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बेरोजगारों का भत्ता डकार गई महिला कर्मचारी, बड़ी चालाकी से लाखों का कर दिया गबन - SUB EMPLOYMENT OFFICE MEHRE

उपरोजगार कार्यालय में गबन का मामला सामने आया है. डाटा एंट्री ऑपरेटर ने इस घोटाले को अंजाम दिया है.

गबन के आरोप में डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार
गबन के आरोप में डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : June 8, 2025 at 6:58 PM IST

2 Min Read

हमीरपुर: जिला के उपरोजगार कार्यालय मैहरे में युवाओं को मिलने वाले बेरोजगारी भत्ते के गबन का मामला सामने आया है. छह लाख रुपये के गबन मामले में पुलिस ने कार्यालय में आउटसोर्स पर काम कर रही डाटा एंट्री ऑपरेटर चाहत महाजन को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने आरोपी को पांच दिन का पुलिस रिमांड दिया है. महिला कार्यालय में वर्ष 2017 से बतौर डाटा एंट्री ऑपरेटर सेवाएं दे रही थी. कुछ बेरोजगार युवाओं के खाते में जब बेरोजगारी भत्ता नहीं आया तो वो शिकायत लेकर कार्यालय पहुंचे. जब मामले की जांच हुई तो छह लाख रुपये के गबन से पर्दा उठा.

वहीं, डीएसपी बड़सर लालमन शर्मा ने कहा कि 'उपरोजगार कार्यालय मैहरे में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी पर गबन का एक मामला पुलिस ने दर्ज किया है. कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. महिला को कोर्ट से पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला है. मामले में पुलिस अभी जांच कर रही है.'

बता दें कि 2021-22 में आरोपी डाटा एंट्री ऑपरेटर ने गबन को अंजाम दिया है. डाटा एंट्री ऑपरेटर ने युवाओं को मिलने वाली धनराशि को अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया. चार साल पहले घटित हुए इस घटनाक्रम के बाद मामले को जांच के लिए बीते वर्ष हेड ऑफिस शिमला भेजा गया था, लेकिन 2024 में हेड ऑफिस से मिले निर्देशों के बाद जिला रोजगार अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. बीते वर्ष से आरोपी महिला कार्यालय में सेवाएं नहीं दे रही थी. बेरोजगार युवाओं को सरकार हर महीने एक हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देती है. इसे हर साल रिन्यू किया जाता है, लेकिन डाटा एंट्री ऑपरेटर बड़ी चालाकी से युवाओं के अकाउंट नंबर के बजाय अपना नंबर डाल दिया और बेरोजगारी भत्ता सीधा उसके खाते में आता चला गया. अब सवाल ये है कि एक ही व्यक्ति के खाते में इतनी बड़ी रकम कैसे ट्रांसफर हुई.

ये भी पढ़ें: ये भी पढ़ें: लैंडस्लाइड की चपेट में आने से पलटी टेंपो ट्रैवलर, गाड़ी में सवार थे 11 लोग

हमीरपुर: जिला के उपरोजगार कार्यालय मैहरे में युवाओं को मिलने वाले बेरोजगारी भत्ते के गबन का मामला सामने आया है. छह लाख रुपये के गबन मामले में पुलिस ने कार्यालय में आउटसोर्स पर काम कर रही डाटा एंट्री ऑपरेटर चाहत महाजन को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने आरोपी को पांच दिन का पुलिस रिमांड दिया है. महिला कार्यालय में वर्ष 2017 से बतौर डाटा एंट्री ऑपरेटर सेवाएं दे रही थी. कुछ बेरोजगार युवाओं के खाते में जब बेरोजगारी भत्ता नहीं आया तो वो शिकायत लेकर कार्यालय पहुंचे. जब मामले की जांच हुई तो छह लाख रुपये के गबन से पर्दा उठा.

वहीं, डीएसपी बड़सर लालमन शर्मा ने कहा कि 'उपरोजगार कार्यालय मैहरे में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी पर गबन का एक मामला पुलिस ने दर्ज किया है. कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. महिला को कोर्ट से पांच दिन का पुलिस रिमांड मिला है. मामले में पुलिस अभी जांच कर रही है.'

बता दें कि 2021-22 में आरोपी डाटा एंट्री ऑपरेटर ने गबन को अंजाम दिया है. डाटा एंट्री ऑपरेटर ने युवाओं को मिलने वाली धनराशि को अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया. चार साल पहले घटित हुए इस घटनाक्रम के बाद मामले को जांच के लिए बीते वर्ष हेड ऑफिस शिमला भेजा गया था, लेकिन 2024 में हेड ऑफिस से मिले निर्देशों के बाद जिला रोजगार अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. बीते वर्ष से आरोपी महिला कार्यालय में सेवाएं नहीं दे रही थी. बेरोजगार युवाओं को सरकार हर महीने एक हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देती है. इसे हर साल रिन्यू किया जाता है, लेकिन डाटा एंट्री ऑपरेटर बड़ी चालाकी से युवाओं के अकाउंट नंबर के बजाय अपना नंबर डाल दिया और बेरोजगारी भत्ता सीधा उसके खाते में आता चला गया. अब सवाल ये है कि एक ही व्यक्ति के खाते में इतनी बड़ी रकम कैसे ट्रांसफर हुई.

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