कुल्लू: जिला उपमंडल बंजार उपमंडल में फर्जी दस्तावेज तैयार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल करने के मामले में कुल्लू जिला की विशेष अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. ये मामला वर्ष 2014 में दर्ज हुआ था. शिकायतकर्ता विमला देवी ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर नियमों का उल्लंघन करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नौकरी हासिल की.
नौकरी के लिए दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़
शिकायत के अनुसार, मुर्त देवी, उनके पति नीरत सिंह और उनकी बहू निर्मला देवी ने परिवार की वार्षिक आय को जानबूझकर कम दिखाने के लिए झूठे शपथ पत्र तैयार किए. इसके अलावा नौकरी पाने की नीयत से मुर्त देवी ने तलाक के झूठे दस्तावेज बनवाए और पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार से मिलीभगत कर परिवार रजिस्टर में हेरफेर करवाया. इस हेरफेरों के माध्यम से मुर्त देवी का नाम पुराने परिवार रजिस्टर से हटाकर एक नई पंचायत चकुरठा के परिवार रजिस्टर में दर्ज करवाया गया. मामले में शिकायत के आधार पर 1 जुलाई, 2014 को थाना राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो कुल्लू में मामला दर्ज किया गया. जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन निरीक्षक दौरजे राम को सौंपी गई, जिन्होंने तकनीकी और दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर इस घोटाले को उजागर किया.
अदालत ने जुर्माने के साथ सुनाई सजा
जांच पूरी होने पर 2016 में चारों आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया. अदालत ने 25 गवाहों और सभी सबूतों के आधार पर आरोपियों को दोषी पाया. अदालत ने तीनों को तीन-तीन साल की सजा और 10,000 का जुर्माना लगाया. वहीं, इस मामले में पंचायत सचिव देवेंद्र कुमार की संलिप्तता के चलते तीन साल की सजा और 20,000 जुर्माना लगाया गया.