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रमजान में बढ़ी दिल्ली के जामा मस्जिद की रौनक, इबादत के साथ-साथ शाही इफ्तार का लुत्फ लेने आते हैं रोजेदार - RAMADAN IN DELHI

रमजान में जामा मस्जिद के आसपास कबाब,समोसा,फिरनी और फेमस दौलत की चाट आदि डिश मिलती हैं.इफ्तार के वक्त मस्जिद में रोजेदारों की भीड़ होती है.

रमजान में जामा मस्जिद दिल्ली बनी इबादत का केंद्र
रमजान में जामा मस्जिद दिल्ली बनी इबादत का केंद्र (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : March 4, 2025 at 2:18 PM IST

5 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद रमजान के पाक महीने में लोगों से खचाखच भर जाती है. देशभर से हजारों लोग यहां सिर्फ नमाज अदा करने और इफ्तार करने के लिए पहुंचते हैं. खासकर बिहार, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली जाकर रहते हैं, ताकि रमजान के दौरान जामा मस्जिद में इबादत कर सकें. इस बार भी बड़ी संख्या में लोग दिल्ली आए हुए हैं जो रमजान के पाक माह में नियमित जामा मस्जिद में इबादत करने पहुंच रहे हैं.

देशभर से लोग रमजान में क्यों आते हैं जामा मस्जिद? बिहार से आए मोहम्मद यूनुस अंसारी कहते हैं कि मैं 20 साल से हर रमजान में दिल्ली आता हूं, ताकि जामा मस्जिद में पांच वक्त की नमाज अदा कर सकूं. यह सिर्फ मस्जिद नहीं, बल्कि इबादत और सुकून की जगह है. उनके परिवार के भी लोग यहां आते हैं.

रमजान में दिल्ली बनी इबादत का केंद्र (ETV Bharat)

जम्मू-कश्मीर के रियाज ज़रगर बताते हैं कि "रमजान के दौरान जामा मस्जिद में नमाज अदा करने का अलग ही सुकून मिलता है. यही वजह है कि हर साल मैं दिल्ली आता हूं और मस्जिद के पास ही ठहरता हूं."

दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए
दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए (ETV Bharat)

दिल्ली के स्थानीय निवासी अकबर ने बताया कि "मैं यहीं पैदा हुआ हूं और रोज जामा मस्जिद में नमाज अदा करता हूं. यहां देश-विदेश से लोगों को आते देखना गर्व की बात है. रमजान में यह जगह और भी खास हो जाती है."

दिल्ली की जामा मस्जिद के पास रमजान का बाजार
दिल्ली की जामा मस्जिद के पास रमजान का बाजार (ETV Bharat)

हैदराबाद के अब्दुल मन्नान खान वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. वह कहते हैं कि "रमजान में फजर और मगरिब की नमाज जामा मस्जिद में अदा करते हैं. यहां का माहौल बेहद पाकीज़ा होता है. बहुत ही खास इंतजाम होता है"

जामा मस्जिद के पास रमजान की खरीदारी के लिए बाजार सज गए
जामा मस्जिद के पास रमजान की खरीदारी के लिए बाजार सज गए (ETV Bharat)

हैदराबाद से आए इरफान प्रशासन से अपील करते हुए कहते हैं कि यह मस्जिद सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए अहमियत रखती है. यहां सफाई और सुरक्षा के बेहतर इंतजाम होने चाहिए, ताकि लोग बेफिक्र होकर इबादत कर सकें.

जामा मस्जिद दिल्ली के सामने की गली में रोजेदारों की भीड़
जामा मस्जिद दिल्ली के सामने की गली में रोजेदारों की भीड़ (ETV Bharat)

जामा मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व: दिल्ली की जामा मस्जिद सिर्फ एक इबादतगाह ही नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास और मुगल वास्तुकला की एक अनमोल विरासत भी है. इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने 1650 से 1656 ईस्वी के बीच बनवाया था. इस मस्जिद को मस्जिद-ए-जहांनुमा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "दुनिया को दिखाने वाली मस्जिद."

दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए
दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए (ETV Bharat)

मस्जिद के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर व सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो इसकी भव्यता को दर्शाता है. इसे बनाने में करीब 5,000 मजदूरों ने काम किया और 6 साल में यह तैयार हुई. मस्जिद का आंगन विशाल है, जहां एक साथ 25,000 से अधिक लोग नमाज अदा कर सकते हैं.

दिल्ली जामा मस्जिद का मंजर
दिल्ली जामा मस्जिद का मंजर (ETV Bharat)

इसके तीन प्रमुख प्रवेश द्वार हैं, जो उत्तर, दक्षिण और पूर्व दिशा में हैं. पूर्वी द्वार को शाही परिवार के लिए विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता था. मस्जिद की दो ऊंची मीनारें और तीन सफेद संगमरमर की गुंबदें इसे दूर से भी शानदार बनाती हैं.

जामा मस्जिद के सामने लिखा है रमजान मुबारक
जामा मस्जिद के सामने लिखा है रमजान मुबारक (ETV Bharat)

सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सेना ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था, लेकिन आज यह फिर से मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन चुकी है.

रमजान में खास क्यों होती है जामा मस्जिद?

  1. यहां देशभर से श्रद्धालु सिर्फ इबादत करने के लिए आते हैं.
  2. जामा मस्जिद के आसपास रमजान में खास रौनक रहती है.
  3. यह सिर्फ एक मस्जिद नहीं, बल्कि आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र बन जाती है.
  4. लोग पांच वक्त की नमाज के अलावा, इफ्तार व तरावीह की नमाज के लिए जुटते हैं.

रमजान में दिल्ली क्यों बनती है लोगों की पसंद?
जामा मस्जिद सिर्फ धार्मिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि रमजान के दौरान पुरानी दिल्ली की गलियों में खास रौनक भी देखने को मिल रही है. लोग यहां इबादत के साथ-साथ शाही इफ्तार व सेवइयों के खाद्य बाजार का आनंद लेने भी आते हैं. रमजान के इस माह में जामा मस्जिद की रौनक देखने लायक होती है. देशभर से आए लोग यहां न सिर्फ इबादत करते हैं, बल्कि यह धार्मिक एकता व सौहार्द का भी प्रतीक बन जाता है.

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देशभर से लोग रमजान में क्यों आते हैं जामा मस्जिद? बिहार से आए मोहम्मद यूनुस अंसारी कहते हैं कि मैं 20 साल से हर रमजान में दिल्ली आता हूं, ताकि जामा मस्जिद में पांच वक्त की नमाज अदा कर सकूं. यह सिर्फ मस्जिद नहीं, बल्कि इबादत और सुकून की जगह है. उनके परिवार के भी लोग यहां आते हैं.

रमजान में दिल्ली बनी इबादत का केंद्र (ETV Bharat)

जम्मू-कश्मीर के रियाज ज़रगर बताते हैं कि "रमजान के दौरान जामा मस्जिद में नमाज अदा करने का अलग ही सुकून मिलता है. यही वजह है कि हर साल मैं दिल्ली आता हूं और मस्जिद के पास ही ठहरता हूं."

दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए
दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए (ETV Bharat)

दिल्ली के स्थानीय निवासी अकबर ने बताया कि "मैं यहीं पैदा हुआ हूं और रोज जामा मस्जिद में नमाज अदा करता हूं. यहां देश-विदेश से लोगों को आते देखना गर्व की बात है. रमजान में यह जगह और भी खास हो जाती है."

दिल्ली की जामा मस्जिद के पास रमजान का बाजार
दिल्ली की जामा मस्जिद के पास रमजान का बाजार (ETV Bharat)

हैदराबाद के अब्दुल मन्नान खान वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. वह कहते हैं कि "रमजान में फजर और मगरिब की नमाज जामा मस्जिद में अदा करते हैं. यहां का माहौल बेहद पाकीज़ा होता है. बहुत ही खास इंतजाम होता है"

जामा मस्जिद के पास रमजान की खरीदारी के लिए बाजार सज गए
जामा मस्जिद के पास रमजान की खरीदारी के लिए बाजार सज गए (ETV Bharat)

हैदराबाद से आए इरफान प्रशासन से अपील करते हुए कहते हैं कि यह मस्जिद सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए अहमियत रखती है. यहां सफाई और सुरक्षा के बेहतर इंतजाम होने चाहिए, ताकि लोग बेफिक्र होकर इबादत कर सकें.

जामा मस्जिद दिल्ली के सामने की गली में रोजेदारों की भीड़
जामा मस्जिद दिल्ली के सामने की गली में रोजेदारों की भीड़ (ETV Bharat)

जामा मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व: दिल्ली की जामा मस्जिद सिर्फ एक इबादतगाह ही नहीं, बल्कि भारतीय इतिहास और मुगल वास्तुकला की एक अनमोल विरासत भी है. इसे मुगल सम्राट शाहजहां ने 1650 से 1656 ईस्वी के बीच बनवाया था. इस मस्जिद को मस्जिद-ए-जहांनुमा भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "दुनिया को दिखाने वाली मस्जिद."

दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए
दिल्ली की जामा मस्जिद में रोजेदार इफ्तार करते हुए (ETV Bharat)

मस्जिद के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर व सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है, जो इसकी भव्यता को दर्शाता है. इसे बनाने में करीब 5,000 मजदूरों ने काम किया और 6 साल में यह तैयार हुई. मस्जिद का आंगन विशाल है, जहां एक साथ 25,000 से अधिक लोग नमाज अदा कर सकते हैं.

दिल्ली जामा मस्जिद का मंजर
दिल्ली जामा मस्जिद का मंजर (ETV Bharat)

इसके तीन प्रमुख प्रवेश द्वार हैं, जो उत्तर, दक्षिण और पूर्व दिशा में हैं. पूर्वी द्वार को शाही परिवार के लिए विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता था. मस्जिद की दो ऊंची मीनारें और तीन सफेद संगमरमर की गुंबदें इसे दूर से भी शानदार बनाती हैं.

जामा मस्जिद के सामने लिखा है रमजान मुबारक
जामा मस्जिद के सामने लिखा है रमजान मुबारक (ETV Bharat)

सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश सेना ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था, लेकिन आज यह फिर से मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन चुकी है.

रमजान में खास क्यों होती है जामा मस्जिद?

  1. यहां देशभर से श्रद्धालु सिर्फ इबादत करने के लिए आते हैं.
  2. जामा मस्जिद के आसपास रमजान में खास रौनक रहती है.
  3. यह सिर्फ एक मस्जिद नहीं, बल्कि आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र बन जाती है.
  4. लोग पांच वक्त की नमाज के अलावा, इफ्तार व तरावीह की नमाज के लिए जुटते हैं.

रमजान में दिल्ली क्यों बनती है लोगों की पसंद?
जामा मस्जिद सिर्फ धार्मिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि रमजान के दौरान पुरानी दिल्ली की गलियों में खास रौनक भी देखने को मिल रही है. लोग यहां इबादत के साथ-साथ शाही इफ्तार व सेवइयों के खाद्य बाजार का आनंद लेने भी आते हैं. रमजान के इस माह में जामा मस्जिद की रौनक देखने लायक होती है. देशभर से आए लोग यहां न सिर्फ इबादत करते हैं, बल्कि यह धार्मिक एकता व सौहार्द का भी प्रतीक बन जाता है.

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