कोरबा: दुनिया के सबसे जहरीले सांप किंग कोबरा का कोरबा में स्थाई रहवास है. यह मध्य भारत का इकलौता ऐसा क्षेत्र है, जहां किंग कोबरा पाया जाता है. अब भारत के चार सबसे जहरीले सांपों में शामिल रसेल वाइपर स्नेक को भी कोरबा में पाया गया है. हाल ही में कोरबा शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर गांव कनकी में रसेल वाइपर तब पाया गया, जब रेस्क्यू टीम को यहां एक सीटी की तरह आवाज निकालने वाले सांप मिलने की सूचना मिली. रेस्क्यू टीम के सदस्य जब मौके पर पहुंचे, तो वो यह देखकर हैरान हो गए कि यह दुर्लभ रसेल वाइपर सांप है. रसेल वाइपर भारत के चार सबसे जहरीले सांपों में शामिल है. जिसे "The big 4" की कैटेगरी में रखा गया है. कोरबा में रसेल वाइपर पहली बार पाया गया है, रसेल वाइपर को बेहद गुस्सैल स्वभाव का माना जाता है.
कोरबा में मिला गुस्सैल ''रसेल वाइपर'': कुछ दिन पहले ही रसेल वाइपर के रेस्क्यू को नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी के वरिष्ठ रेस्क्यूअर जितेन्द्र सारथी और राजू बर्मन ने अंजाम दिया है. जितेंद्र ने बताया कि मौके पर पहुंचकर पहले भीड़ को दूर किया गया. आवश्यक वैज्ञानिक रेस्क्यू प्रोटोकॉल और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए सांप को शांतिपूर्वक पकड़ा गया. बाद में उसे सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान दुर्लभ सांप को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा.
भारत के 4 सबसे जहरीले सांपों में होती है गिनती: गुस्सैल प्रजाती का रसेल वाइपर स्नेक भारत के चार सबसे जहरीले सांपों में से एक है. जो गुस्से वाली प्रवृत्ति का होता है और कूकर की सीटी की तरह आवाज निकालता है. यदि यह किसी इंसान को काट ले तो वहां गैंग्रीन हो जाता है, शरीर का हिस्सा गलने लगता है. इसका जहर बेहद खतरनाक होता है. जिसका त्वरित इलाज करने की जरूरत पड़ती है. इसलिए जब यह सांप दिख जाए तब घबराना नहीं चाहिए. यदि काट ले तब भी डरने की जरूरत नहीं है. इसकी दवा उपलब्ध है. जल्दी से जल्दी समीप के चिकित्सालय पहुंचना चाहिए. रसेल वाइपर अजगर की तरह दिखता है. इसलिए कई बार लोग धोखा खा जाते हैं और अजगर समझकर इसे पकड़ने लगते हैं. यहीं पर सावधानी बरतने की जरूरत है. यह अजगर की तरह दिखता जरूर है, लेकिन इसकी बनावट और खूबियां अलग हैं. और जहर बेहद खतरनाक होता है.

कोरबा की बायोडायवर्सिटी रिच, सावधानी भी जरूरी: वन विभाग के एसडीओ आशीष खेलवार ने बताया कि भारत में जो चार सबसे जहरीले सांप पाए जाते हैं. पहला नाजा जिसे नाग कहा जाता है फिर कॉमन करैत, बैंडिट करैत और रसेल वाइपर यह चार होते हैं. इसमें से तीन प्रजातियों की कोरबा में मौजूदगी थी. लेकिन रसेल वाइपर पहली बार पाया गया है. कोरबा में किंग कोबरा का भी रहवास है. यह छत्तीसगढ़ का इकलौता स्थान है जहां किंग कोबरा मिलता है.
कोरबा की बायोडायवर्सिटी काफी रिच है. खासतौर पर अलग अलग प्रजाति के सांपों के लिए यहां एक अच्छा हैबिटेट उपलब्ध है.

सावधानी बरतने की जरुरत: इन दुर्लभ प्राणियों को संरक्षित करने की जरूरत है. यह हमारे ईको सिस्टम का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है. साथ ही साथ सावधानी बरतने की भी जरूरत है. लोगों को सावधान रहकर इन सांपों से बचना चाहिए, रसेल वाइपर गुस्सैल प्रवृत्ति का सांप होता है. अगर यह धिख जाए तो छेड़छाड़ न करें और इसके पास तो बिल्कुल न जाएं.

इसे एशिया का “लैण्ड माइन” भी कहते हैं: रसेल वाइपर, जिसे भारत के चार सबसे विषैले सांपों "The Big Four of India" में शामिल किया गया है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रजाति है, इसे वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 में इसे वर्ग I में रखा गया है. इसे एशिया का “लैण्ड माइन” के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पहचान इसके भूरे शरीर पर गोलाकार काले धब्बों और त्रिकोणीय सिर से होती है.

इसे अजगर समझने की न करें भूल: इसके शरीर पर बने भूरे और गोलाकार काले धब्बों के चलते कई बाल लोग इसे अजगर भी समझ लेते हैं. यह सांप खेतों, झाड़ियों और ग्रामीण बस्तियों के आसपास सक्रिय रहता है. इसका ज़हर हैमोटॉक्सिक होता है, जो रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और समय पर इलाज न होने पर जानलेवा हो सकता है. लेकिन एक अच्छी बात यह है की इसके दंश का इलाज संभव है. यही वजह है कि इस प्रजाति के ज़हर का उपयोग भारत में पॉलीवेलेंट एंटी स्नेक वेनम (polyvalent snake antivenom) के निर्माण में किया जाता है.
क्या सच में होते हैं इच्छाधारी नाग नागिन, साइंस का एक सच और झूठ के सौ अफसाने - Ichhadhari Naag and Naagin exist
कोरबा का कोबरा: किंग कोबरा का DNA एनालिसिस, दुनिया की 4 प्रजातियों में से 1 या फिर कोई नई प्रजाति, राज से उठेगा पर्दा
Naglok Of Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ का नागलोक बना कोरबा, 25 से अधिक प्रजाति के सांपों का बसेरा !