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विकास का मॉडल बनी देवरिया पंचायत, दूसरी पंचायतों को दे रहा है प्रेरणा - SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT

देवरिया पंचायत एक आदर्श पंचायत के रूप में पहचान बना चुकी है. पहाड़ और जंगलों से घिरा यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 16, 2025 at 3:07 PM IST

6 Min Read

चतरा: जिला मुख्यालय से 2 और 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवरिया पंचायत एक आदर्श पंचायत के रूप में अपनी पहचान बना चुका है. पहाड़ों और जंगलों से घिरा यह क्षेत्र न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के मामले में भी अग्रणी है. 8 हजार 200 की आबादी वाले इस पंचायत में कुल 11 गांव शामिल हैं, जो शहर से सटे होने के कारण यातायात और अन्य सुविधाओं से अच्छी तरह जुड़े हैं. कृषि प्रधान पंचायत ने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से विकास की नई बुलंदियों को छुआ है.

शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय पहचान

देवरिया पंचायत शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान रखता है. यहां प्राइमरी से लेकर 10वीं क्लास तक की पढ़ाई के लिए बच्चों को कहीं और जाना नहीं पड़ता है. पंचायत में कुल 12 स्कूल हैं, जिनमें 8 प्राइमरी, माध्यमिक स्कूल और 4 उच्च विद्यालय शामिल हैं. इसके अलावा 6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए 5 आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित हो रहे हैं. इन सुविधाओं के कारण पंचायत में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर है. यह एक ऐसा उदाहरण है, जो अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बन सकता है. शिक्षा के प्रति यह समर्पण न केवल बच्चों के भविष्य को संवार रहा है, बल्कि पूरे समुदाय को सशक्त बना रहा है.

विकास का मॉडल बनी देवरिया पंचायत (Etv bharat)

सब्जी उत्पादन में भी अव्वल पंचायत
इस पंचायत के दो गांव कलाश नगर और रमना, सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं. इन गांवों में साल के 12 महीनों में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन होता है. चाहे वह मौसमी सब्जियां हो या फिर बारहमासी, इन गांवों के किसान अपनी मेहनत से हर तरह की सब्जी उगाने में माहिर हैं. यह न केवल स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि आसपास के बाजारों में भी इनकी मांग बनी रहती है. इन गांवों की यह उपलब्धि पंचायत की आर्थिक समृद्धि में भी योगदान दे रही है.

SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
खेत में किसान (Etv bharat)
पेयजल सुविधा और चुनौतियां
पेयजल की उपलब्धता के लिए पंचायत में जल नल योजना के तहत 12 जल मीनार बनाई गई हैं, जिनके जरिए घर-घर पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति होती है. हालांकि गर्मी के दिनों में जल स्तर के नीचे चले जाने से कुछ परेशानियां जरुर आती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए पंचायत के मुखिया गुड्डू दुबे ग्रामीणों को जागरूक करने में जुटे हैं. वह चापाकल जैसे जल स्रोतों के पास सोकपिट बनाने और पक्के मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अपनाने की सलाह दे रहे हैं. यह पहल न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि भविष्य में पानी की किल्लत को भी दूर करने में कामयाब होगी.
SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
देवरिया पंचायत के लोग (Etv bharat)

टॉप क्लास की स्वास्थ्य सुविधाएं

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देवरिया पंचायत पीछे नहीं है. यहां एक अटल क्लिनिक संचालित है, जहां लोगों का प्राथमिक उपचार होता हैं. यह क्लिनिक ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाता है और आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करता है. इसके अलावा, पंचायत में स्वच्छता और जागरूकता पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जो समुदाय के स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने में सहायक है.

SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
हैंडपंप से पानी भरती महिलाएं (Etv bharat)
सड़क संपर्क बढ़ाने की दिशा में प्रयास

हालांकि, पंचायत के अधिकांश गांव पक्की सड़कों से जुड़े हैं. लेकिन तीन टोले अभी भी इस सुविधा से वंचित हैं. इनमें शेषांग गांव का मंगरदाहा टोला, मोहनाडीह गांव का खाचर डाबर टोला और तपेज गांव का रविदास टोला शामिल हैं. मुखिया गुड्डू दुबे ने बताया कि इन टोलों को सड़क से जोड़ने के लिए प्रारुप तैयार किया जा रहा है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा. यह कदम पंचायत के हर कोने तक विकास पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

स्थानीय शिक्षक सहदेव कुमार बताते हैं कि उनका पंचायत शिक्षा के प्रति जागरूक है और यहां के लोग खेती किसानी में मेहनत के साथ जीवनयापन करते हैं. गांव में अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं और आपसी सहयोग से समृद्धि की राह पर हैं. हालांकि, गर्मियों के दिनों में पानी की कमी इस गांव के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है.

सफलता की आदर्श कहानी बयां करता रमना गांव

शिक्षक आगे बताते हैं कि भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसके कारण पानी की उपलब्धता में कमी आई है. इस समस्या से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अभी और ठोस कदमों की जरूरत है.

SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
गांव में पक्की सड़क (Etv bharat)

वहीं बॉबी महतो ने बताया कि उनके माता-पिता किसान हैं और पंचायत में सरकार की तमाम योजनाएं सुचारू रूप से चल रही हैं. इन योजनाओं का लाभ गांव वालों को मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. बॉबी के अनुसार, गांव में एकजुटता और मेहनत के दम पर लोग खुशहाल जीवन जी रहे हैं. रमना गांव की यह कहानी शिक्षा, मेहनत और सरकारी योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है. लेकिन पानी की समस्या जैसे मुद्दों पर ध्यान देकर इस पंचायत को और समृद्ध बनाया जा सकता है.

एक समग्र विकास का मॉडल

देवरिया पंचायत का विकास केवल बुनियादी सुविधाओं तक सीमित नहीं है. यह पंचायत प्रकृति, कृषि, शिक्षा, और स्वास्थ्य के सामंजस्यपूर्ण मेल का प्रतीक है. शहर से निकटता के बावजूद इसने अपनी ग्रामीण पहचान को बनाए रखा है और आधुनिक सुविधाओं को अपनाकर एक आदर्श पंचायत की मिसाल कायम की है. मुखिया गुड्डू दुबे के नेतृत्व में यह पंचायत न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा कर रही है, बल्कि भविष्य के लिए भी मजबूत नींव तैयार कर रही है. देवरिया पंचायत की कहानी बताती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और सार्वजनिक सहयोग से कैसे एक छोटा सा क्षेत्र विकास के बड़े सपने को साकार कर सकता है. यह अन्य पंचायतों के लिए एक प्रेरणा है कि सीमित संसाधनों में भी सही योजना और मेहनत से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: प्रदूषण से हुई मां की मौत, इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ निकल पड़े पर्यावरण बचाने
बंजर जमीन से बंपर पैदावार! जानिए प्रवासी मजदूर से आत्मनिर्भर किसान बने उदय ने कैसे बदली किस्मत

कड़ी मेहनत से उगाई गई सब्जियों को क्यों खेत में ही छोड़ रहे किसान, जानें वजह

चतरा: जिला मुख्यालय से 2 और 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवरिया पंचायत एक आदर्श पंचायत के रूप में अपनी पहचान बना चुका है. पहाड़ों और जंगलों से घिरा यह क्षेत्र न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के मामले में भी अग्रणी है. 8 हजार 200 की आबादी वाले इस पंचायत में कुल 11 गांव शामिल हैं, जो शहर से सटे होने के कारण यातायात और अन्य सुविधाओं से अच्छी तरह जुड़े हैं. कृषि प्रधान पंचायत ने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से विकास की नई बुलंदियों को छुआ है.

शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय पहचान

देवरिया पंचायत शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान रखता है. यहां प्राइमरी से लेकर 10वीं क्लास तक की पढ़ाई के लिए बच्चों को कहीं और जाना नहीं पड़ता है. पंचायत में कुल 12 स्कूल हैं, जिनमें 8 प्राइमरी, माध्यमिक स्कूल और 4 उच्च विद्यालय शामिल हैं. इसके अलावा 6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए 5 आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित हो रहे हैं. इन सुविधाओं के कारण पंचायत में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर है. यह एक ऐसा उदाहरण है, जो अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बन सकता है. शिक्षा के प्रति यह समर्पण न केवल बच्चों के भविष्य को संवार रहा है, बल्कि पूरे समुदाय को सशक्त बना रहा है.

विकास का मॉडल बनी देवरिया पंचायत (Etv bharat)

सब्जी उत्पादन में भी अव्वल पंचायत
इस पंचायत के दो गांव कलाश नगर और रमना, सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं. इन गांवों में साल के 12 महीनों में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन होता है. चाहे वह मौसमी सब्जियां हो या फिर बारहमासी, इन गांवों के किसान अपनी मेहनत से हर तरह की सब्जी उगाने में माहिर हैं. यह न केवल स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि आसपास के बाजारों में भी इनकी मांग बनी रहती है. इन गांवों की यह उपलब्धि पंचायत की आर्थिक समृद्धि में भी योगदान दे रही है.

SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
खेत में किसान (Etv bharat)
पेयजल सुविधा और चुनौतियां
पेयजल की उपलब्धता के लिए पंचायत में जल नल योजना के तहत 12 जल मीनार बनाई गई हैं, जिनके जरिए घर-घर पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति होती है. हालांकि गर्मी के दिनों में जल स्तर के नीचे चले जाने से कुछ परेशानियां जरुर आती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए पंचायत के मुखिया गुड्डू दुबे ग्रामीणों को जागरूक करने में जुटे हैं. वह चापाकल जैसे जल स्रोतों के पास सोकपिट बनाने और पक्के मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अपनाने की सलाह दे रहे हैं. यह पहल न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा दे रही है, बल्कि भविष्य में पानी की किल्लत को भी दूर करने में कामयाब होगी.
SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
देवरिया पंचायत के लोग (Etv bharat)

टॉप क्लास की स्वास्थ्य सुविधाएं

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देवरिया पंचायत पीछे नहीं है. यहां एक अटल क्लिनिक संचालित है, जहां लोगों का प्राथमिक उपचार होता हैं. यह क्लिनिक ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाता है और आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करता है. इसके अलावा, पंचायत में स्वच्छता और जागरूकता पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जो समुदाय के स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने में सहायक है.

SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
हैंडपंप से पानी भरती महिलाएं (Etv bharat)
सड़क संपर्क बढ़ाने की दिशा में प्रयास

हालांकि, पंचायत के अधिकांश गांव पक्की सड़कों से जुड़े हैं. लेकिन तीन टोले अभी भी इस सुविधा से वंचित हैं. इनमें शेषांग गांव का मंगरदाहा टोला, मोहनाडीह गांव का खाचर डाबर टोला और तपेज गांव का रविदास टोला शामिल हैं. मुखिया गुड्डू दुबे ने बताया कि इन टोलों को सड़क से जोड़ने के लिए प्रारुप तैयार किया जा रहा है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा. यह कदम पंचायत के हर कोने तक विकास पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

स्थानीय शिक्षक सहदेव कुमार बताते हैं कि उनका पंचायत शिक्षा के प्रति जागरूक है और यहां के लोग खेती किसानी में मेहनत के साथ जीवनयापन करते हैं. गांव में अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं और आपसी सहयोग से समृद्धि की राह पर हैं. हालांकि, गर्मियों के दिनों में पानी की कमी इस गांव के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है.

सफलता की आदर्श कहानी बयां करता रमना गांव

शिक्षक आगे बताते हैं कि भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसके कारण पानी की उपलब्धता में कमी आई है. इस समस्या से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अभी और ठोस कदमों की जरूरत है.

SUCCESS STORY OF DEORIA PANCHAYAT
गांव में पक्की सड़क (Etv bharat)

वहीं बॉबी महतो ने बताया कि उनके माता-पिता किसान हैं और पंचायत में सरकार की तमाम योजनाएं सुचारू रूप से चल रही हैं. इन योजनाओं का लाभ गांव वालों को मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. बॉबी के अनुसार, गांव में एकजुटता और मेहनत के दम पर लोग खुशहाल जीवन जी रहे हैं. रमना गांव की यह कहानी शिक्षा, मेहनत और सरकारी योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है. लेकिन पानी की समस्या जैसे मुद्दों पर ध्यान देकर इस पंचायत को और समृद्ध बनाया जा सकता है.

एक समग्र विकास का मॉडल

देवरिया पंचायत का विकास केवल बुनियादी सुविधाओं तक सीमित नहीं है. यह पंचायत प्रकृति, कृषि, शिक्षा, और स्वास्थ्य के सामंजस्यपूर्ण मेल का प्रतीक है. शहर से निकटता के बावजूद इसने अपनी ग्रामीण पहचान को बनाए रखा है और आधुनिक सुविधाओं को अपनाकर एक आदर्श पंचायत की मिसाल कायम की है. मुखिया गुड्डू दुबे के नेतृत्व में यह पंचायत न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा कर रही है, बल्कि भविष्य के लिए भी मजबूत नींव तैयार कर रही है. देवरिया पंचायत की कहानी बताती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और सार्वजनिक सहयोग से कैसे एक छोटा सा क्षेत्र विकास के बड़े सपने को साकार कर सकता है. यह अन्य पंचायतों के लिए एक प्रेरणा है कि सीमित संसाधनों में भी सही योजना और मेहनत से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है.

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