जयपुर: अच्छी क्वालिटी की सस्ती कुर्तियां देने का झांसा देकर शातिर साइबर ठगों ने एक युवती से 9 महीने में 5.78 लाख रुपए की ठगी कर ली. ये सोशल मीडिया पर सस्ती कुर्तियों के एड देकर लोगों को फंसाते थे. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए मुख्य सरगना सहित दो साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. मुख्य आरोपी के खिलाफ देशभर में साइबर ठगी के दर्जनभर मुकदमें दर्ज हैं. अब पुलिस बदमाशों से पूछताछ और मुकदमे में अनुसंधान में जुटी है. प्रारंभिक तौर पर पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने सोशल मीडिया पर एड और वीडियो देखकर साइबर ठगी का तरीका सीखा था.
9 महीने तक चला ठगी-ब्लैकमेल का खेल : जयपुर (उत्तर) डीसीपी राशि डोगरा डूडी ने बताया कि विद्याधर नगर थाने में 24 मार्च को परिवादी दयाशंकर गुप्ता ने मुकदमा दर्ज करवाया था. उन्होंने बेटी के साथ साइबर ठगी और ब्लैकमेलिंग की शिकायत दी थी. उन्होंने बताया कि बदमाशों ने 9 महीने में उनकी बेटी से 5.78 लाख की ठगी की है. उन्होंने बताया कि इस मामले में विद्याधर नगर थानाधिकारी राकेश ख्यालिया के नेतृत्व में टीम ने झालाना डूंगरी निवासी सौरभ कासोटिया और कानोता निवासी नेमीचंद को गिरफ्तार किया है.
जुर्माना, कानूनी नोटिस और मुकदमों का दिखाते डर : परिवादी ने शिकायत में बताया कि उनकी बेटी ने 1 जुलाई 2024 को इंस्टाग्राम के जरिए 700 रुपए में एक कुर्ती का ऑर्डर दिया था. शातिर बदमाशों ने जीएसटी के नाम पर 1700 रुपए मांगे. इसके बाद राशि रिफंड करने के नाम पर रकम मांगी. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि अगले कई महीनों तक जुर्माना, कानूनी नोटिस और झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी देकर लगातार रकम ऐंठते रहे. अब तक आरोपी 5.78 लाख रुपए की ठगी कर चुके हैं.
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वीडियो देखकर सीखी साइबर ठगी की चाल : प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि सौरभ कासोटिया ने जेजे कलेक्शन और कुर्ती हब नाम से दो इंस्टाग्राम पेज साइबर ठगी के लिए बनाए हुए हैं. जिस पर कम कीमत में अच्छी क्वालिटी की वस्तुएं मिलने का झांसा दिया जाता है. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर और यूट्यूब पर वीडियो देखकर साइबर ठगी से कम समय में ज्यादा कमाई के तरीके भी सीखे. आरोपी लोगों को अपने जाल में फंसाकर पुलिस में झूठा मुकदमा दर्ज करवाने के नाम पर ब्लैकमेल कर अलग-अलग खातों में रकम ट्रांसफर करवाते हैं.
पीड़ितों की रकम से सट्टा खेलते : साइबर ठगी की वारदात के लिए आरोपी अन्य लोगों से फर्जी तरीके से सिम प्राप्त कर ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं. किसी नंबर की साइबर पोर्टल पर शिकायत होने पर वह सिम बंद कर देते हैं. जो सिम और बैंक खाते आरोपियों ने काम में लिए हैं, उनके खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों से साइबर पोर्टल पर 15 शिकायतें दर्ज हैं. ये क्यूआर कोड भेजकर सट्टा आईडी बिनबज में रुपए जमा करवाते और पीड़ितों द्वारा भेजे गए रुपए से सट्टा खेलते थे. बाकि रुपए विड्रो कर लेते. उनसे अन्य वारदातों और उनके अन्य साथियों के बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है.