर्ट में पेश किया गया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को न्यायिकत रिमांड पर भेजा है- जितेंद्र शुक्ल, एसपी, दुर्ग
पुलिस ठगी के रकम और उसके रूट की जांच कर रही है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ठगी की रकम कहां कहां ट्रांसफर की जाती थी. कैसे यह ठग गिरोह और लोगों को चूना लगाने का काम करते थे. इसकी भी जांच की जा रही है.