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सरकारी उदासीनता से खत्म हो रहा एथलीट अन्नू का करियर, आर्थिक तंगी के कारण खेल पर नहीं दे पा रहीं ध्यान - DHANBAD ATHLETE ANNU

सरकारी की अनदेखी की वजह से झारखंड की एक बेटी एथलेटिक्स में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है.

Dhanbad athlete Annu
मेडल के साथ अन्नू (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 29, 2025 at 5:44 PM IST

4 Min Read

धनबाद: खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का दावा सरकार जरूर करती है, लेकिन धरातल पर यह सोच थोड़ी अलग नजर आती है. कुछ यही हाल बलियापुर के मोदीडीह की रहने वाली एथलीट अन्नू की है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का नाम रौशन कर चुकी है. लेकिन पैसों की कमी के कारण अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पा रही है. अन्नू लेजर रन की खिलाड़ी हैं, जिसमें दौड़ के साथ शूटिंग भी करनी पड़ती है.

अन्नू ने 12 वीं की परीक्षा इसी साल दी है. अन्नू एथलेटिक्स में बचपन से ही तनमन से लगी रही. उनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. अन्नू के पिता सुभाष चंद्र महतो पुणे में दर्जी का काम करते हैं और मां गांव में दिहाड़ी मजदूरी करती हैं. इसके अलावा खेती भी कुछ काम करती हैं. अन्नू की एक बड़ी बहन और छोटा भाई है. सभी का पालन पोषण काफी कठिनाई भरा है.

अन्नू और उनकी मां से बात करते संवाददाता नरेंद्र निषाद (ईटीवी भारत)

नेशनल और इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेल चुकी हैं अन्नू

अन्नू बताती हैं कि वह स्टेट, नेशनल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं. नेशनल में महाराष्ट्र, अमरावती और उत्तराखंड में खेल चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चाइना में खेल चुकी हैं. आगे बेहतर प्रदर्शन कर सके, इसके लिए रांची के मोरहाबादी में प्रैक्टिस कर रही हैं. रांची में वे एक गैर सरकारी खेल एकेडमी में प्रैक्टिस करती थीं, जहां उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता था.

खेल पदाधिकारी का बयान (ईटीवी भारत)

ऐसे हुई एथलेटिक्स में एंट्री

अन्नू ने बताया कि एक बार जब वह 10 साल की थी तो मां ने उन्हें पढ़ने के लिए डांट लगाई, डांट के कारण अन्नू घर से बाहर भागकर पास के एक ग्राउंड में चली गई. वहां ग्राउंड में दौड़ लगाने की प्रतियोगिता चल रही थी. अन्नू ने उस प्रतियोगिता में भाग लिया और मेडल हासिल किया. पुरस्कार लेकर जब वह घर लौटी, तो मां ने बेटी के हाथों में पुरस्कार और गले में मेडल देखा तो गुस्सा प्यार में बदल गया. तब से लेकर अब तक उनकी मां हमेशा उन्हें दौड़ में आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करती है.

Dhanbad athlete Annu
खेत में काम करती अन्नू (ईटीवी भारत)
बेटी पर गर्व- अन्नू की मां

अन्नू की मां कहती हैं कि आज अपनी बेटी पर काफी गर्व होता है, वह बेटी नहीं बल्कि बेटा है. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. अन्नू के पिता पुणे में दर्जी का काम करते हैं. महीने में हजार, दो हजार रुपए भेजते हैं. जिससे गुजर बसर चलता है. वह सरकार से मांग करती हैं कि सरकार अन्नू का भविष्य बना दें और उन्हें कुछ नहीं चाहिए. सरकारी स्तर पर जो सुविधाएं मिलती हैं, वह अन्नू को मिलनी चाहिए.

Dhanbad athlete Annu
अपनी मां के साथ अन्नू (ईटीवी भारत)

सरकार से नहीं मिल रहा कोई सहयोग- अन्नू

अन्नू ने बताया कि सरकारी स्तर पर किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. चीन में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में वे शामिल हुई थी. 5 जून 2024 को चीन में प्रतियोगिता हुई. उस वक्त प्रशासन ने 7 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया गया था. इसके बाद उन्होंने इसके लिए आवेदन भी दिया, लेकिन यह राशि अब तक नहीं उन्हें नहीं मिली है. अन्नू ने बताया कि इन पैसों के लिए उन्होंने कई बार निदेशालय का चक्कर लगाया, लेकिन वहां कहा जाता है अभी प्रोसेस में है.

Dhanbad athlete Annu
अपनी टीम के साथ अन्नू (ईटीवी भारत)

क्या कहते हैं खेल पदाधिकारी

वहीं, इस मामले में खेल पदाधिकारी उमेश लोहारा ने बताया कि इस संबंध में निदेशालय से बात की गई है. निदेशालय के अनुसार सात से अधिक देश किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शामिल होते हैं, तभी उसे इंटरनेशनल टूर्नामेंट माना जाता है. विभाग का कहना है कि जिस टूर्नामेंट में अन्नू शामिल हुई थीं, उसमें सात से कम देश के खिलाड़ी शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें 7 लाख रुपए नहीं मिले हैं. हालांकि उमेश लोहरा कहते हैं कि अगर उस टूर्नामेंट में सात से अधिक देशों के खिलाड़ियों के शामिल होने की पुष्टि होती है, तो उस स्थिति में कैश अवार्ड अन्नू को भुगतान कर दिया जाएगा.

लोहरा ने बताया कि उत्तराखंड में नेशनल टूर्नामेंट हुआ था, जिसमें अन्नू शामिल हुईं थीं. उनके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए 3 लाख रुपए की राशि सरकार की ओर से दी गई थी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी आर्थिक तंगी के कारण नहीं खेल पाते हैं तो उन्हें खिलाड़ी कल्याण कोष योजना के तहत मदद दी जाती है.

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धनबाद: खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का दावा सरकार जरूर करती है, लेकिन धरातल पर यह सोच थोड़ी अलग नजर आती है. कुछ यही हाल बलियापुर के मोदीडीह की रहने वाली एथलीट अन्नू की है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का नाम रौशन कर चुकी है. लेकिन पैसों की कमी के कारण अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पा रही है. अन्नू लेजर रन की खिलाड़ी हैं, जिसमें दौड़ के साथ शूटिंग भी करनी पड़ती है.

अन्नू ने 12 वीं की परीक्षा इसी साल दी है. अन्नू एथलेटिक्स में बचपन से ही तनमन से लगी रही. उनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है. अन्नू के पिता सुभाष चंद्र महतो पुणे में दर्जी का काम करते हैं और मां गांव में दिहाड़ी मजदूरी करती हैं. इसके अलावा खेती भी कुछ काम करती हैं. अन्नू की एक बड़ी बहन और छोटा भाई है. सभी का पालन पोषण काफी कठिनाई भरा है.

अन्नू और उनकी मां से बात करते संवाददाता नरेंद्र निषाद (ईटीवी भारत)

नेशनल और इंटरनेशनल टूर्नामेंट खेल चुकी हैं अन्नू

अन्नू बताती हैं कि वह स्टेट, नेशनल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं. नेशनल में महाराष्ट्र, अमरावती और उत्तराखंड में खेल चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चाइना में खेल चुकी हैं. आगे बेहतर प्रदर्शन कर सके, इसके लिए रांची के मोरहाबादी में प्रैक्टिस कर रही हैं. रांची में वे एक गैर सरकारी खेल एकेडमी में प्रैक्टिस करती थीं, जहां उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता था.

खेल पदाधिकारी का बयान (ईटीवी भारत)

ऐसे हुई एथलेटिक्स में एंट्री

अन्नू ने बताया कि एक बार जब वह 10 साल की थी तो मां ने उन्हें पढ़ने के लिए डांट लगाई, डांट के कारण अन्नू घर से बाहर भागकर पास के एक ग्राउंड में चली गई. वहां ग्राउंड में दौड़ लगाने की प्रतियोगिता चल रही थी. अन्नू ने उस प्रतियोगिता में भाग लिया और मेडल हासिल किया. पुरस्कार लेकर जब वह घर लौटी, तो मां ने बेटी के हाथों में पुरस्कार और गले में मेडल देखा तो गुस्सा प्यार में बदल गया. तब से लेकर अब तक उनकी मां हमेशा उन्हें दौड़ में आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करती है.

Dhanbad athlete Annu
खेत में काम करती अन्नू (ईटीवी भारत)
बेटी पर गर्व- अन्नू की मां

अन्नू की मां कहती हैं कि आज अपनी बेटी पर काफी गर्व होता है, वह बेटी नहीं बल्कि बेटा है. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. अन्नू के पिता पुणे में दर्जी का काम करते हैं. महीने में हजार, दो हजार रुपए भेजते हैं. जिससे गुजर बसर चलता है. वह सरकार से मांग करती हैं कि सरकार अन्नू का भविष्य बना दें और उन्हें कुछ नहीं चाहिए. सरकारी स्तर पर जो सुविधाएं मिलती हैं, वह अन्नू को मिलनी चाहिए.

Dhanbad athlete Annu
अपनी मां के साथ अन्नू (ईटीवी भारत)

सरकार से नहीं मिल रहा कोई सहयोग- अन्नू

अन्नू ने बताया कि सरकारी स्तर पर किसी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है. चीन में वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में वे शामिल हुई थी. 5 जून 2024 को चीन में प्रतियोगिता हुई. उस वक्त प्रशासन ने 7 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया गया था. इसके बाद उन्होंने इसके लिए आवेदन भी दिया, लेकिन यह राशि अब तक नहीं उन्हें नहीं मिली है. अन्नू ने बताया कि इन पैसों के लिए उन्होंने कई बार निदेशालय का चक्कर लगाया, लेकिन वहां कहा जाता है अभी प्रोसेस में है.

Dhanbad athlete Annu
अपनी टीम के साथ अन्नू (ईटीवी भारत)

क्या कहते हैं खेल पदाधिकारी

वहीं, इस मामले में खेल पदाधिकारी उमेश लोहारा ने बताया कि इस संबंध में निदेशालय से बात की गई है. निदेशालय के अनुसार सात से अधिक देश किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शामिल होते हैं, तभी उसे इंटरनेशनल टूर्नामेंट माना जाता है. विभाग का कहना है कि जिस टूर्नामेंट में अन्नू शामिल हुई थीं, उसमें सात से कम देश के खिलाड़ी शामिल हुए थे, इसलिए उन्हें 7 लाख रुपए नहीं मिले हैं. हालांकि उमेश लोहरा कहते हैं कि अगर उस टूर्नामेंट में सात से अधिक देशों के खिलाड़ियों के शामिल होने की पुष्टि होती है, तो उस स्थिति में कैश अवार्ड अन्नू को भुगतान कर दिया जाएगा.

लोहरा ने बताया कि उत्तराखंड में नेशनल टूर्नामेंट हुआ था, जिसमें अन्नू शामिल हुईं थीं. उनके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए 3 लाख रुपए की राशि सरकार की ओर से दी गई थी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी आर्थिक तंगी के कारण नहीं खेल पाते हैं तो उन्हें खिलाड़ी कल्याण कोष योजना के तहत मदद दी जाती है.

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