नई दिल्ली: बहुत जल्दी दिल्ली के अभिभावकों को स्कूलों की मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के रवैये से निजात मिलने की संभावना है. दरअसल, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सचिवालय में प्रेस वार्ता कर बताया कि दिल्ली के स्कूलों की फीस बढ़ोतरी के संदर्भ में एक बिल पास किया गया है. बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर स्कूल बिना अनुमति के फीस बढ़ाता है तो उस पर एक लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा. 20 दिन में फीस बढ़ोत्तरी की शिकायत को नहीं किया दूर तो स्कूल पर डबल जुर्माना लगाया जाएगा.
सीएम रेखा ने कहा कि इस बिल का हमने ड्राफ्ट कैबिनेट में पास कर दिया है. जल्दी ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस बिल को पारित किया जाएगा. सीएम ने कहा कि पिछले कुछ समय से पेरेंट्स की शिकायत थी. इसलिए हमारी सरकार ने सख्त कानून लाने की तैयारी की है.
जिन अभिभावकों ने बताया है कि हमारे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और फीस के लिए अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है उनकी जांच के लिए हमने अपने जिला अधिकारियों को स्कूलों में भेजा - मुख्यमंत्री श्रीमती @gupta_rekha pic.twitter.com/Zx3zlIoJtq
— CMO Delhi (@CMODelhi) April 29, 2025
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विस्तार से जानकारी दी और बताया कि सीएम ने संवेदनशील होकर सड़क पर खड़े होकर भी परिवारों को सुना, उन बच्चों को सुना और मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूलों को शो कॉज नोटिस भी जारी हुआ. शिक्षा बदली स्कूल बदले लेकिन कानून नहीं बदले. आशीष सूद ने बताया कि कैबिनेट में आज एक बिल पास किया है. इस बिल का नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन बिल-2025 है. यह बिल तय करेगा कि स्कूल की फीस बढ़ेगी या नहीं बढ़ेगी. इसका रेगुलेशन ट्रांसपेरेंट होगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने 65 दिन के अंदर मुख्यमंत्री के निर्देश पर मार्गदर्शन पर जनता को नया शासन गुड गवर्नेंस के नए आयाम खड़े करने का प्रयास किया है. दिल्ली की जनता को उन 1677 स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को राहत मिलेगी व अभिभावकों को राहत मिलेगी. पिछले एक्ट में कोई यह नियम नहीं था कि कैसे फीस बढ़ेगी. लेकिन यह नया बिल तीन स्तरीय समिति बनाकर लागू किया जाएगा.
ये स्थिति दिल्ली की रही, दिल्ली में फीस न बढ़े इसके लिए कभी इस प्रकार के कोई प्रावधान इससे पहले की सरकारों ने किये ही नहीं, एकमात्र एक्ट दिल्ली स्कूल एक्ट 1973 में आया था।
— CMO Delhi (@CMODelhi) April 29, 2025
-मुख्यमंत्री श्रीमती @gupta_rekha pic.twitter.com/PQ9OSbdwtP
कमेटी तय करेगी कि फीस बढ़नी चाहिए या नहीं बढ़नी चाहिए. यह कमेटी 31 जुलाई तक फॉर्म हो जाएगी. अगले अकादमिक ईयर के लिए लागू होने वाली फीस की चर्चा करने के लिए 30 दिन के अंदर रिपोर्ट देनी होगी. अगर यह कमेटी 30 दिन के अंदर रिपोर्ट नहीं दे पाएगी तो डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी के पास मामला चला जाएगा. इस कमेटी में डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन के चेयरपर्सन डिप्टी डायरेक्टर होंगे, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होंगे, दो टीचर ड्रा ऑफ लॉट्स से चुने जाएंगे और दो पेरेंट्स डिस्ट्रिक्ट लेवल अपील को सुनेंगे.
यह कमेटी 30 से 45 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी. अगर यहां पर भी सहमति नहीं होगी तो स्टेट लेवल की कमेटी जिसका चेयरपर्सन मंत्रालय तय करेगा. उसके साथ एजुकेशनिस्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधि, पेरेंट्स के प्रतिनिधि, एडिशनल डायरेक्टर एजुकेशन के प्रतिनिधि ऐसे सात लोगों की कमेटी रिव्यू करेगी और अपना निर्णय देगी. बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर स्कूल बिना अनुमति के फीस बढ़ाता है तो उस पर एक लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा. 20 दिन में फीस बढ़ोत्तरी की शिकायत को नहीं किया दूर तो स्कूल पर डबल जुर्माना लगाया जाएगा.
स्कूल द्वारा अगर बच्चों को फीस के मामले को लेकर बाहर बैठाया तो प्रतिदिन प्रति बच्चा 50 हजार रुपए के हिसाब से जुर्माना लगेगा. शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने यह भी बताया कि 20 दिन में अगर ठीक नहीं किया तो जुर्माना डबल होगा. अगले 20 दिन के बाद फिर जुर्माना ट्रिपल हो जाएगा. उसके बाद स्कूल में सुधार नहीं हुआ तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. इस बिल में यह प्रावधान दिया गया है. ट्रांसपेरेंट व्यवस्था, पेरेंट्स टीचर और स्कूल के मैनेजमेंट से मिलकर इसकी पालना करें. ऐसी व्यवस्था मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने की है और सारा प्रोसेस टाइम बॉन्ड है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली के 11 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस, फीस बढ़ाने को लेकर रेखा सरकार ने दिखाई सख्ती
ये भी पढ़ें- सीएम रेखा गुप्ता की स्कूलों को चेतावनी, कहा- फीस बढ़ाई तो भुगतना होगा अंजाम