बोकारो: विस्थापित आंदोलन का शोर शनिवार को खत्म हो गया. धनबाद सांसद ढुल्लू महतो की अगुआई में मृत विस्थापित युवक प्रेम कुमार महतो के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया. इसके साथ ही मृतक के भाई को बीएसएल के आउटसोर्सिंग कंपनी जीआर इंटरप्राइजेज में नियुक्ति मिली. सांसद ढुल्लू महतो ने प्रेम के भाई को नियुक्ति पत्र सौंपा. इसके साथ ही बीएसएल प्रबंधन की तरफ से 50 लाख की राशि का मुआवजा चेक के रूप में भी दिया गया. इसके बाद मृतक का शव को बोकारो जनरल अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
धनबाद सांसद ढुल्लू महतो ने बताया कि मृतक के आश्रित को 25 से 30 हजार रुपए मासिक वेतन की अस्थायी प्रकृति की नौकरी दी गई है. बाद में स्थायी नियोजन के लिए कॉरपोरेट ऑफिस में अग्रसरित की जाएगी. सांसद ने कहा कि इसी तरह तमाम अप्रेंटिसशिप करने वाले विस्थापित युवाओं को भी पहले नियोजन फिर स्थायी नियोजन की दिशा में पहल होगी.
सांसद ढुल्लू महतो ने कहा कि यहां किसी को बाहरी भीतरी नहीं करने दिया जाएगा. सांसद ने कहा कि बोकारो का माहौल खराब नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबके साथ और सबके लिए खड़ा रहूंगा. सांसद ने घटना को लेकर बीएसएल और सीआईएसएफ की लापरवाही बताई. साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है. इधर गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व बगोदर के पूर्व विधायक विनोद सिंह भी बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचकर घायल विस्थापितों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.
ये भी पढ़ें- 30 घंटे बाद बोकारो स्टील प्लांट का खुला गेट, देर रात हुई हिंसक झड़प में कई घायल, हिरासत में विधायक श्वेता सिंह
नियोजन को लेकर विस्थापितों और सीआईएसएफ के बीच झड़प, लाठीचार्ज में एक की मौत