बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के कृषि प्रधान बलौदाबाजार जिले में खेती को नई ऊंचाई देने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है. कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में 29 मई से जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत हो रही है. यह अभियान 12 जून तक चलेगा. इस अभियान का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और वैज्ञानिक जानकारी के साथ समृद्धि की राह पर आगे बढ़ाना है.
गांव गांव पहुंचेगा विज्ञान, हर किसान तक पहुंचेगी नई तकनीक: इस अभियान के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, भाटापारा के वैज्ञानिक, कृषि एवं समवर्गीय विभाग के विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारी गांव गांव जाकर खरीफ सीजन की पूर्व तैयारी, नई तकनीक, सरकारी योजनाओं की जानकारी और नवाचारों के जरिए किसानों को प्रशिक्षित करेंगे.
कलेक्टर दीपक सोनी ने ETV भारत से विशेष बातचीत में बताया, ''यह अभियान केवल जानकारी देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि किसानों की समस्याओं, उनके नवाचारों और जमीन से जुड़ी तकनीकी आवश्यकताओं का फीडबैक लेकर अनुसंधान के लिए आधार भी तैयार करेगा.''
हमारा उद्देश्य केवल जानकारी बांटना नहीं है, बल्कि किसानों की जमीन, उनकी सोच और नवाचारों को समझते हुए उन्हें वैज्ञानिक दिशा देना है. बलौदाबाजार की मिट्टी में अपार संभावनाएं हैं, बस जरूरत है सही तकनीक और सही मार्गदर्शन की: दीपक सोनी, कलेक्टर
बलौदाबाजर कलेक्टर दीपक सोनी ने यह भी कहा कि इस अभियान के जरिए गांव गांव जाकर कृषि वैज्ञानिक किसानों के साथ सीधा संवाद करेंगे. कलेक्टर ने बताया, ''हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी किसान केवल दर्शक न बने, बल्कि इस अभियान का भागीदार बने. किसानों के नवाचारों को हम रिसर्च के लिए आधार बनाएंगे और भविष्य की योजनाओं में उनके अनुभवों को शामिल करेंगे.''
यह अभियान एकतरफा लेक्चर नहीं, बल्कि द्विपक्षीय संवाद है, जिसमें 'किसान बोलेगा, वैज्ञानिक सुनेगा' और जरूरत पड़ी तो उसके सुझावों पर प्रयोग होगा: दीपक सोनी, कलेक्टर
कृषि से समृद्धि तक, जानिए अभियान की खास बातें
- जिले के 5 विकासखंडों के 78 गांवों में 78 शिविरों का आयोजन होगा.
- हर शिविर में कम से कम 200 किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
- कृषि विज्ञान केन्द्र, पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य, सहकारी समिति, सभी मिलकर जमीनी स्तर पर किसानों को जोड़ेंगे.
- तीन टीमों का गठन किया गया है, जो हर दिन 6 गांवों में वैज्ञानिक परिचर्चा करेगी.
- तकनीकी जानकारी और योजनाओं की पूरी झलक.
- मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण.
- एग्री स्टैक के तहत किसान रजिस्ट्रेशन.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी.
- किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ऑन-द-स्पॉट आवेदन.
- ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन और प्रशिक्षण.
- ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक.
- कतार बोनी से जुड़े लाभ.
- ईडिबल ऑयल सीड योजना की जानकारी.
- डीएपी के विकल्प SSP एवं NPK पर जानकारी.
- फसल अपशिष्ट प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य पत्रक आधारित सिफारिशें.
- नवीनतम खरीफ फसलों की तकनीक पर चर्चा.
- कृषकों के नवाचारों पर वैज्ञानिक रिसर्च की दिशा तय करना.
पशुपालन विभाग की खास पहल: इस अभियान में मोबाइल वेटनरी यूनिट (डटन) का भी प्रदर्शन होगा, जिससे पशुपालन से जुड़े किसानों को चिकित्सा सेवाएं और पशुधन प्रबंधन की तकनीक सिखाई जाएगी.
सीधे किसानों से संवाद, नवाचार का सम्मान: शिविरों में किसानों से सीधे संवाद कर उनके नवाचारों, समस्याओं और अनुभवों को नोट कर दस्तावेज बनाए जाएंगे. इन जानकारियों के आधार पर कृषि विज्ञान केन्द्र भविष्य की शोध प्राथमिकताओं को तय करेगा.
उप संचालक कृषि दीपक कुमार नायक ने बताया, "सभी विभागों को मैदानी अमलों के साथ कार्य विभाजन कर दिया गया है. किसानों को ज्ञान, तकनीक और संसाधनों का समन्वित समर्थन देने के लिए हम पूर्ण रूप से तैयार हैं."
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