पटना: 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया, इसी बीच एक शराब पार्टी का वीडियो काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. वीडियो के बारे में बताया जा रहा था कि यह मसौढ़ी उपकारा का है, जिसमें जेल के कैदी शराब पार्टी कर रहे हैं.
5 घंटे तक जांच: इस तरह की जानकारी मिलने के बाद जेल प्रशासन हरकत में आयी. बेऊर जेल डीआईजी नवीन कुमार झा ने मसौढी उपकारा पहुंचकर तकरीबन 5 घंटों तक मैराथन जांच की है. जांच के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने बस एक लाइन का जवाब देते हुए कहा कि इसकी पूरी सत्यता की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
"हमने कल रात से ही जांच के निर्देश दिए हैं. सुबह 10:30 बजे मसौढ़ी उपकारा पहुंचे हैं. तकरीबन 2:30 बजे तक पूरी जांच चली है. पूरी सत्यता की गहन जांच की जाएगी. दोषियो को बख्शा नहीं जाएगा." -नवीन कुमार झा, डीआईजी, आदर्श बेऊर केंद्रीय कारा, पटना
विश्व तंबाकू दिवस के मौके पर मसौढ़ी जेल में सोमवार को सभी जेल के पुलिस पदाधिकारी ने संकल्प लिया. कसमें खाई कि 'आज के बाद ना हम नशा करेंगे और ना ही जेल के परिसर के बाहर नशा करने देंगे. नशा एक अभिशाप है. नशा छोड़ने में है भलाई..'
वीडियो में 6 लोग: दूसरी ओर जेल में बंद कैदी कथित रूप से शराब पार्टी कर रहे हैं. इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. बताया जाता है कि मसौढ़ी जेल के अंदर गौतम खंड के वार्ड नंबर 2 में बंद 6 बंदियों द्वारा यह शराब पार्टी का वीडियो बनाया गया था. उसी में से एक बंदी के फेसबुक आईडी से लाइव किया गया था.
सभी कैदियों से पूछताछ: मंगलवार की सुबह 10:00 बजे डीआईजी नवीन कुमार झा अपनी पूरी टीम के साथ पहुंचे. जेल के अंदर जाने के बाद विभिन्न वार्डों की सघन तलाशी ली गयी. उन सभी छह बंदियों को बुलाकर बारी-बारी से पूछताछ की गयी. तकरीबन 1:00 बजे तक मसौढ़ी एसडीएम अभिषेक कुमार, डीएसपी नव वैभव पहुंचे और फिर से तहकीकात की गई.
क्या फेक वीडियो है?: जानकारी मिल रही है कि 6 बंदियों से लिखित रूप से लिया गया है कि 'वह सभी एक मजाक के रूप में शराब पार्टी का नाटकीय ढंग से वीडियो तैयार कर रहे थे ताकि जेल प्रशासन की पोल खोली जाए. हालांकि उस वीडियो में गांजा पीने का भी दृश्य दिखा है. लोगों ने बस चिलम फूकने की बात लिखी है.
मोबाइल वाले कैदी पर प्राथमिकी: हालांकि वीडियो में कहीं भी शराब नहीं दिख रही है लेकिन एक कैदी के कान पर सिगरेट रखा हुआ था. जिस कैदी ने मोबाइल लाया था उसपर मसौढ़ी जेल प्रशासन द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. इसको लेकर कार्रवाई की जा रही है. सवाल है कि जेल के अंदर मोबाइल फोन कैसे गया?
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