धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के परिवार ने अनोखा जन्मोत्सव मनाया. यहां धूमधाम से गाय की बछिया का जन्मदिन मनाया गया. बछिया का नामकरण भी हुआ. बाकायदा इसके लिए आमंत्रण कार्ड छपवाए गए. शाम को केक काटा गया. बहुत सारे मेहमान आए. आसपास से भी लोग तैयार होकर गिफ्ट हाथ में लेकर आयोजन में शामिल हुए.
धमतरी के सोरिद वार्ड में रहने वाले बाबूलाल सिन्हा के परिवार के सदस्यों ने गाय की बछिया का जन्मदिन बड़े ही उत्साह के साथ मनाया. बाबूलाल सिन्हा बताते हैं कि एक गाय सड़क में मिली थी, तब वह बहुत छोटी थी. उस पर कुत्तों ने हमला कर दिया था, जिससे वह काफी जख्मी हो गई थी. गाय को अपनी गोद में उठाकर अपने घर ले आए थे और उसका इलाज कराया था. उसकी अच्छे से देखभाल की और उसे एक नई जिंदगी मिली. उसी गाय ने बछिया को जन्म दिया, जिसका जन्मदिन मनाया गया.
बछिया का जन्मोत्सव मना रहे हैं. बछिया का नाम राधिका रखा गया है. तीन पैर का ऑपरेशन कराया है. बछिया की मां का भी इलाज कराया. उसको कुत्तों ने काट दिया था-बाबूलाल सिन्हा
बाबूलाल सिन्हा ने बताया कि बछिया के जन्मदिन को यादगार बनाने लिए खास तैयारी की गई. जिस तरह इंसानों का जन्मदिन मनाया जाता है. ठीक उसी तरह उनके घर में जन्मदिन मनाने की तैयारी की गई. इंसानों के जन्मदिन मनाने के लिए पहले आमंत्रण कार्ड छपवाकर रिश्तेदारों को दिए जाते हैं. वैसे ही गाय की बछिया के जन्मदिन को खास बनाने के लिए हमने इनविटेशन कार्ड रिश्तेदारों और मोहल्ले में बांटे.

बाबूलाल सिन्हा ने बताया कि रविवार यानि 23 मार्च को सुबह से ही कार्यक्रम शुरू हो गया था. सबसे पहले सत्यनारायण कथा हुई. शाम 7 बजे बछिया का केक काटा गया. इसके बाद रामायण मंडली ने अपना कार्यक्रम दिया. मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी. खीर पूड़ी, बड़ा से लेकर कई तरह के व्यंजन बनाए गए.

बाबूलाल कहते हैं कि ''हमारा मकसद ये है कि सभी लोग गाय की सेवा करें. रोड में जानवरों के साथ दुर्घटना नहीं होनी चाहिए, यही मेरा उद्देश्य है. जैसे मैं एक गाय की सेवा कर रहा हूं, वैसे ही दूसरे लोग भी गौसेवा करें तो दुर्घटना नहीं होगी. हम गाय और उसकी बछिया को बच्चे की तरह रखते हैं. जैसे बिटिया का शृंगार करते हैं, वैसे ही बछिया को सजाया.''

बाबूलाल की पत्नी संतोषी बाई सिन्हा बताती हैं कि उनके घर अब दो बेटियां हो गई हैं. एक उनकी खुद की और एक गाय की बछिया. गाय का नाम उन्होंने लक्ष्मी रखा है और बछिया का नाम राधिका रखा गया है. राधिका और लक्ष्मी के लिए नए कपड़े लाए गए और घुंघरू भी पहनाया गया.

गाय का नाम लक्ष्मी और बछिया का नाम राधिका रखा है. गाय को बहुत ही सीरियस कंडीशन में मेरे पति घर लेकर आए थे. मैंने महामृत्युंजय जाप किया. डॉक्टर को बुलाया, फिर गाय बच गई. गौसेवा करने से हमें बहुत खुशी मिलती है. सुबह 5 बजे से हमारे घर में दूसरी गायें भी आती हैं, सभी को खिलाते पिलाते हैं-संतोषी, बाबूलाल की पत्नी
मोहल्ले के लोग भी राधिका के जन्मदिन मनाने को लेकर बेहद खुश नजर आए. पड़ोस के रहने वाले लोगों ने कहा कि वह गाय की बछिया का जन्मदिन मनाते हुए जिंदगी में पहली बार देख रहे हैं. बहुत अच्छी सोच है.

जन्मदिन में पहुंची स्थानीय निवासी लीना हांडे ने बताया कि पहली बार ऐसा आयोजन देख रहे हैं. बहुत अच्छा लग रहा है. हम जन्मदिन पर गिफ्ट भी लेकर आए हैं. गौ संरक्षण जरुरी है. गौ माता का दर्जा बहुत बड़ा है. कुत्तों का जन्मदिन मनाते तो देखा था, पहली बार गाय की बछिया का जन्मदिन मनाते देख रहे हैं. ऐसे आयोजन करने से लोगों में गौमाता के प्रति सेवा भावना जागृत होगी.
बाबूलाल के पड़ोसी अवधेश ठाकुर ने बताया कि जिस बछिया का जन्मदिन मना रहे हैं, उसकी मां का इस परिवार ने इलाज कराया. बछिया के पैर का भी ऑपरेशन कराया. हमें खुशी है कि हमारे मोहल्ले में ऐसा आयोजन हो रहा है.
गाय की बछिया के जन्मोत्सव में लगभग 300 लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की गई. सभी ने जमकर डांस भी किया और जन्मदिन को सेलिब्रेट किया. लोगों ने कहा कि इंसानों के जन्मदिन देखे हैं, लेकिन गाय की बछिया का जन्मदिन सेलिब्रेशन पहली बार देखा और इसमें शामिल हुए.