सीकर: निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर शेखावाटी के सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल खाटूश्यामजी में आस्था का महासागर उमड़ पड़ा है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने रेवाड़ी से रींगस के बीच विशेष मेला स्पेशल ट्रेन का संचालन शुरू किया है, जिससे हरियाणा और राजस्थान के हजारों श्रद्धालुओं को खाटू धाम तक पहुंचने में बड़ी राहत मिली है. यह एकादशी वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण एकादशियों में से मानी जाती है, क्योंकि इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत रखने का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से पूरे वर्ष की सभी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि इस दिन खाटूश्यामजी मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.
रेवाड़ी से रींगस तक विशेष रेल सेवा : उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे द्वारा गाड़ी संख्या 09633/09634 रेवाड़ी-रींगस-रेवाड़ी मेला स्पेशल रेल सेवा चलाई जा रही है. यह सेवा 8 जून 2025 तक कुल 6 ट्रिप में चलेगी. यह ट्रेन अटेली, नारनौल, डाबला, नीमकाथाना, कांवट और श्रीमाधोपुर स्टेशनों पर ठहरेगी. यह सेवा विशेष रूप से ग्रामीण यात्रियों के लिए राहत का कार्य करेगी.
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- 09633 रेवाड़ी-रींगस मेला स्पेशल ट्रेन: रेवाड़ी से 22:50 बजे रवाना होकर रींगस 01:35 बजे पहुंचेगी (5 जून से 7 जून तक)
- 09634 रींगस-रेवाड़ी मेला स्पेशल ट्रेन: रींगस से 02:20 बजे रवाना होकर रेवाड़ी 05:20 बजे पहुंचेगी (6 जून से 8 जून तक)
खाटूश्यामजी मंदिर में निर्जला एकादशी की भव्यता : निर्जला एकादशी इस बार 6 जून को मनाई जा रही है. इस दिन का व्रत 6 जून की रात 2:15 बजे से शुरू होकर 7 जून की सुबह 4:47 बजे तक चलेगा. व्रत का पारण 7 जून को किया जाएगा. इस अवसर पर खाटूश्यामजी मंदिर में विशेष पूजा, महाआरती, संकीर्तन, और भजन संध्याएं आयोजित की जा रही हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था की गई है. रातभर मंदिर खुले रहने की संभावना है, जिससे दूर-दराज से आए श्रद्धालु रात्रि में भी बाबा के दर्शन कर सकें.
खाटूधाम में सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं: भीषण गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हुए रींगस पहुंचते हैं और वहां से मंदिर तक जाते हैं. रास्ते में विभिन्न स्वयंसेवी संगठन जल सेवा, भोजन प्रसादी और चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था करते हैं. राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से इस विशेष अवसर के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं. सीकर जिला प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और प्रमुख मार्गों पर पुलिस बल, होमगार्ड्स, मेडिकल टीमें और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है. रेलवे स्टेशन और मंदिर के आस-पास CCTV कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन से भीड़ पर निगरानी रखी जा रही है.
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खाटूश्यामजी–श्रद्धा, संस्कृति और एकता का संगम : खाटूश्यामजी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक समरसता का प्रतीक है. यह मंदिर मोरवी वंश के वीर योद्धा बर्बरीक को समर्पित है, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने कलियुग में अपने रूप 'श्याम' के नाम से पूजित होने का वरदान दिया था. यहां हर वर्ष फाल्गुन मास में प्रसिद्ध लक्खी मेला भी आयोजित होता है जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु खिंचे चले आते हैं. लेकिन निर्जला एकादशी का मेला भी किसी बड़े आयोजन से कम नहीं होता.