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चिकन के स्वाद ने पहुंचाया सलाखों के पीछे, दमोह के फर्जी डाॅक्टर की गिरफ्तारी की इनसाइड स्टोरी - DAMOH FAKE DOCTOR CASE UPDATE

दमोह मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर ने प्रयागराज में चिकन ऑर्डर किया था, दुकानदार को अपनी लोकेशन सेंड करने के चलते वह पकड़ा गया.

DAMOH FAKE DOCTOR CASE UPDATE
चिकन शाॅप पर व्हाट्सएप पर लोकेशन भेज फंसा डॉक्टर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 1:17 PM IST

4 Min Read

दमोह: बहुचर्चित दमोह के मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर केस में कई नई चीजें निकलकर सामने आई हैं. दरअसल, पुलिस ने आरोपी से पूछताछ के लिए 5 दिनों की रिमांड ली है. जहां पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि उसकी मेडिकल की डिग्रियां फर्जी हैं. यहां तक की उसने डिग्री पर फर्जी साइन भी किया है. आरोपी डॉक्टर ने भी स्वीकार किया है उसके कई दस्तावेज फर्जी हैं. उसने बताया है कि कुछ कोर्स विदेशों से किया है. पुलिस उन डिग्रियों का भी वेरिफिकेशन करा रही है. पूछताछ में ये भी सामने आया है कि डॉक्टर चिकन खाने का शौकीन था और इसी शौक की वजह से वह पुलिस की गिरफ्त में भी आया.

पुलिस रिमांड में आरोपी स्वीकार किया अपना फर्जीवाड़ा

दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि "आरोपी डॉक्टर ने जो बयान दिया है, हम उसकी जानकारी जुटा रहे हैं. उसने बताया कि उसका दाखिला एक मेडिकल कॉलेज में हुआ था. इसके अलावा उसने विदेशों में भी पढ़ाई की. उसने सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराया है. लेकिन साथ में एमडी और दूसरी डिग्रियों के फर्जी दस्तावेज बनवाया है. ये बात उसने खुद स्वीकार की है कि उसने कुछ सर्टिफिकेट फर्जी तैयार कराया है."

पुलिस रिमांड में आरोपी स्वीकार किया अपना फर्जीवाड़ा (ETV Bharat)

एसपी ने कहा, "उसकी कुछ डिग्रियों का हम अभी वेरिफिकेशन करा रहे हैं. इसके अलावा और भी बहुत सारे तथ्य हैं. जैसे- विदेश से वापस आने के बाद उसने कहां-कहां काम किया. जहां काम किया, वहां काम करने की पात्रता थी कि नहीं. ऐसे तमाम विषय हैं, जिनको लेकर हम अलग-अलग एजेंसी से संपर्क कर रहे और जानकारी जुटा रहे हैं."

पूर्व उपराष्ट्रपति के कर डाले फर्जी दस्तखत

एसपी दमोह ने बताया कि "पूछताछ में एक और फर्जीवाड़ा पता चला है कि आरोपी की डिग्री पर फर्जी हस्ताक्षर है. उसके पास पांडिचेरी यूनिवर्सिटी की साल 2013 की डिग्री है. जो देखने पर ही पता चल रहा है कि फर्जी है. उसमें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के हस्ताक्षर होने चाहिए. लेकिन हस्ताक्षर फर्जी लग रहा है. ऐसे बहुत सारे सबूत हैं, जिनसे फर्जीवाड़ा का पता चल रहा है. बहुत सारे दस्तावेज में हस्ताक्षर, शब्दों की गड़बड़ी और पेपर की गुणवत्ता से ही पता चल रहा है. आरोपी ने बताया है कि उसने विदेश में जाकर कुछ कोर्स किया है. जिनका वेरिफिकेशन करके उसकी सत्यता का पता चलेगा."

चिकन शाॅप पर व्हाट्सएप पर लोकेशन भेज फंसा डॉक्टर

पुलिस अधीक्षक सोमवंशी ने बताया "हमारी टीम प्रयागराज में इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही थी. उस समय पर हम कुछ ऐसे सुराग मिले थे, जिनके बारे में हमारी टीम पता लगा रही थी कि फर्जी डॉक्टर इस समय कहां है. उसने एक चिकन शाॅप पर एक फोन नंबर से संपर्क किया था और वहां अपनी लोकेशन व्हाट्सएप पर भेजी थी. हमें वो लोकेशन मिल गई और उसको ट्रेस करते हुए हमारी टीम घर पर पहुंच गई. साइबर टीम ने शानदार काम करते हुए उसको दबोच लिया."

अस्पताल में हुई मौतों पर रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई

श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया, "हमारे पास जो सूचना आई है वो दस्तावेजों के फर्जीवाड़े के संबंध में आई है. जो 7 मौतें हुई हैं, उसकी जांच टीम की रिपोर्ट का इंतजार है. इस मामले में विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल में उसने इलाज किया वो उसके लिए योग्य है कि नहीं. उसकी जो प्रक्रिया होती है उसमें कोई कमी तो नहीं रह गई. अभी हमें बहुत सारी जानकारी इकट्ठा करनी पड़ेगी. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी." एसपी ने कहा "मिशन अस्पताल प्रबंधन की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी. इस संबंध में सीएमएचओ को लेटर लिख दिया गया है."

दमोह: बहुचर्चित दमोह के मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर केस में कई नई चीजें निकलकर सामने आई हैं. दरअसल, पुलिस ने आरोपी से पूछताछ के लिए 5 दिनों की रिमांड ली है. जहां पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि उसकी मेडिकल की डिग्रियां फर्जी हैं. यहां तक की उसने डिग्री पर फर्जी साइन भी किया है. आरोपी डॉक्टर ने भी स्वीकार किया है उसके कई दस्तावेज फर्जी हैं. उसने बताया है कि कुछ कोर्स विदेशों से किया है. पुलिस उन डिग्रियों का भी वेरिफिकेशन करा रही है. पूछताछ में ये भी सामने आया है कि डॉक्टर चिकन खाने का शौकीन था और इसी शौक की वजह से वह पुलिस की गिरफ्त में भी आया.

पुलिस रिमांड में आरोपी स्वीकार किया अपना फर्जीवाड़ा

दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि "आरोपी डॉक्टर ने जो बयान दिया है, हम उसकी जानकारी जुटा रहे हैं. उसने बताया कि उसका दाखिला एक मेडिकल कॉलेज में हुआ था. इसके अलावा उसने विदेशों में भी पढ़ाई की. उसने सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराया है. लेकिन साथ में एमडी और दूसरी डिग्रियों के फर्जी दस्तावेज बनवाया है. ये बात उसने खुद स्वीकार की है कि उसने कुछ सर्टिफिकेट फर्जी तैयार कराया है."

पुलिस रिमांड में आरोपी स्वीकार किया अपना फर्जीवाड़ा (ETV Bharat)

एसपी ने कहा, "उसकी कुछ डिग्रियों का हम अभी वेरिफिकेशन करा रहे हैं. इसके अलावा और भी बहुत सारे तथ्य हैं. जैसे- विदेश से वापस आने के बाद उसने कहां-कहां काम किया. जहां काम किया, वहां काम करने की पात्रता थी कि नहीं. ऐसे तमाम विषय हैं, जिनको लेकर हम अलग-अलग एजेंसी से संपर्क कर रहे और जानकारी जुटा रहे हैं."

पूर्व उपराष्ट्रपति के कर डाले फर्जी दस्तखत

एसपी दमोह ने बताया कि "पूछताछ में एक और फर्जीवाड़ा पता चला है कि आरोपी की डिग्री पर फर्जी हस्ताक्षर है. उसके पास पांडिचेरी यूनिवर्सिटी की साल 2013 की डिग्री है. जो देखने पर ही पता चल रहा है कि फर्जी है. उसमें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के हस्ताक्षर होने चाहिए. लेकिन हस्ताक्षर फर्जी लग रहा है. ऐसे बहुत सारे सबूत हैं, जिनसे फर्जीवाड़ा का पता चल रहा है. बहुत सारे दस्तावेज में हस्ताक्षर, शब्दों की गड़बड़ी और पेपर की गुणवत्ता से ही पता चल रहा है. आरोपी ने बताया है कि उसने विदेश में जाकर कुछ कोर्स किया है. जिनका वेरिफिकेशन करके उसकी सत्यता का पता चलेगा."

चिकन शाॅप पर व्हाट्सएप पर लोकेशन भेज फंसा डॉक्टर

पुलिस अधीक्षक सोमवंशी ने बताया "हमारी टीम प्रयागराज में इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही थी. उस समय पर हम कुछ ऐसे सुराग मिले थे, जिनके बारे में हमारी टीम पता लगा रही थी कि फर्जी डॉक्टर इस समय कहां है. उसने एक चिकन शाॅप पर एक फोन नंबर से संपर्क किया था और वहां अपनी लोकेशन व्हाट्सएप पर भेजी थी. हमें वो लोकेशन मिल गई और उसको ट्रेस करते हुए हमारी टीम घर पर पहुंच गई. साइबर टीम ने शानदार काम करते हुए उसको दबोच लिया."

अस्पताल में हुई मौतों पर रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई

श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया, "हमारे पास जो सूचना आई है वो दस्तावेजों के फर्जीवाड़े के संबंध में आई है. जो 7 मौतें हुई हैं, उसकी जांच टीम की रिपोर्ट का इंतजार है. इस मामले में विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल में उसने इलाज किया वो उसके लिए योग्य है कि नहीं. उसकी जो प्रक्रिया होती है उसमें कोई कमी तो नहीं रह गई. अभी हमें बहुत सारी जानकारी इकट्ठा करनी पड़ेगी. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी." एसपी ने कहा "मिशन अस्पताल प्रबंधन की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी. इस संबंध में सीएमएचओ को लेटर लिख दिया गया है."

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