प्रयागराजः दमोह के मिशनरी अस्पताल में 7 लोगों को मौत के मुंह में धकेलने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम (मूल नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव) के असली पते को लेकर अब पुलिस उलझ गई है. प्रयागराज में दमोह पुलिस ने जब उसके ओमेक्स आनंदा के फ्लैट नंबर 511 से 10 अप्रैल को जुटाए साक्ष्यों की जांच की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए.
उसके फ्लैट से 3 आधार कार्ड पुलिस को मिले हैं. उन पर आधार नंबर तो एक ही है पर पते वेस्ट बंगाल, ओडिसा व छत्तीसगढ़ के मिले हैं. ऐसे में पुलिस कन्फ्यूज हो गई है कि आखिर उसका असली पता कौन सा है. अभी तक यह रहस्य ही बना हुआ है.
वहीं, पुलिस को जांच में पता चला है कि उसकी पुडुचेरी यूनिवर्सिटी पर वाइस चांसलर के फर्जी साइन हुए हैं. इस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर उपराष्ट्रपति हैं.
डिग्रियों की जांच के लिए टीमें दो राज्यों में रवानाः दमाेह के पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम मूलत: कहां का रहने वाला है इस पर जांच जारी है. अभी तक उसके पश्चिम बंगाल, ओडिशा के पते मिले हैं. उसकी डिग्रियों की भी जांच के लिए पुलिस की टीमों को रवाना किया है. एक टीम पश्चित बंगाल भेजी गई है, जहां से उसने एमबीबीएस करने का दावा किया है.
दूसरी टीम पुडुचेरी रवाना की गई है. पुडुचेरी से उसने एमडी करने का दावा किया है. इन सभी डिग्रियों की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. उसके आधार पर अलग-अलग पते मिले हैं. वह मूलत: कहां का रहने वाला है इसका अभी कुछ नहीं पता चल पाया है.

रेफ्रिजरेटर में मिला चिकन और अंडाः दमोह पुलिस ने 10 अप्रैल को नरेंद्र जॉन केम के प्रयागराज स्थित ओमेक्स आनंदा के पांचवें तल पर स्थित 511 नंबर के फ्लैट में रेड डाली. जांच में पुलिस को कई साक्ष्य और दस्तावेज मिले हैं. उनकी जांच की जा रही है. जब फ्लैट में जांच शुरू की गई तो फ्रिज में चिकन मिला.
चिकन और कुत्ते पालने का शौकीन है नरेंद्रः चिकन का नरेंद्र जांच केम शौकीन था. उसने एक हाई ब्रीड का एक कुत्ता भी पाल रखा था, जिसे पुलिस ने नौकर के हवाले कर दिया. पुलिस ने नौकर से भी पूछताछ की है. यह पूछताछ उसकी रूटीन को लेकर और मिलने जुलने वालों के बारे में की गई है. पूछताछ में पता चला है कि नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज के अस्पतालों में भी प्रैक्टिस करने जाता था.
कहां कहां जाता था इसकी भी जांच होगी. माना जा रहा है कि यहां रहने के दौरान उसने प्रयागराज में भी कुछ हार्ट सर्जरी की होंगी. इस बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है.
1990 में नाम बदलने की कोशिश भी की थीः प्रयागराज में जांच के लिए आई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुडुचेरी यूनिवर्सिटी की एमडी की एक डिग्री जांच में फ्लैट से मिली है. डिग्री पर जो वाइस चांसलर के साइन थे वो फर्जी पाए गए हैं. पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया होते हैं और वाइस चांसलर उप राष्ट्रपति होते हैं. साइन का मिलान करने पर पता चला कि नरेंद्र जॉन केम ने फर्जी तरीके से साइन के ऊपर टेंपरिंग कर फर्जी साइन बनाया है.
लंदन जाने का किया था दावाः एसपी दमोह श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि नरेंद्र जॉन केम ने पूछताछ में बताया कि वह 1999 में लंदन गया था और एक मेडिकल कोर्स किया था. यह मेडिकल कोर्स करने के बाद भारत में प्रैक्टिस करने के लिए एमडी की डिग्री करना जरूरी था. उसके बिना भारत में प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे इसलिए एन जॉन केम ने एक MD की डिग्री जाली बनाई. इसके बाद कम समय में नाम कमाने के लिए 1999 से यूके के प्रोफेसर जॉन कैम से अपना नाम बदलने की कोशिश की. कानपुर में संबंधित अधिकारियों को अपना नाम बदलने के लिए दस्तावेज भी जमा किए, लेकिन किसी कारणवश कदम पीछे खींच लिए.
दिल्ली के कई नामी अस्पतालों में भी कर चुका है हार्ट सर्जरीः एसपी श्रुत कीर्ति ने आगे बताया कि नरेंद्र यादव ने पूछताछ में बताया कि 2004 में लंदन से कोर्स करने के बाद दिल्ली के कई नामी अस्पतालों में काम किया है. हैदराबाद में अभ्यास करने के लिए लौटने से पहले एक कोर्स के लिए शिकागो चला गया था. इसके बाद 2010 में एक अन्य कोर्स जर्मनी के नूर्नबर्ग से भी किया है.
तीन साल वहीं रहने के बाद 2013 में भारत लौटा. इस बीच उनका फर्जीवाड़ा उजागर हो गया था और नोएडा में आईटी एक्ट के तहत एफआई आर दर्ज होने के बाद भारतीय चिकित्सा संघ ने प्रैक्टिस करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. जब नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को प्रतिबंधित कर दिया गया तब उसने अपनी पहचान बदलने का प्रयास शुरू किया. एन जॉन कैम के नाम से एक ट्विटर अकाउंट बनाया और ट्वीट करना शुरू कर दिया.
योगी आदित्यनाथ को लेकर ट्वीट के जरिए बटोरी सुर्खियांः नरेंद्र जॉन केम ने 2023 में ट्विटर पर अपनी वेरीफाइड आईडी से एक ट्वीट किया था. उसने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी और उनके साथ अपनी फर्जी तस्वीर भी साझा की थी. इसमें कहा गया था कि योगी आदित्यनाथ को फ्रांस के दंगों को रोकने के लिए फ्रांस भेज देना चाहिए. उसने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी अपनी फर्जी तस्वीर ट्वीट की थी. यह सब इंप्रेशन झाड़ने के लिए वह करता था.
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष की भी की थी हार्ट सर्जरी: मध्य प्रदेश पुलिस की जांच में एक-एक करके लगातार खुलासे हो रहे हैं. जांच में पता चला कि कोटा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की भी नरेंद्र जॉन केम ने 20 अगस्त 2006 को बिलासपुर शहर के अपोलो अस्पताल में सर्जरी की थी. वह 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष भी रहे थे. सर्जरी के 20 दिन बाद ही राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत हो गई थी.
बेटे ने नरेंद्र पर लगाए थे गंभीर आरोपः उनके सबसे छोटे बेटे प्रदीप शुक्ला ने पुलिस को बताया कि डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव 2006 में अपोलो अस्पताल में नौकरी कर रहा था. उनके पिता वहीं पर भर्ती थे. फर्जी डॉक्टर ने मेरे पिता के हृदय की सर्जरी का सुझाव दिया और हार्ट सर्जरी कर दी. उसके बाद 20 अगस्त 2006 को उनके डेथ हो गई. उन्हें 18 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया. बाद में हमें दूसरे लोगों से पता लगा कि नरेंद्र यादव के पास डॉक्टरी की डिग्री नहीं है वह एक धोखेबाज है. बाद में उस यहां से हटा दिया गया.