बलरामपुर: बलरामपुर के जंगली और ग्रामीण इलाकों में हाथी का हमला चिंता का विषय बनता जा रहा है. बीते तीन दिनों के अंदर एलिफेंट अटैक के केस में कुल चार लोगों की मौत हो गई है. गुरुवार को चौथी मौत हुई है. 35 साल के एक व्यक्ति को हाथी ने कुचलकर मार डाला है. घटना पास्ता पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत घाघरा गांव में हुई.
फसल की निगरानी करते वक्त हमला: वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जब ग्रामीण खेत में फसल की रखवाली करने गया था. उस दौरान दिलीप पोया को हाथी ने सूड़ से पटक पटक कर मौत के घाट उतार दिया. उसके बाद उसे कुचल दिया. जिससे दिलीप पोया की मौके पर मौत हो गई.
एक्शन में वन विभाग: हाथी की मौजूदगी का आभास होने के बाद अन्य ग्रामीण भागने में सफल रहे. वन विभाग की तरफ से बताया गया कि वन और पुलिस के कर्मी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक के परिवार वालों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता तत्काल दी गई है.
सोमवार से लगातार हो रही घटना : सोमवार को बलरामपुर के रामानुजगंज क्षेत्र में हाथियों के अलग-अलग हमलों में दो लोगों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया, जबकि जिले के शंकरगढ़ क्षेत्र में बुधवार को इसी तरह की घटना में एक महिला की मौत हो गई. सोमवार को छतवा गांव में अस्मिना की मौत हुई. उसी रात रामपुर के जंगल में हाथी ने जिगड़ी बासेन निवासी बुजुर्ग दुर्गा प्रसाद सिंह पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया. शंकरगढ़ फोरेस्ट रेंज में बुधवार को बुजुर्ग महिला गिधी की मौत हो गई. इस तरह कुल चार लोगों की मौत हाथी के हमले में हुई.
झारखंड से पहुंचा है हाथी का दल: वन विभाग का दावा है कि झारखंड से बलरामपुर के जंगलों में दो हाथी पहुंचे हुए हैं. यह उत्पात मचा रहे हैं. वन विभाग की टीम इन हाथियों पर नजर रखे हुए है. लोगों को सतर्क किया जा रहा है कि वे जंगल की तरफ न जाएं. वन विभाग के मुताबिक हाथी से सबसे ज्यादा प्रभावित सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर के जिले हैं. यहां बीते पांच वर्षों में हाथी के हमले में करीब 320 लोग मारे गए हैं.