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साइबर ठगी के तीन मामले, एक करोड़ से ज्यादा का फ्रॉड, 6 आरोपी गिरफ्तार - CYBER CRIMINAL ARRESTED

देहरादून साइबर क्राइम पुलिस दो डिजिटल अरेस्ट और एक धोखाधड़ी के मामले में 06 आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया.

cyber criminal arrested
देहरादून साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी कार्रवाई (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 2, 2025 at 8:24 PM IST

6 Min Read

देहरादून: साइबर क्राइम पुलिस टीम ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के दो मामलों और एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में दक्षिण भारत के तीन राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु) और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है.

पहले मामले में रुड़की निवासी पीड़िता सेवानिवृत्त महिला बैंक अधिकारी को साइबर ठगों ने उनके पति के बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग होने का भय दिखाकर ठगी को अंजाम दिया था. ठगों ने पीड़िता को 24 घंटे से भी अधिक समय तक वीडियो/ऑडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर 32 लाख 31 हजार रुपये ठगे थे. जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

दूसरे मामले में पीड़िता के मोबाइल नंबर पर अनजान नंबर से एक व्हाट्सएप कॉल आई. जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर कहा कि आपके आधार कार्ड से कैनरा बैंक की मुंबई शाखा में एक बैंक खाता खोला गया है. जिसमें 2 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि का लेनदेन हुआ है, जो कि नरेश गोयल नाम के व्यक्ति के मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित है.

उसके बाद पीड़िता को उसी व्हाट्सएप नंबर से नरेश गोयल नाम के व्यक्ति का फोटो और गिरफ्तारी वारंट भेजे गए. पीड़िता को वीडियो कॉल पर सीबीआई गिरफ्तारी वारंट, आरबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का एक नोटिस दिखाया. पीड़िता को 24 घंटे से भी अधिक समय तक वीडियो/ऑडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर 23 लाख रुपये की धनराशि ठगे जाने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

तीसरे मामले में खुद को देहरादून स्थित एक प्रतिष्ठित कार कंपनी के शोरूम का स्वामी बताकर और उनकी फोटो को एक नया व्हाट्सएप नंबर पर डीपी के रूप में प्रयोग कर कार कंपनी के अकाउंटेंट को मैसेज किया गया. बताया गया कि यह मेरा नया नंबर है. नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण पुराना नंबर काम नहीं कर रहा है. वर्तमान में किसी जगह पर आया हुआ हूं. किसी प्रोजेक्ट में तत्काल कुछ राशि निवेश करनी है. चूंकि घटना के समय कंपनी के मालिक देहरादून से कहीं बाहर गए हुए थे. जिससे अकाउंटेंट को विश्वास हो गया.

उसके बाद स्वयं को कार कंपनी का मालिक बताने वाले शख्स के द्वारा एक खाता नंबर बताया गया और अकाउंटेंट को आरटीजीएस के माध्यम से 38 लाख रुपये की धनराशि जमा करने को कहा गया. राशि को जमा करने के बाद दोबारा 15 लाख रुपये की धनराशि जमा करने के लिए कहा गया. यह राशि भी जमा होने के बाद दोबारा 35 लाख रुपये की धनराशि जमा करने के लिए कहा गया. शक होने पर अकाउंटेंट के द्वारा कार कंपनी के स्वामी से घटना का जिक्र किया गया. तब जाकर पता लगा कि वो किसी ठगी का शिकार हो गए हैं. जिस पर तत्काल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मुकदमा दर्ज किया गया.

पहले मामले में गिरफ्तारी: आरोपियों की गिरफ्तारी के साइबर पुलिस टीम द्वारा मुकदमे की जांच की तो डिजिटल अरेस्ट के पहले मामले में सथुलुरी सिंधु और मुव्वा भार्गव को मल्लमपेट थाना डूंडीगल कमिश्नरेट हैदराबाद तेलंगाना और पी मणिकन्दन निवासी पुडुचेरी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई और कब्जे से पीड़ित के साथ धोखाधड़ी में प्रयोग बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट नंबर सहित 1 मोबाइल, संबंधित बैंक खाते की चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद हुआ.

दूसरे और तीसरे मामले में गिरफ्तारी: डिजिटल अरेस्ट के दूसरे मामले में मुख्य आरोपी अकुला अरूण निवासी हैदराबाद (तेलंगाना) के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई. कार शोरुम के अकाउंटेंट से ठगी के मामले में बालाजी जीवी निवासी तिरुवल्लूर चेन्नई और कुमार निवासी तमिलनाडु के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई और कब्जे से पीड़ित के साथ धोखाधड़ी में प्रयोग बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट नंबर समेत 1 मोबाइल फोन, संबंधित बैंक खाते की चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद हुआ.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि अब तक की जांच में आए आरोपियों ने धोखाधड़ी में प्रयोग किए जा रहे बैंक खाते के खिलाफ तेलंगाना में करीब 2 करोड़, तमिलनाडु में 2.70 करोड़ और महाराष्ट्र राज्य में 3.40 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायतें भी दर्ज होना पाई गई है.

टप्पेबाज दंपत्ति गिरफ्तार: ऋषिकेश क्षेत्र में हुई चोरी की घटना का खुलासा करते हुए कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने शातिर टप्पेबाज दंपत्ति को सीएनजी पेट्रोल पंप श्यामपुर ऋषिकेश के पास से गिरफ्तार किया. दंपत्ति ने ऑटो में बैठी महिला के बैग से 1 लाख रुपए चोरी की घटना को अंजाम दिया था. गिरफ्तार दंपत्ति बेहद शातिर किस्म के अपराधी हैं और घटना को अंजाम देते समय लोगों की नजरों से बचने के लिए बच्चों को साथ रखते हैं. साथ ही गिरफ्तार आरोपी मेरठ से टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देने ऋषिकेश आए थे.

बता दें कि 30 मार्च को रेवती देवी, निवासी आशीर्वाद कॉलोनी, गुमानीवाला गली ऋषिकेश ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह 30 मार्च को नटराज चौक ऋषिकेश से गुमानीवाला घर जाने के लिए विक्रम में बैठी थी. ऑटो में उनके बगल में एक महिला दो छोटे बच्चों के साथ बैठी थी और उसके द्वारा उनके बैग से 1 लाख रुपए चोरी कर लिए गए हैं. पीड़िता की तहरीर के आधार पर कोतवाली ऋषिकेश में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली ऋषिकेश पर अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया. गठित टीम ने पीड़िता से घटना के संबंध में जानकारी लेते हुए आने-जाने वाले मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को चेक किया गया. जिसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सीएनजी पेट्रोल पंप श्यामपुर ऋषिकेश के पास से घटना को अंजाम देने वाले 2 आरोपी भारती और मोनू को चोरी किए 1 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया.

कोतवाली ऋषिकेश प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया है कि आरोपी मोनू मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और वर्तमान में अपनी दोनों पत्नियों भारती, गीता और बच्चों के साथ मेरठ में किराए पर रहता है. आरोपियों से पूछताछ में उनके द्वारा पहले भी अन्य स्थानों में भी इस प्रकार की घटनाओं को अजांम जाने की जानकारी मिली है. जिसके संबंध में जानकारी ली जा रही है.

ये भी पढ़ें: पार्सल में आपत्तिजनक चीजें बताकर किया डिजिटल अरेस्ट, 32 लाख रुपए ट्रांसफर कराए, झारखंड से गिरफ्तार

देहरादून: साइबर क्राइम पुलिस टीम ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के दो मामलों और एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में दक्षिण भारत के तीन राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु) और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है.

पहले मामले में रुड़की निवासी पीड़िता सेवानिवृत्त महिला बैंक अधिकारी को साइबर ठगों ने उनके पति के बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग होने का भय दिखाकर ठगी को अंजाम दिया था. ठगों ने पीड़िता को 24 घंटे से भी अधिक समय तक वीडियो/ऑडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर 32 लाख 31 हजार रुपये ठगे थे. जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

दूसरे मामले में पीड़िता के मोबाइल नंबर पर अनजान नंबर से एक व्हाट्सएप कॉल आई. जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर कहा कि आपके आधार कार्ड से कैनरा बैंक की मुंबई शाखा में एक बैंक खाता खोला गया है. जिसमें 2 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि का लेनदेन हुआ है, जो कि नरेश गोयल नाम के व्यक्ति के मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित है.

उसके बाद पीड़िता को उसी व्हाट्सएप नंबर से नरेश गोयल नाम के व्यक्ति का फोटो और गिरफ्तारी वारंट भेजे गए. पीड़िता को वीडियो कॉल पर सीबीआई गिरफ्तारी वारंट, आरबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का एक नोटिस दिखाया. पीड़िता को 24 घंटे से भी अधिक समय तक वीडियो/ऑडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर 23 लाख रुपये की धनराशि ठगे जाने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

तीसरे मामले में खुद को देहरादून स्थित एक प्रतिष्ठित कार कंपनी के शोरूम का स्वामी बताकर और उनकी फोटो को एक नया व्हाट्सएप नंबर पर डीपी के रूप में प्रयोग कर कार कंपनी के अकाउंटेंट को मैसेज किया गया. बताया गया कि यह मेरा नया नंबर है. नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण पुराना नंबर काम नहीं कर रहा है. वर्तमान में किसी जगह पर आया हुआ हूं. किसी प्रोजेक्ट में तत्काल कुछ राशि निवेश करनी है. चूंकि घटना के समय कंपनी के मालिक देहरादून से कहीं बाहर गए हुए थे. जिससे अकाउंटेंट को विश्वास हो गया.

उसके बाद स्वयं को कार कंपनी का मालिक बताने वाले शख्स के द्वारा एक खाता नंबर बताया गया और अकाउंटेंट को आरटीजीएस के माध्यम से 38 लाख रुपये की धनराशि जमा करने को कहा गया. राशि को जमा करने के बाद दोबारा 15 लाख रुपये की धनराशि जमा करने के लिए कहा गया. यह राशि भी जमा होने के बाद दोबारा 35 लाख रुपये की धनराशि जमा करने के लिए कहा गया. शक होने पर अकाउंटेंट के द्वारा कार कंपनी के स्वामी से घटना का जिक्र किया गया. तब जाकर पता लगा कि वो किसी ठगी का शिकार हो गए हैं. जिस पर तत्काल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मुकदमा दर्ज किया गया.

पहले मामले में गिरफ्तारी: आरोपियों की गिरफ्तारी के साइबर पुलिस टीम द्वारा मुकदमे की जांच की तो डिजिटल अरेस्ट के पहले मामले में सथुलुरी सिंधु और मुव्वा भार्गव को मल्लमपेट थाना डूंडीगल कमिश्नरेट हैदराबाद तेलंगाना और पी मणिकन्दन निवासी पुडुचेरी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई और कब्जे से पीड़ित के साथ धोखाधड़ी में प्रयोग बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट नंबर सहित 1 मोबाइल, संबंधित बैंक खाते की चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद हुआ.

दूसरे और तीसरे मामले में गिरफ्तारी: डिजिटल अरेस्ट के दूसरे मामले में मुख्य आरोपी अकुला अरूण निवासी हैदराबाद (तेलंगाना) के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई. कार शोरुम के अकाउंटेंट से ठगी के मामले में बालाजी जीवी निवासी तिरुवल्लूर चेन्नई और कुमार निवासी तमिलनाडु के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई और कब्जे से पीड़ित के साथ धोखाधड़ी में प्रयोग बैंक खाते के एसएमएस अलर्ट नंबर समेत 1 मोबाइल फोन, संबंधित बैंक खाते की चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि बरामद हुआ.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि अब तक की जांच में आए आरोपियों ने धोखाधड़ी में प्रयोग किए जा रहे बैंक खाते के खिलाफ तेलंगाना में करीब 2 करोड़, तमिलनाडु में 2.70 करोड़ और महाराष्ट्र राज्य में 3.40 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायतें भी दर्ज होना पाई गई है.

टप्पेबाज दंपत्ति गिरफ्तार: ऋषिकेश क्षेत्र में हुई चोरी की घटना का खुलासा करते हुए कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने शातिर टप्पेबाज दंपत्ति को सीएनजी पेट्रोल पंप श्यामपुर ऋषिकेश के पास से गिरफ्तार किया. दंपत्ति ने ऑटो में बैठी महिला के बैग से 1 लाख रुपए चोरी की घटना को अंजाम दिया था. गिरफ्तार दंपत्ति बेहद शातिर किस्म के अपराधी हैं और घटना को अंजाम देते समय लोगों की नजरों से बचने के लिए बच्चों को साथ रखते हैं. साथ ही गिरफ्तार आरोपी मेरठ से टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देने ऋषिकेश आए थे.

बता दें कि 30 मार्च को रेवती देवी, निवासी आशीर्वाद कॉलोनी, गुमानीवाला गली ऋषिकेश ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह 30 मार्च को नटराज चौक ऋषिकेश से गुमानीवाला घर जाने के लिए विक्रम में बैठी थी. ऑटो में उनके बगल में एक महिला दो छोटे बच्चों के साथ बैठी थी और उसके द्वारा उनके बैग से 1 लाख रुपए चोरी कर लिए गए हैं. पीड़िता की तहरीर के आधार पर कोतवाली ऋषिकेश में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली ऋषिकेश पर अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया. गठित टीम ने पीड़िता से घटना के संबंध में जानकारी लेते हुए आने-जाने वाले मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को चेक किया गया. जिसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सीएनजी पेट्रोल पंप श्यामपुर ऋषिकेश के पास से घटना को अंजाम देने वाले 2 आरोपी भारती और मोनू को चोरी किए 1 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया.

कोतवाली ऋषिकेश प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया है कि आरोपी मोनू मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और वर्तमान में अपनी दोनों पत्नियों भारती, गीता और बच्चों के साथ मेरठ में किराए पर रहता है. आरोपियों से पूछताछ में उनके द्वारा पहले भी अन्य स्थानों में भी इस प्रकार की घटनाओं को अजांम जाने की जानकारी मिली है. जिसके संबंध में जानकारी ली जा रही है.

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