दमोह : लगातार सवालों से घिरे स्वास्थ्य विभाग ने आखिरकार गुरुवार को दमोह के मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया. बता दें कि आरोप है कि यहां फर्जी कॉर्डिलॉजिस्ट ने कई मरीजों की बीते जनवरी व फरवरी में हार्ट सर्जरी की. इनमें से कुछ दिनों के अंतराल में सातों मरीजों की मौत हो गई. इन मरीजों का ऑपरेशन फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टर ने किया था. ये फर्जी डॉक्टर अपने आपको लंदन का मशहूर डॉक्टर जॉन एन केम बताता था.
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में
जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान तब लिया, जब मानव अधिकार आयोग ने प्रशासन से जवाब तलब किया. दरअसल, इस मामले में बाल कल्याण समिति एवं एक युवक द्वारा मानव अधिकार आयोग के साथ ही जिला प्रशासन पुलिस, प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को 19 फरवरी को मिशन अस्पताल में चल रहे फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मिशन अस्पताल के संचालकों को नोटिस तक जारी नहीं किए. इस कारण अस्पताल का संचालक डॉ.अजय लाल दमोह छोड़कर गायब हो गया है.
फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद जागा प्रशासन
इन सब घटनाओं के बीच प्रयागराज से फर्जी डॉक्टर एमजॉन केम की गिरफ्तारी और उसे न्यायालय से पुलिस रिमांड में लिए जाने के बाद हुए खुलासों के बाद स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई करनी पड़ी. जिला अस्पताल में पदस्थ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रहलाद पटेल, डॉ. विक्रांत सिंह चौहान, पूर्व सिविल सर्जन डॉ. राजेश नामदेव की टीम ने गुरुवार शाम मिशन अस्पताल पहुंचकर कैथ लैब को सील किया. डॉ.विक्रांत चौहान ने बताया "प्रशासन की गाइडलाइन और नियम के अनुसार कैथ लैब को इसलिए सील किया गया है, क्योंकि यहीं से एंजियोग्राफी हुई थी. यहां पर ही सारे साक्ष्य मौजूद हैं."

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जांच टीम ने कैथ लैब में क्या-क्या पाया
जांच टीम का कहना है "वह जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेंगे." जांच टीम के वरिष्ठ सदस्य डॉ. प्रहलाद पटेल ने बताया "ब्लड बैंक के प्रभारी यहां पर मौजूद नहीं थे. टेक्नीशियन ही लैब में मौजूद थे. यहां पर बाकी सभी चीज संतोषजनक पाई गई हैं. 6 यूनिट ब्लड भी पाया गया, जो सुरक्षित रखा गया था. अपनी रिपोर्ट से हम प्रशासन को अवगत कराएंगे, जो भी कार्रवाई होगी, वह नियम अनुसार होगी."