देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर भर्ती किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार आठ अप्रैल को देहरादून में रैली निकाली गई. इस दौरान डीएलएड प्रशिक्षुओं ने अपना आक्रोश व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के सरकारी आवास का कूच भी किया है, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते में ही रोक दिया.
दरअसल, अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को बड़ी संख्या में डीएलएड प्रशिक्षु शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का सरकारी आवास घेरने निकले थे, लेकिन पुलिस ने यमुना कॉलोनी के गेट पर पहले से ही बैरिकेटिंग लगाकर उन्हें रोक दिया. इसके बाद प्रशिक्षु बेरोजगार वहीं सड़क पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था निरंतर बदहाल होती जा रही है. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है. शिक्षण गुणवत्ता में गिरावट के कारण शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
बेरोजगारों का कहना है कि प्रदेश में 1149 ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर शिक्षक नहीं है. विद्यालयों की ऐसी दुर्दशा है कि जहां विद्यार्थी जाता है, लेकिन उन्हें वहां शिक्षक नहीं मिलता. पलायन आयोग यह सुझाव देता है कि हर तीस बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक का होना जरूरी है. परंतु वर्तमान स्थिति में यह कमी भी पूरी नहीं हो पा रही है.
बेरोजगारों का कहना है कि अगर कुछ अड़चनों की वजह से सरकार शिक्षकों की भर्ती नहीं कर पा रही है तो फिर सरकार कम से कम डीएलएड प्रशिक्षु बेरोजगारों को मेन विद्यालयों में ही नियुक्त कर दे, ताकि विद्यालयों के बच्चे शिक्षा से वंचित न रह पाएं. प्रशिक्षुओं ने यह भी आरोप लगाए की विभाग की ओर से कोई स्पष्ट आश्वासन उन्हें नहीं दिया जा रहा है और नीतियों की खामियों का परिणाम उन्हें भुगतना पड़ रहा है.
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