धमतरी: छत्तीसगढ़ की धमतरी पुलिस ने 22 मार्च को हुई 20 लाख की लूट का खुलासा किया है. इस मामले में एक नाबालिग समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने आरोपियों से 19 लाख 85 हजार रुपये बरामद किया है. एक एयर पिस्टल भी बरामद किया गया है. सभी आरोपी राजनांदगांव के रहने वाले हैं. धमतरी पुलिस ने घटना के महज 6 घंटे के अंदर ही आरोपियों को दबोच लिया.
धमतरी में कैसे हुई लूट: पुरषोत्तम साहू लखौली दुर्गा चौक राजनांदगांव अपने सेठ सागर गांधी के घर से बीस लाख रुपये लेकर धमतरी निवासी निर्मल जैन के पास छोड़ने के लिए अपने सेठ की मारूती सैलिरियो कार कमांक CG 08 AU 4942 में ड्राइवर राजेश साहू और परिचित मोहित साहू के साथ धमतरी के लिए निकला.
तभी शनिवार दोपहर डेढ़ बजे ग्राम पोटियाडीह कबीर आश्रम के पास स्पीड आ रही स्कॉर्पियो ने पीछे से कार को टक्कर मारी और एक्सीडेंट कर दिया. जिससे कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराते हुए बिजली खंभे से टकरा गई. स्कॉर्पियों से तीन नकाबपोश निकले और बंदूकनुमा हथियार दिखाकर मारूती में मौजूद लोगों से मारपीट की. कार के अंदर बैग में रखा 20 लाख रुपये कैश लूट कर फरार हो गए. प्रार्थी पुरषोत्तम साहू की रिपोर्ट पर अर्जुनी थाना में 309 (6) बी.एन.एस. के तहत केस दर्ज किया गया. 20 लाख की लूट के मामले में धमतरी पुलिस ने आरोपियों की पतासाजी के लिए अलग अलग टीम रवाना की.
धमतरी पुलिस ने लूट के आरोपियों को किया गिरफ्तार: रविवार की शाम धमतरी पुलिस ने खुलासा किया. धमतरी एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने बताया "मुख्य आरोपी नेमचंद बघेल है. उसे पता था कि राजनांदगांव से कैश गाड़ी में धमतरी जाने वाला है. दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का ड्राइवर नेमचंद बघेल के संपर्क में था. इन्होंने योजना बनाई कि गाड़ी का एक्सीडेंट करना है उसके बाद कार का कांच तोड़कर एयरगन का इस्तेमाल करते हुए बैग में रखे 20 लाख कैश की लूट की घटना को अंजाम दिया और स्कॉर्पियों से फरार हो गए. गाड़ी को ट्रेस किया गया. भागने के दौरान आरोपियों ने 3 बार स्कार्पियो की नम्बर प्लेट बदली. सीसीटीवी में वहीं गाड़ी नए नंबर के साथ दिखी. यही बड़ा क्लू बना और लुटेरे पकड़े गए. राजनांदगांव में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. जिनमें एक नाबालिग भी है. रायपुर और बालोद और राजनांदगांव पुलिस से मदद के बाद 6 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया."
एसपी ने आगे बताया कि 20 लाख की लूट के मामले में 19 लाख 85 हजार रुपये बरामद हुए हैं. आरोपियों ने 15 हजार रुपये कपड़े, खाने और शराब पीने में खर्च किया. सभी आरोपी राजनांदगांव के रहने वाले हैं. मुख्य आरोपी नेमचंद बघेल सेठ के पास काम करता था जिसे कुछ दिन पहले काम से निकाल दिया गया था. ये सब जानता था कि कैश का मूवमेंट किस तरह होता है, जिसके बाद इसने लूट की योजना बनाई. पूर्व ड्राइवर और वर्तमान ड्राइवर एक दूसरे के संपर्क में थे. इन्होंने अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट की योजना बनाई. मामले में एक आरोपी राजनीति से भी जुड़ा हुआ है. आरोपी पैसे बांटने की योजना बना रहे थे इसी दौरान पुलिस टीम ने इन्हें पकड़ा.

धमतरी पुलिस को बालोद और राजनांदगांव पुलिस की भी तकनीकी मदद मिली है. 20 लाख राजनांदगांव के व्यापारी सागर गांधी के थे. इस लूट की साजिश में सागर गांधी का पुराना और वर्तमान ड्राइवर भी शामिल था. वर्तमान ड्राइवर लूट के समय लूटी हुई कार को चला रहा था. इस वारदात में राजनांदगांव जिले का एक पूर्व सरपंच भी आरोपी बनाया गया है.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम:
- प्रदीप बंदे उम्र 22 साल साकिन नाथुनवागांव थाना डोगरगांव जिला राजनांदगांव
- ज्ञानचंद बंदे उम्र 28 साल साकिन नाथुनवागांव थाना डोगरगांव जिला राजनांदगांव
- राजेश साहू उम्र 30 साल साकिन बुद्ध भरदा थाना लालबाग जिला राजनांदगांव
- नेमचंद बघेल उम्र 30 साल साकिन नाथुनवागांव थाना डोगरगांव जिला राजनांदगांव
- कृष्णा भारती उम्र 36 साल साकिन लिटिया थाना लालबाग जिला राजनांदगांव
- नाबालिग भी निकला आरोपी
आरोपियों से जब्त सामग्री
- कैश 19,85,000/-
- स्कार्पियो वाहन कमांक CG 08 AN 4716 कीमती 900000/- रुपये
- स्वीफ्ट डिजायर कमांक CG 08 AQ 7420 कीमती 500000/-रुपये
- एयरगन कीमती 2000/- रुपये
पुलिस की पूछताछ में आरोपी नेमचंद बघेल ने बताया कि 4 साल पहले वह ममता ट्रेडिंग कंपनी एस एन ट्रेडर्स के मालिक सागर गांधी के पास ड्राइवर का काम करता था. उनका पैसा लेकर बताए हुए जगह पर जाकर छोड़ता था. सागर गांधी ने कुछ दिनों पहले उसे काम से निकाल दिया था. जिसके बाद वह दूसरे जगह ड्राइवर का काम करने लगा. राजेश साहू, वर्तमान में सागर गांधी के पास ड्राइवर था. वह भी पैसा लाने ले जाने का काम करता था. राजेश साहू और नेमचंद बघेल की आपस में बात होती रहती थी. तीन महीने पहले दोनों ने मिलकर लूट की योजना बनाई. इस प्लान में गांव के ज्ञानचंद बंदे, प्रदीप बंदे और कृष्णा भारती को शामिल किया. 22 मार्च को राजनांदगांव से पीछा करते हुए पोटियाडीह के पास घटना को अंजाम दिया.