नई दिल्ली: ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राऊज आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में आई अचानक बाढ़ और 3 छात्रों की मौत के बाद से ड्रेनों की साफ सफाई को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. इसके हादसे के बाद कई कठोर कदम भी उठाए गए हैं और बड़ी कार्रवाई भी की गई. इस कड़ी में उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने साउथ दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली बारापूला ड्रेन और उसकी दो अन्य सहयोगी ड्रेनों सुनेहरीपुल ड्रेन और कुशक नाला की डिसिल्टिंग कराने में बल दिया है. पिछले तीन चार दिनों के भीतर कुशक नाले से भारी मात्रा में गाद, कीचड़ को निकालने का काम किया गया है. अब एलजी सक्सेना फिर एक बार इन ड्रेनों का जायजा लेंगे.
बारापूला ड्रेन में ओवरफ्लो की समस्या
इस बीच देखा जाए तो बारापूला ड्रेन अकेली ऐसी ड्रेन है जोकि साउथ दिल्ली के एक बड़े हिस्से में बारिश के वक्त बैक फ्लो की वजह से जलभराव व बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देती है. इसका बड़ा कारण यही है कि सालों से इन बारापूला ड्रेन और दो अन्य ड्रेनों सुनेहरीपुल ड्रेन और कुशक नाला की डिसिल्टिंग नहीं की जा सकी. इसकी वजह से इनके कई प्वाइंट जाम पड़े थे जिसकी वजह से साउथ दिल्ली के कई इलाकों में भीषण जलभराव होता रहा है. एलजी सक्सेना ने 4 अगस्त को इन तीनों ड्रेनों का निरीक्षण भी किया था जिसमें इनकी बदहाली पर नाराजगी जताई थी. एक समय सीमा के भीतर यानी 15 दिनों के भीतर इनकी सफाई करने के आदेश भी दिए थे.
एलजी के आदेशों के बाद सफाई में तेजी
एलजी के आदेशों के बाद अब इन तीन ड्रेनों में से कुशक नाले की सफाई का काम तेजी से हुआ है. एलजी के निरीक्षण के बाद से संबंधित एजेंसियों की ओर से हजारों टन गाद और मलबा हटाने का काम किया गया है. इस गाद और मलबे की वजह से आसपास के एरिया में बाढ़ आ जाती है. पिछले कई दिनों में कुशक नाले से निकाली गई गाद और मलबे से पानी के फ्लो को समुचित किया गया है. इसके बाद अब एलजी सक्सेना कल रविवार को एक बार फिर इन तीनों ड्रेनों की स्थिति का जायजा लेंगे.
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पेश किया एक्शन प्लान
उप-राज्यपाल ड्यूसिब विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीष कुमार गुप्ता और अन्य अधिकारियों के साथ एक बार फिर से बारापुला ड्रेन के इंटरसेक्शन और सुनेहरी नाला और कुशक नाला का निरीक्षण करेंगे. बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से इन नालों की डिसिल्टिंग, अतिक्रमण फ्री करने और अवैध निर्माण आदि को हटाने के लिए एक पूरा एक्शन प्लान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी पेश किया है. अब पूरी मशीनरी इस काम को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने की कोशिश में जुटी है. यह पूरा प्लान एनजीटी में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की तरफ से प्रस्तुत किया गया है.