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दमोह के फर्जी डॉक्टर को कोर्ट से लगा झटका, 4 दिन की और बढ़ी पुलिस रिमांड - DAMOH FAKE DOCTOR BAIL PLEA REJECT

दमोह के मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर की जमानत याचिका कोर्ट ने की रिजेक्ट. एसपी ने मामले की जांच के लिए किया एसआईटी का गठन.

DAMOH FAKE DOCTOR BAIL PLEA REJECT
फर्जी डॉक्टर एन जॉन केम की जमानत याचिका खारिज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 13, 2025 at 8:46 PM IST

Updated : April 13, 2025 at 8:57 PM IST

3 Min Read

दमोह: मिशन अस्पताल में 7 मौतों के जिम्मेदार फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम को एक बार फिर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी का गठन किया है. इससे पहले कोर्ट ने फर्जी डॉक्टर को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जो रविवार 13 अप्रैल को खत्म हो गई. पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 4 दिन की और रिमांड बढ़ा दी है.

फर्जी डॉक्टर की 4 दिन और बढ़ी रिमांड

मिशन अस्पताल में 7 लोगों की जान लेने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की पुलिस रिमांड आज रविवार को खत्म हो गई थी. पुलिस ने उसे प्रयागराज से गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया था, जिसे पुलिस की मांग पर 5 दिन की रिमांड पर न्यायालय ने सौंपा था. आज रिमांड खत्म होने के बाद एक बार फिर पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपी डॉक्टर को स्पेशल कोर्ट में पेश किया. यहां से दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जज ने 4 दिन की रिमांड फिर से बढ़ा दी है.

मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर की 4 दिन की और बढ़ी पुलिस रिमांड (ETV Bharat)

आरोपी के वकील ने जमानत देने की अपील की

आरोपी डॉक्टर की पैरवी करने भोपाल से आए अधिवक्ता सचिन राय ने जमानत की अपील की, जिसे न्यायालय ने फिलहाल नामंजूर करते हुए 4 दिन की पुलिस रिमांड बढ़ा दी. उन्होंने बताया कि "हमने न्यायालय से जमानत मांगी थी, लेकिन 17 तारीख तक के लिए न्यायालय ने रिमांड बढ़ा दी है." हमने न्यायालय से कहा था कि "पुलिस द्वारा जो भी साक्ष्य दस्तावेज पेश किए गए हैं. उनकी जांच कराई जा सकती है. उन्हें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अस्पताल या संबंधित एजेंसी से वेरीफाई कराया जा सकता है. डॉक्टर को इस तरह रिमांड पर रखना उचित नहीं है."

'एसआईटी करेगी मामले की जांच'

एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. एसपी ने बताया कि "आरोपी डॉक्टर से गहन पूछताछ के लिए हमने पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए पीएचक्यू से अनुमति मांगी है. अनुमति आने के बाद उसका पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. वहीं एसआईटी टीम इस बात की जांच करेगी की आरोपी डॉक्टर द्वारा जो दस्तावेज असली बताए जा रहे हैं. वह वास्तव में असली हैं या नकली. उसके द्वारा इसके पूर्व कहां-कहां प्रैक्टिस और कहां-कहां प्रकरण दर्ज है और कौन लोग इस मामले में शामिल हैं."

दमोह: मिशन अस्पताल में 7 मौतों के जिम्मेदार फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम को एक बार फिर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी का गठन किया है. इससे पहले कोर्ट ने फर्जी डॉक्टर को 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा था, जो रविवार 13 अप्रैल को खत्म हो गई. पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड बढ़ाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 4 दिन की और रिमांड बढ़ा दी है.

फर्जी डॉक्टर की 4 दिन और बढ़ी रिमांड

मिशन अस्पताल में 7 लोगों की जान लेने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की पुलिस रिमांड आज रविवार को खत्म हो गई थी. पुलिस ने उसे प्रयागराज से गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया था, जिसे पुलिस की मांग पर 5 दिन की रिमांड पर न्यायालय ने सौंपा था. आज रिमांड खत्म होने के बाद एक बार फिर पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपी डॉक्टर को स्पेशल कोर्ट में पेश किया. यहां से दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जज ने 4 दिन की रिमांड फिर से बढ़ा दी है.

मिशन अस्पताल के फर्जी डॉक्टर की 4 दिन की और बढ़ी पुलिस रिमांड (ETV Bharat)

आरोपी के वकील ने जमानत देने की अपील की

आरोपी डॉक्टर की पैरवी करने भोपाल से आए अधिवक्ता सचिन राय ने जमानत की अपील की, जिसे न्यायालय ने फिलहाल नामंजूर करते हुए 4 दिन की पुलिस रिमांड बढ़ा दी. उन्होंने बताया कि "हमने न्यायालय से जमानत मांगी थी, लेकिन 17 तारीख तक के लिए न्यायालय ने रिमांड बढ़ा दी है." हमने न्यायालय से कहा था कि "पुलिस द्वारा जो भी साक्ष्य दस्तावेज पेश किए गए हैं. उनकी जांच कराई जा सकती है. उन्हें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अस्पताल या संबंधित एजेंसी से वेरीफाई कराया जा सकता है. डॉक्टर को इस तरह रिमांड पर रखना उचित नहीं है."

'एसआईटी करेगी मामले की जांच'

एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. एसपी ने बताया कि "आरोपी डॉक्टर से गहन पूछताछ के लिए हमने पॉलीग्राफ टेस्ट करने के लिए पीएचक्यू से अनुमति मांगी है. अनुमति आने के बाद उसका पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. वहीं एसआईटी टीम इस बात की जांच करेगी की आरोपी डॉक्टर द्वारा जो दस्तावेज असली बताए जा रहे हैं. वह वास्तव में असली हैं या नकली. उसके द्वारा इसके पूर्व कहां-कहां प्रैक्टिस और कहां-कहां प्रकरण दर्ज है और कौन लोग इस मामले में शामिल हैं."

Last Updated : April 13, 2025 at 8:57 PM IST
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