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शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के 83वें प्राकट्य महोत्सव में शामिल होंगी दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता - SARASWATI BIRTHDAY EVENT IN DELHI

23 जून को दिल्ली CM रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य व्यक्ति होंगे शामिल, पुरी पीठ के पीठाधीश्वर हैं शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस वार्ता
कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस वार्ता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : June 21, 2025 at 8:05 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की 83वें जयन्ती महोत्सव के शुभअवसर पर 23 जून को शाम 5 बजे से नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में दिव्य तथा भव्य भारत के निर्माण को लेकर राष्ट्रोत्कर्ष दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश को लेकर शनिवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.

प्रेस वार्ता को आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं युग संस्कृति न्यास के संस्थापक आचार्य धर्मवीर, पुरी पीठ के प्रतिनिधि मातृ प्रसाद मिश्रा, पीठ परिषद् के राष्ट्रीय कार्यकारी प्रेसिडेंट अश्विनी मलिक कार्यक्रम संयोजक संदीप गर्ग एवं संजय उपाध्याय ने संबोधित किया. इस अवसर पर आयोजन समिति एवं स्वागत समिति के सदस्य उपस्थित थे. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं युग संस्कृति न्यास के संस्थापक आचार्य धर्मवीर ने कहा कि महाराजश्री का संकल्प है कि भारत को उसकी संस्कृति और सभ्यता का खोया हुआ गौरव वापस लौटाना है.

प्राकट्य महोत्सव में शामिल होंगी दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं हर्ष मल्होत्रा, सांसद संबित पात्रा, यूजीसी के चेयरमैन, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, नेपाल के राजदूत एवं दिल्ली में सभी स्टेट भवनों के पदाधिकारी सहित देश भर के संत शामिल होगें. कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई देशों के प्रमुख नेताओं एवं प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा मिथिलांचल, नेपाल एवं अन्य राज्यों एवं देशों के शंकराचार्य के सर्मथक एवं भक्तजन आ रहे हैं.

551 महिलाओं द्वारा कलश यात्रा से होगा कार्यक्रम का शुभारंभ
आचार्य धर्मवीर ने कहा कि कार्यक्रम का आरंभ 551 महिलाओं द्वारा भव्य कलष यात्रा से होगी. भारतीय सांस्कृतिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को आने एवं कार्यक्रम को सफल बनाने का आग्रह किया. पुरी पीठ के प्रतिनिधि मातृ प्रसाद मिश्रा ने कहा कि पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी राष्ट्रोत्कर्ष अभियान को सफल बनाने के लिए वर्षभर दिव्य धर्म सभा के रूप में देश के विभिन्न शहरों में दिव्य यात्रा करते हुए इस राष्ट्र अभियान को जन जन तक पहुंचा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि महाराज का मानना है कि सनातन धर्म बचेगा तो मानव का कल्याण होगा. विश्व में शांति होगी, भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा. उनका कहना है कि पक्षपात रहित सनातन धर्म तंत्र भारत में कैसे स्थापित हो इस विषय पर विभिन्न राष्ट्रभक्त वक्ताओं विचार लेते हुए 23 जून को तालकटोरा स्टेडियम के प्रांगण में उपस्थित हजारों लोगों के सामने पुनः अपनी वाणी से राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

नेपाल की यात्रा करते हुए आज दिल्ली पहुंचे हैं शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के बारे में परिचय देते हुए मातृ प्रसाद मिश्रा ने कहा कि पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती आदि शंकराचार्य के परम्परा को शत-प्रतिशत पालन करते हुए भारत-नेपाल की यात्रा करते हुए आज दिल्ली पहुंचे हैं. आदि शंकराचार्य जी का प्राकटय ईसा से 507 वर्ष पूर्व हुआ था. मातृ प्रसाद ने कहा कि अगर आदि शंकराचार्य नहीं होते तो यह संभव नहीं होता क्योंकि 164 वर्षों तक आतातायियों ने इस पर अपना कब्जा जमाए हुए था.

यही बात बदरीनाथ, नेपाल के काठमांडू के पशुपति नाथ महादेव हैं, वहां भी विधर्मियों ने कब्जा जमा रखा था. आदि शंकराचार्य जी न हिंसा, न गोली और न हीं गाली का प्रयोग करते हुए सिर्फ 32 वर्ष की उम्र में ही चारों धाम का पुनरुद्वार कर पीठ बनाकर कैलाश गमन किए. उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज 145वें शंकराचार्य दुनिया में अकेले पूर्ण सनातनी हैं.

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प्रेस वार्ता को आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं युग संस्कृति न्यास के संस्थापक आचार्य धर्मवीर, पुरी पीठ के प्रतिनिधि मातृ प्रसाद मिश्रा, पीठ परिषद् के राष्ट्रीय कार्यकारी प्रेसिडेंट अश्विनी मलिक कार्यक्रम संयोजक संदीप गर्ग एवं संजय उपाध्याय ने संबोधित किया. इस अवसर पर आयोजन समिति एवं स्वागत समिति के सदस्य उपस्थित थे. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं युग संस्कृति न्यास के संस्थापक आचार्य धर्मवीर ने कहा कि महाराजश्री का संकल्प है कि भारत को उसकी संस्कृति और सभ्यता का खोया हुआ गौरव वापस लौटाना है.

प्राकट्य महोत्सव में शामिल होंगी दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान एवं हर्ष मल्होत्रा, सांसद संबित पात्रा, यूजीसी के चेयरमैन, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, नेपाल के राजदूत एवं दिल्ली में सभी स्टेट भवनों के पदाधिकारी सहित देश भर के संत शामिल होगें. कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई देशों के प्रमुख नेताओं एवं प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. इसके अलावा मिथिलांचल, नेपाल एवं अन्य राज्यों एवं देशों के शंकराचार्य के सर्मथक एवं भक्तजन आ रहे हैं.

551 महिलाओं द्वारा कलश यात्रा से होगा कार्यक्रम का शुभारंभ
आचार्य धर्मवीर ने कहा कि कार्यक्रम का आरंभ 551 महिलाओं द्वारा भव्य कलष यात्रा से होगी. भारतीय सांस्कृतिक परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को आने एवं कार्यक्रम को सफल बनाने का आग्रह किया. पुरी पीठ के प्रतिनिधि मातृ प्रसाद मिश्रा ने कहा कि पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी राष्ट्रोत्कर्ष अभियान को सफल बनाने के लिए वर्षभर दिव्य धर्म सभा के रूप में देश के विभिन्न शहरों में दिव्य यात्रा करते हुए इस राष्ट्र अभियान को जन जन तक पहुंचा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि महाराज का मानना है कि सनातन धर्म बचेगा तो मानव का कल्याण होगा. विश्व में शांति होगी, भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा. उनका कहना है कि पक्षपात रहित सनातन धर्म तंत्र भारत में कैसे स्थापित हो इस विषय पर विभिन्न राष्ट्रभक्त वक्ताओं विचार लेते हुए 23 जून को तालकटोरा स्टेडियम के प्रांगण में उपस्थित हजारों लोगों के सामने पुनः अपनी वाणी से राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

नेपाल की यात्रा करते हुए आज दिल्ली पहुंचे हैं शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के बारे में परिचय देते हुए मातृ प्रसाद मिश्रा ने कहा कि पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती आदि शंकराचार्य के परम्परा को शत-प्रतिशत पालन करते हुए भारत-नेपाल की यात्रा करते हुए आज दिल्ली पहुंचे हैं. आदि शंकराचार्य जी का प्राकटय ईसा से 507 वर्ष पूर्व हुआ था. मातृ प्रसाद ने कहा कि अगर आदि शंकराचार्य नहीं होते तो यह संभव नहीं होता क्योंकि 164 वर्षों तक आतातायियों ने इस पर अपना कब्जा जमाए हुए था.

यही बात बदरीनाथ, नेपाल के काठमांडू के पशुपति नाथ महादेव हैं, वहां भी विधर्मियों ने कब्जा जमा रखा था. आदि शंकराचार्य जी न हिंसा, न गोली और न हीं गाली का प्रयोग करते हुए सिर्फ 32 वर्ष की उम्र में ही चारों धाम का पुनरुद्वार कर पीठ बनाकर कैलाश गमन किए. उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज 145वें शंकराचार्य दुनिया में अकेले पूर्ण सनातनी हैं.

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