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उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की 5388 संपत्ति, 2 हजार से अधिक डिजिटाइज्ड, धामी सरकार लेगी एक्शन - WAQF BOARD PROPERTY IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच के लिए धामी सरकार एक्शन में आ गई है. सरकार संपत्तियों की जांच कराने जा रही है.

Waqf Board property in Uttarakhand
उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच करेगी धामी सराकर. (FILE PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 5, 2025 at 9:35 PM IST

Updated : April 5, 2025 at 11:52 PM IST

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देहरादून: केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में वक्फ संशोधन बिल पास करा लिया. हालांकि अभी इसके विरोध में कई दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा रहे हैं. इधर उत्तराखंड में भी बोर्ड की संपत्तियों को लेकर सरकार ने अपना मत साफ कर दिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि बोर्ड से बाहर आने वाली संपत्तियों को जनहित के कार्य में लगाया जाएगा.

उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की 2147 जमीन (अलग-अलग हिस्से) पंजीकृत हैं. जबकि पूरी संपत्तियों की अगर जानकारी ली जाए तो यह संपत्ति 5388 अचल संपत्ति है. खास बात यह है कि उत्तराखंड में 2000 से अधिक बोर्ड की संपत्तियों (अलग-अलग रूप में) को डिजिटल भी किया गया है. इसके साथ ही 2000 से अधिक ऐसी संपत्ति भी हैं जिनका फिलहाल कोई अभिलेख नहीं मिला है. इन्हीं सब मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ऐसी संपत्तियों की जांच करवा रही है जिसका कोई अभिलेख नहीं है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह साफ कह दिया है कि अगर इन संपत्तियों का कोई वारिस नहीं होगा तो सरकार इन संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल यानी जनहित के कार्य करवाएगी. हालांकि बोर्ड का यह भी कहना है कि जिन संपत्तियों के अभिलेख नहीं है या जिन संपत्तियों का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है. बहुत जल्द इनका भी पंजीकरण हो जाएगा और अभिलेखों को भी विभाग को मुहैया करवाया जाएगा.

उत्तराखंड में सबसे अधिक संपत्ति हरिद्वार, उधम सिंह नगर और देहरादून के विकास नगर और सहसपुर क्षेत्र में मिली है. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी साफ कहा है कि बोर्ड की किसी भी ऐसी संपत्ति पर सरकार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करे.गी जिसका रिकॉर्ड पूरी तरह से सही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से जारी हुए बयान में यह कहा गया है कि राज्य में जिस तरह से अवैध मदरसों पर सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. इस तरह से किसी भी अवैध संपत्ति को किसी को हथियाने नहीं दिया जाएगा.

देहरादून: केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में वक्फ संशोधन बिल पास करा लिया. हालांकि अभी इसके विरोध में कई दल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा रहे हैं. इधर उत्तराखंड में भी बोर्ड की संपत्तियों को लेकर सरकार ने अपना मत साफ कर दिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि बोर्ड से बाहर आने वाली संपत्तियों को जनहित के कार्य में लगाया जाएगा.

उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की 2147 जमीन (अलग-अलग हिस्से) पंजीकृत हैं. जबकि पूरी संपत्तियों की अगर जानकारी ली जाए तो यह संपत्ति 5388 अचल संपत्ति है. खास बात यह है कि उत्तराखंड में 2000 से अधिक बोर्ड की संपत्तियों (अलग-अलग रूप में) को डिजिटल भी किया गया है. इसके साथ ही 2000 से अधिक ऐसी संपत्ति भी हैं जिनका फिलहाल कोई अभिलेख नहीं मिला है. इन्हीं सब मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ऐसी संपत्तियों की जांच करवा रही है जिसका कोई अभिलेख नहीं है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह साफ कह दिया है कि अगर इन संपत्तियों का कोई वारिस नहीं होगा तो सरकार इन संपत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल यानी जनहित के कार्य करवाएगी. हालांकि बोर्ड का यह भी कहना है कि जिन संपत्तियों के अभिलेख नहीं है या जिन संपत्तियों का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है. बहुत जल्द इनका भी पंजीकरण हो जाएगा और अभिलेखों को भी विभाग को मुहैया करवाया जाएगा.

उत्तराखंड में सबसे अधिक संपत्ति हरिद्वार, उधम सिंह नगर और देहरादून के विकास नगर और सहसपुर क्षेत्र में मिली है. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी साफ कहा है कि बोर्ड की किसी भी ऐसी संपत्ति पर सरकार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करे.गी जिसका रिकॉर्ड पूरी तरह से सही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरफ से जारी हुए बयान में यह कहा गया है कि राज्य में जिस तरह से अवैध मदरसों पर सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है. इस तरह से किसी भी अवैध संपत्ति को किसी को हथियाने नहीं दिया जाएगा.

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Last Updated : April 5, 2025 at 11:52 PM IST
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