गुरुग्राम: साइबर क्राइम मानेसर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी के मामले में रेवाड़ी के कोसली निवासी हर्ष नामक युवक को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी रोजाना रेवाड़ी से गुरुग्राम आकर साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देता था. पुलिस ने सूचना के आधार पर वाटिका इंडिया नेक्स्ट सोसाइटी के एक फ्लैट में छापेमारी कर इस ठग को धर दबोचा. पुलिस की कार्रवाई के दौरान हर्ष मौके से भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत घेर लिया.
टेलीग्राम के जरिए चाइना से जुड़ा था नेटवर्क: पुलिस जांच में सामने आया कि हर्ष टेलीग्राम के माध्यम से चाइना के कई ठगी गिरोहों से जुड़ा था. वह इन ग्रुप्स के जरिए ठगी के लिए मोबाइल सिम मंगवाता था, जो उसे कोरियर के माध्यम से प्राप्त होती थीं. कोरियर कंपनी के कार्यालय में एक विशेष कोड बताने पर उसे सिम कार्ड सौंपे जाते थे. पुलिस ने हर्ष के कब्जे से 46 मोबाइल सिम, 47 एटीएम कार्ड, 11 अलग-अलग बैंकों की चेकबुक, एक लैपटॉप, मोबाइल फोन, गोल्ड बिस्किट और गोल्ड चेन बरामद की है.
क्रिप्टो करेंसी से होती थी ठगी की कमाई: आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह लोगों को ऑनलाइन टास्क देकर ठगी करता था. ठगी की रकम को वह क्रिप्टो करेंसी के जरिए हासिल करता था, जिससे उसका लेन-देन ट्रेस करना मुश्किल हो जाता था. पुलिस के अनुसार, हर्ष का नेटवर्क काफी सुनियोजित था, और वह अपने ठगी के कारनामों को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करता था.
सिम कार्ड का रहस्य अभी बाकी: पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बरामद सिम कार्ड हर्ष के नाम पर रजिस्टर्ड नहीं थे. इन सिम कार्ड्स को कौन उपलब्ध कराता था और ये कहां से कोरियर के जरिए आते थे, इसकी जांच अभी जारी है. पुलिस का मानना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस साइबर ठगी के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का भी खुलासा होगा.
पुलिस की सख्त कार्रवाई: गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि हर्ष ने अब तक कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया और उसका नेटवर्क कितना व्यापक है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में लगातार कार्रवाई की जा रही है, और जनता को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है.