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"हिमाचल में कैबिनेट रिव्यू कर रही है आउटसोर्स भर्ती के नियम, जो भी संभव होगा लिया जाएगा निर्णय" - OUTSOURCE BHARTI RULES HIMACHAL

हिमाचल में आउटसोर्स में की जाने वाली भर्तियों को कैबिनेट रिव्यू कर रही है. डिटेल में पढ़ें खबर...

मुकेश अग्निहोत्री, डिप्टी सीएम
मुकेश अग्निहोत्री, डिप्टी सीएम (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 22, 2025 at 10:27 PM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल में आउटसोर्स में की जाने वाली भर्तियों को कैबिनेट रिव्यू कर रही है. इसमें जो भी संभव होगा आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में फैसला लिया जाएगा. ये जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को विधानसभा में गैर सरकारी कार्य दिवस के दौरान भाजपा विधायक सुखराम चौधरी की तरफ से आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए हरियाणा की तर्ज पर नीति बनाने को लेकर लाए गए संकल्प पर चर्चा के उत्तर में दी.

उन्होंने कहा "आउटसोर्स कर्मचारियों का मामला लंबे समय से चर्चा में है. प्रदेश में सरकार किसी की भी रही हो, इस पर चर्चा होती रही है. आउटसोर्स भर्ती खर्च को कम करने के लिए की जाती है जो ठेकेदार के माध्यम से होती है. हरियाणा में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए समय पर वेतन देने और उनका शोषण न किए जाने जैसे हकों की जो बात की गई है, उसी तरह की व्यवस्था हम भी हिमाचल में अपना रहे हैं. आउटसोर्स कर्मचारी शोषण का शिकार ना हों, इनको समय पर उचित पैसा मिले, इसके लिए हमारी कैबिनेट सब कमेटी काम कर रही है."

भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने लिया संकल्प

भाजपा विधायक सुखराम चौधरी की तरफ से आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए हरियाणा की तर्ज पर नीति बनाने के विधानसभा में संकल्प पर चर्चा हुई. इसमें भोजनावकाश से पहले भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और सतपाल सिंह सत्ती ने आउटसोर्स कर्मचारियों की पैरवी की और शोषण वाली व्यवस्था को बंद करने की मांग रखी.

सुखराम चौधरी ने कहा "प्रदेश में इस समय 35 हजार कर्मचारी सरकारी क्षेत्र में आउटसोर्स पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में उनके हितों के संरक्षण के लिए हरियाणा की तर्ज पर नीति बननी चाहिए, जिससे 58 वर्ष तक उनकी सेवाएं ली जा सकें. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कौशल विकास निगम पॉलिसी के तहत आउटसोर्स पर कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं. प्रदेश में भी ऐसी नीति बननी चाहिए, जिसमें रोस्टर लागू होने के साथ सम्मानजनक राशि मिल सके."

आउटसोर्स कर्मचारियों की नहीं हो रही शादी

सतपाल सिंह सत्ती ने कहा आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए कोई निर्णय लेना आवश्यक है. आज आउटसोर्स पर उच्च शिक्षा प्राप्त युवा बेहतर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनको कई बार 3 माह तक वेतन नहीं मिलता. इस विषय को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए. आउटसोर्स पर 10 हजार रुपये के वेतन पर काम करने वाले युवाओं की शादी तक नहीं हो पा रही है. सदन में निर्वाचित सदस्यों का लाभ तभी है, यदि वह आम आदमी से जुड़े विषयों को लेकर कोई सार्थक हल निकालें. प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगारों को उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरी नहीं मिलने पर चिंता जताई.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 2.66 लाख परिवारों की BPL सूची होगी रद्द, नए नियमों के तहत करना होगा आवेदन

शिमला: हिमाचल में आउटसोर्स में की जाने वाली भर्तियों को कैबिनेट रिव्यू कर रही है. इसमें जो भी संभव होगा आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में फैसला लिया जाएगा. ये जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को विधानसभा में गैर सरकारी कार्य दिवस के दौरान भाजपा विधायक सुखराम चौधरी की तरफ से आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए हरियाणा की तर्ज पर नीति बनाने को लेकर लाए गए संकल्प पर चर्चा के उत्तर में दी.

उन्होंने कहा "आउटसोर्स कर्मचारियों का मामला लंबे समय से चर्चा में है. प्रदेश में सरकार किसी की भी रही हो, इस पर चर्चा होती रही है. आउटसोर्स भर्ती खर्च को कम करने के लिए की जाती है जो ठेकेदार के माध्यम से होती है. हरियाणा में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए समय पर वेतन देने और उनका शोषण न किए जाने जैसे हकों की जो बात की गई है, उसी तरह की व्यवस्था हम भी हिमाचल में अपना रहे हैं. आउटसोर्स कर्मचारी शोषण का शिकार ना हों, इनको समय पर उचित पैसा मिले, इसके लिए हमारी कैबिनेट सब कमेटी काम कर रही है."

भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने लिया संकल्प

भाजपा विधायक सुखराम चौधरी की तरफ से आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए हरियाणा की तर्ज पर नीति बनाने के विधानसभा में संकल्प पर चर्चा हुई. इसमें भोजनावकाश से पहले भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और सतपाल सिंह सत्ती ने आउटसोर्स कर्मचारियों की पैरवी की और शोषण वाली व्यवस्था को बंद करने की मांग रखी.

सुखराम चौधरी ने कहा "प्रदेश में इस समय 35 हजार कर्मचारी सरकारी क्षेत्र में आउटसोर्स पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में उनके हितों के संरक्षण के लिए हरियाणा की तर्ज पर नीति बननी चाहिए, जिससे 58 वर्ष तक उनकी सेवाएं ली जा सकें. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कौशल विकास निगम पॉलिसी के तहत आउटसोर्स पर कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं. प्रदेश में भी ऐसी नीति बननी चाहिए, जिसमें रोस्टर लागू होने के साथ सम्मानजनक राशि मिल सके."

आउटसोर्स कर्मचारियों की नहीं हो रही शादी

सतपाल सिंह सत्ती ने कहा आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए कोई निर्णय लेना आवश्यक है. आज आउटसोर्स पर उच्च शिक्षा प्राप्त युवा बेहतर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनको कई बार 3 माह तक वेतन नहीं मिलता. इस विषय को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए. आउटसोर्स पर 10 हजार रुपये के वेतन पर काम करने वाले युवाओं की शादी तक नहीं हो पा रही है. सदन में निर्वाचित सदस्यों का लाभ तभी है, यदि वह आम आदमी से जुड़े विषयों को लेकर कोई सार्थक हल निकालें. प्रदेश में लाखों युवा बेरोजगारों को उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरी नहीं मिलने पर चिंता जताई.

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