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रिश्वतखोर वन दरोगा को तीन साल की जेल, कोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना भी लगाया - COURT SENTENCED BRIBERY CASE

रिश्वतखोर वन दरोगा को न सिर्फ अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, बल्कि तीन साल जेल में भी रहना पड़ेगा.

haldwani
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 2, 2025 at 6:59 PM IST

2 Min Read

हल्द्वानी: रिश्वतखोर वन दरोगा को कोर्ट ने बड़ी सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी वन दरोगा को दोषी मानते हुए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. विजिलेंस की टीम ने दोषी वन दरोगा को साल 2019 में गिरफ्तार किया था.

जानकारी के मुताबिक काशीपुर रहने वाले फईम अहमद ने एक अप्रैल 2019 को पुलिस अधीक्षक सतर्कता हल्द्वानी को शिकायत की थी. अपनी शिकायत में फईम अहमद कहा था कि उसका और उसके साथी का डंपर सात मार्च को बंजारी गेट रामनगर के अंदर वन विभाग की टीम ने सीज कर दिया था. उसके पास अंदर जाने का पास टोकन भी था. इसके बावजूद डंपरों को गलत तरीके से सीज किया.

फईम अहमद का आरोप था कि वह डंपर छुड़वाने के लिए रेंजर से मिले तो उन्होंने वन दरोगा शैलेंद्र चौहान से मिलने को कहा. वन दरोगा शैलेंद्र चौहान ने डंपर छोड़ने के लिए रिश्वत मांगी. विजिलेंस की जांच में फईम अहमद ने आरोप सही पाए गए. इसके बाद विजिलेंस ने 2 अप्रैल 2019 को तत्कालीन वन दारोगा शैलेंद्र चौहान को एक लाख रुपए के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

इस मामले में अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने कोर्ट ने 15 गवाहों पेश किए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिश्वतखोर वन दरोगा को दोषी मानते हुए तीन साल के लिए जेल भेज दिया. साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना नहीं देने पर दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

विजिलेंस ने लोगों से अपील की है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगता है तो सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064, Whatsapp हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर पर सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अपना शिकायत दर्ज कर सकते है.

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हल्द्वानी: रिश्वतखोर वन दरोगा को कोर्ट ने बड़ी सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी वन दरोगा को दोषी मानते हुए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. विजिलेंस की टीम ने दोषी वन दरोगा को साल 2019 में गिरफ्तार किया था.

जानकारी के मुताबिक काशीपुर रहने वाले फईम अहमद ने एक अप्रैल 2019 को पुलिस अधीक्षक सतर्कता हल्द्वानी को शिकायत की थी. अपनी शिकायत में फईम अहमद कहा था कि उसका और उसके साथी का डंपर सात मार्च को बंजारी गेट रामनगर के अंदर वन विभाग की टीम ने सीज कर दिया था. उसके पास अंदर जाने का पास टोकन भी था. इसके बावजूद डंपरों को गलत तरीके से सीज किया.

फईम अहमद का आरोप था कि वह डंपर छुड़वाने के लिए रेंजर से मिले तो उन्होंने वन दरोगा शैलेंद्र चौहान से मिलने को कहा. वन दरोगा शैलेंद्र चौहान ने डंपर छोड़ने के लिए रिश्वत मांगी. विजिलेंस की जांच में फईम अहमद ने आरोप सही पाए गए. इसके बाद विजिलेंस ने 2 अप्रैल 2019 को तत्कालीन वन दारोगा शैलेंद्र चौहान को एक लाख रुपए के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

इस मामले में अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने कोर्ट ने 15 गवाहों पेश किए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिश्वतखोर वन दरोगा को दोषी मानते हुए तीन साल के लिए जेल भेज दिया. साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना नहीं देने पर दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

विजिलेंस ने लोगों से अपील की है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगता है तो सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064, Whatsapp हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर पर सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अपना शिकायत दर्ज कर सकते है.

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