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दिल्ली सरकार ने 'ट्रांसजेंडर कल्याण एवं सशक्तिकरण बोर्ड' के गठन का लिया निर्णय, जानिए इसके फायदे ? - DELHI TRANSGENDER BOARD

शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर को वाजिब हक मिलेगा: सीएम रेखा गुप्ता

दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : June 8, 2025 at 12:56 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली की रेखा सरकार ने राजधानी को सामाजिक व न्याय आधारित शासन की दिशा में आगे बढ़ाते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि सरकार ने ‘ट्रांसजेंडर कल्याण एवं सशक्तिकरण बोर्ड’ के गठन का निर्णय लिया है, जो उनके लिए नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं और समुदाय की शिकायतों के निवारण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का दायित्व निभाएगा.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बोर्ड की जानकारी देते हुए कहा कि सशक्त और विकसित दिल्ली की दिशा में यह एक प्रभावी निर्णय है. सरकार सभी को समान अधिकार देने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने कहा कि यह बोर्ड ट्रांसजेंडरों को सामान्य जीवन व्यतीत करने का अवसर तो प्रदान ही करेगा, साथ ही उन्हें वाजिब हक भी दिलाएगा. उन्होंने कहा कि यह केवल एक कानूनी औपचारिकता नहीं है, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय को गरिमा, अधिकार और अवसर प्रदान करने की हमारी गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

पहचान पत्र भी प्राप्त कर सकेंगे ट्रांसजेंडर: मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार की स्पष्ट सोच है कि दिल्ली एक ऐसी राजधानी बने, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान के कारण वंचित और परेशान न हो. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि यह बोर्ड नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं की अनुशंसा, विभागों के समन्वय और ट्रांसजेंडरों की शिकायतों के निवारण का कार्य करेगा. साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए पहचान पत्र एवं प्रमाणपत्र का समयबद्ध निर्धारण करेगा. अब ट्रांसजेंडर व्यक्ति अपनी लिंग पहचान को स्वयं प्रमाणित करते हुए ज़िला मजिस्ट्रेट से पहचान प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि ट्रांसजेंडरों को सहज जीवन जीने के लिए दिल्ली सरकार नई पहल करने जा रही है.

सरकारी इमारतों में थर्ड जेंडर के लिए बनेंगे अलग टॉयलेट: सरकारी इमारतों में थर्ड जेंडर शौचालयों का निर्माण, सरकारी अस्पतालों में अलग वार्ड और लिंग पहचान आधारित स्वास्थ्य सेवाएं, पहचान पत्र बनाने के लिए पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रिया, ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए शिक्षण संस्थानों और कार्यस्थलों में संवेदनशील एवं जागरूकता अभियान. साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए अस्थायी आश्रय गृह, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं तैयार हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ता है जब हर व्यक्ति को उसकी पहचान के साथ गरिमा से जीने का अवसर मिले, इसलिए हम ऐसी दिल्ली का निर्माण करना चाहते हैं जो समानता, सम्मान और समावेशिता की मिसाल बनें. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का निर्णय भारत के संविधान में निहित समानता और न्याय के मूल्यों की पुष्टि करता है. ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्यधारा में स्थान देने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल का मार्ग प्रशस्त करता है.

ये भी पढ़ें:

  1. दिल्ली के सभी सरकारी भवन और स्टेडियम दिव्यांगजनों के लिए बनेंगे सुगम, सीएम रेखा गुप्ता ने दिए निर्देश
  2. शीशमहल में नहीं रहेंगी दिल्ली की CM रेखा गुप्ता, जानिए कहां है नया ठिकाना

नई दिल्ली: दिल्ली की रेखा सरकार ने राजधानी को सामाजिक व न्याय आधारित शासन की दिशा में आगे बढ़ाते हुए ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि सरकार ने ‘ट्रांसजेंडर कल्याण एवं सशक्तिकरण बोर्ड’ के गठन का निर्णय लिया है, जो उनके लिए नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं और समुदाय की शिकायतों के निवारण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का दायित्व निभाएगा.

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बोर्ड की जानकारी देते हुए कहा कि सशक्त और विकसित दिल्ली की दिशा में यह एक प्रभावी निर्णय है. सरकार सभी को समान अधिकार देने के लिए वचनबद्ध है. उन्होंने कहा कि यह बोर्ड ट्रांसजेंडरों को सामान्य जीवन व्यतीत करने का अवसर तो प्रदान ही करेगा, साथ ही उन्हें वाजिब हक भी दिलाएगा. उन्होंने कहा कि यह केवल एक कानूनी औपचारिकता नहीं है, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय को गरिमा, अधिकार और अवसर प्रदान करने की हमारी गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

पहचान पत्र भी प्राप्त कर सकेंगे ट्रांसजेंडर: मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार की स्पष्ट सोच है कि दिल्ली एक ऐसी राजधानी बने, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान के कारण वंचित और परेशान न हो. मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि यह बोर्ड नीति निर्माण, कल्याणकारी योजनाओं की अनुशंसा, विभागों के समन्वय और ट्रांसजेंडरों की शिकायतों के निवारण का कार्य करेगा. साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए पहचान पत्र एवं प्रमाणपत्र का समयबद्ध निर्धारण करेगा. अब ट्रांसजेंडर व्यक्ति अपनी लिंग पहचान को स्वयं प्रमाणित करते हुए ज़िला मजिस्ट्रेट से पहचान प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि ट्रांसजेंडरों को सहज जीवन जीने के लिए दिल्ली सरकार नई पहल करने जा रही है.

सरकारी इमारतों में थर्ड जेंडर के लिए बनेंगे अलग टॉयलेट: सरकारी इमारतों में थर्ड जेंडर शौचालयों का निर्माण, सरकारी अस्पतालों में अलग वार्ड और लिंग पहचान आधारित स्वास्थ्य सेवाएं, पहचान पत्र बनाने के लिए पारदर्शी और ऑनलाइन प्रक्रिया, ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के लिए शिक्षण संस्थानों और कार्यस्थलों में संवेदनशील एवं जागरूकता अभियान. साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए अस्थायी आश्रय गृह, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं तैयार हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ता है जब हर व्यक्ति को उसकी पहचान के साथ गरिमा से जीने का अवसर मिले, इसलिए हम ऐसी दिल्ली का निर्माण करना चाहते हैं जो समानता, सम्मान और समावेशिता की मिसाल बनें. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का निर्णय भारत के संविधान में निहित समानता और न्याय के मूल्यों की पुष्टि करता है. ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्यधारा में स्थान देने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल का मार्ग प्रशस्त करता है.

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