रांची/चाईबासा: कोल्हान में पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बने माओवादियों के खिलाफ अभियान को और प्रखर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. 12 अप्रैल को माओवादियों के लैंड माइंस विस्फोट में शहीद हुए झारखंड जगुआर के जवान सुनील धान की शहादत के 48 घंटे के भीतर डीजीपी अनुराग गुप्ता आला पुलिस अधिकारियों के साथ चाईबासा पहुंचे. इस दौरान नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा कर कई अहम निर्देश दिए.
बैठक में चाईबासा एसपी अशुतोष शेखर ने मैप के जरिए संचालित अभियान की वस्तुस्थिति और क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. डीजीपी ने अभियान में शामिल सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों की हौसला अफजाई करते हुए अभियान को और कारगर तरीके से संचालित करने को कहा. उन्होंने आधारभूत संरचनाओं को भी मजबूत बनाने के बाबत कई निर्देश दिए.
दरअसल, 13 अप्रैल को टेंडर ग्राम के जगुआर मुख्यालय में शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है. सीएम ने कहा था कि हमारी जवान मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं. अब इनको आखिरी चरण में धकेलने में कामयाबी मिली है. इस दौरान कई जवान शहीद हुए हैं. अब हम (सुरक्षा बल) सफल ऑपरेशन की ओर आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा था कि जवान की शहादत जाया नहीं जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस मुहिम को अंतिम पड़ाव तक ले जाया जाएगा. सीएम के इस बयान के बाद ही डीजीपी के स्तर पर चाईबासा दौरे की तैयारी शुरु हो गई थी. लिहाजा, वे हेलिकॉप्टर से आलाधिकारियों की टीम के साथ चाईबासा पहुंचे और अभियान में शामिल जवानों की हौसला अफजाई कर स्पष्ट रूप से कह दिया कि कोल्हान में अभियान और प्रखर होगा.
समीक्षा बैठक में सीआरपीएफ के झारखंड सेक्टर के आईजी साकेत कुमार सिंह, दक्षिणी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के आईजी अखिलेश झा, आईजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकर, झारखंड जगुआर के आईजी अनुप बिरथरे, सीआरपीएएफ चाईबासा के डीआईजी परिचालन पूरन सिंह रन सत्तू, चाईबासा के एसपी आशुतोष शेखर समेत कई वरीय पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
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