नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलेगी, जिससे यह भारत की पहली ऐसी विधानसभा बनेगी जो 100 फीसदी सौर ऊर्जा पर काम करेगी. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस योजना को लेकर आज अपने कार्यालय में एक बैठक की. इस बैठक में पीडब्ल्यूडी और विधानसभा के अधिकारी शामिल हुए और योजना को अंतिम रूप दिया गया. विधानसभा की छतों का ड्रोन से निरीक्षण भी किया गया, ताकि सोलर पैनल लगाने के लिए सही जगहों का पता लगाया जा सके.
इस योजना के तहत 500 किलोवॉट की सौर ऊर्जा प्रणाली लगाई जाएगी, जो अगले 60 दिनों में पूरी हो जाएगी. इससे विधानसभा को 10 फीसदी अतिरिक्त बिजली मिलेगी. इस पहल से हर महीने करीब 15 लाख रुपये की बिजली की बचत होगी और सरकार का बिजली खर्च भी कम होगा. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “सौर ऊर्जा से हम आत्मनिर्भर विधानसभा की ओर बढ़ रहे हैं. यह दिल्ली विधानसभा को देशभर में एक नई पहचान दिलाएगा. हम स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग से देश की बाकी विधानसभाओं के लिए भी मिसाल पेश करेंगे.”

उन्होंने आगे कहा, दिल्ली विधानसभा भी सौर ऊर्जा के उपयोग से ऊर्जा बचत और पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस परियोजना पर तुरंत काम शुरू किया जाए और इसका टेंडर अगले हफ्ते तक जारी कर दिया जाए. इस साल का मानसून सत्र पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलेगा, जिससे देश में ऊर्जा बचत और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा. यह पहल जनता को भी हरित ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगी.
इस परियोजना का उद्देश्य
- पुराने 200 किलोवाट सौर रूफटॉप सिस्टम को हटाना
- एलओए (LOA) की तारीख से 60 दिनों के भीतर 500 किलोवाट का नया सौर रूफटॉप सिस्टम स्थापित करना
- हर महीने की 15 लाख रुपये की बिजली बिल की बचत
- लोगों में हरित ऊर्जा लक्ष्यों और शून्य बिजली बिल के प्रति जागरूकता फैलाना
- शासन में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना
- कार्बन उत्सर्जन और सार्वजनिक ऊर्जा की खपत को कम करना
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