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बस्ती में सैलरी के लिए शिक्षक ने 20 साल तक लड़ी लड़ाई; 14 लाख का भुगतान न होने पर कोर्ट ने कुर्क किया DIOS दफ्तर - BASTI DIOS OFFICE SEIZED

कोर्ट पहले ही डीआईओएस कार्यालय के बैंक खाते कर चुकी है सीज, फिर भी नहीं हुआ भुगतान, अब उठाया ये कदम

बस्ती डीआईओएस दफ्तर कुर्क.
बस्ती डीआईओएस दफ्तर कुर्क. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 16, 2025 at 7:23 PM IST

Updated : May 16, 2025 at 8:04 PM IST

3 Min Read

बस्ती: करीब 20 साल तक वेतन के लिए लड़ाई लड़ने वाले शिक्षक को अब जाकर न्याय की उम्मीद जगी है. कोर्ट ने विभागीय उदासीनता और आदेशों की अवहेलना को देखते हुए सख्त रुख अपनाया है. जिसके तहत जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर शुक्रवार को कुर्की की कार्रवाई की गई. डीआईओएस दफ्तर फिलहाल सील है और जिला न्यायालय का आदेश है कि 90 दिन में वेतन के बकाया 14.38 लाख रुपये शिक्षक को नहीं दिए जाते तो नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट के इस रुख के बाद महकमे में हड़कंप मचा है.

मामला बस्ती नेशनल इंटर कॉलेज हरेया का है. यहां पर पीड़ित शिक्षक चंद्र शेखर 1991 में मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त हुए थे. 11 नवंबर 2005 में उन्होंने वाद दायर किया कि वेतन नहीं दिया जा रहा है. 20 साल तक वे अपने हक की लड़ाई लड़ते रहे. इस बीच 2018 में वे रिटायर भी हो गए. इस मामले में कोर्ट ने पहले भी डीआईओएस कार्यालय को कई बार बकाया राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कोर्ट के आदेश पर डीआईओएस कार्यालय सीज (Video Credit; ETV Bharat)

कुछ समय पहले कोर्ट ने डीआईओएस कार्यालय के बैंक खाते को भी सीज कर दिया था, ताकि भुगतान सुनिश्चित किया जा सके, लेकिन इसके बावजूद जब शिक्षक को उसका हक नहीं मिला तो कोर्ट ने अंतिम और सबसे कठोर कदम उठाते हुए कुर्की का आदेश दे दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि अगले 90 दिनों के भीतर शिक्षक चंद्र शेखर का पूरा बकाया 14.38 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया जाता है तो डीआईओएस कार्यालय की बिल्डिंग और उससे जुड़ी संपत्ति को नीलाम कर दिया जाएगा. यह एक अभूतपूर्व स्थिति है, जहां एक सरकारी विभाग का कार्यालय बकाया भुगतान न करने के कारण नीलामी के खतरे का सामना कर रहा है.

शुक्रवार दोपहर न्यायालय अमीन भारी सुरक्षा बल के साथ डीआईओएस कार्यालय पहुंचे और वहां कुर्की का आधिकारिक नोटिस चस्पा कर दिया. इस कार्रवाई से कार्यालय में अफरातफरी का माहौल बन गया. कर्मचारियों के बीच सन्नाटा पसर गया, क्योंकि किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि बकाया भुगतान का मामला इस हद तक बढ़ जाएगा.

इस घटना ने बस्ती के शिक्षा विभाग में खलबली मचा दी है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों एक शिक्षक को अपने वेतन के लिए वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी? विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं. अब देखना यह है कि डीआईओएस कार्यालय और शिक्षा विभाग इस मामले में आगे क्या रुख अपनाते हैं. क्या वे 90 दिनों की समय सीमा के भीतर शिक्षक को उसका बकाया भुगतान कर पाएंगे या फिर बस्ती का शिक्षा विभाग एक ऐतिहासिक नीलामी का गवाह बनेगा?

जिला विद्यालय निरीक्षक जगदीश शुक्ला ने इस बारे में कहा कि उच्च न्यायालय में प्रकरण लंबित है, जो भी निर्णय आएगा, उपरोक्त शिक्षक के संबंध में अग्रिम कार्यवाही की जाएगी.वहीं न्यायालय के अमीन का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर DIOS कार्यालय को सील कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: 'जल जीवन मिशन' में लापरवाही; चार साल में 183 अफसरों-कर्मचारियों पर एक्शन, 6 सस्पेंड

बस्ती: करीब 20 साल तक वेतन के लिए लड़ाई लड़ने वाले शिक्षक को अब जाकर न्याय की उम्मीद जगी है. कोर्ट ने विभागीय उदासीनता और आदेशों की अवहेलना को देखते हुए सख्त रुख अपनाया है. जिसके तहत जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर शुक्रवार को कुर्की की कार्रवाई की गई. डीआईओएस दफ्तर फिलहाल सील है और जिला न्यायालय का आदेश है कि 90 दिन में वेतन के बकाया 14.38 लाख रुपये शिक्षक को नहीं दिए जाते तो नीलामी की कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट के इस रुख के बाद महकमे में हड़कंप मचा है.

मामला बस्ती नेशनल इंटर कॉलेज हरेया का है. यहां पर पीड़ित शिक्षक चंद्र शेखर 1991 में मैनेजमेंट कोटे से नियुक्त हुए थे. 11 नवंबर 2005 में उन्होंने वाद दायर किया कि वेतन नहीं दिया जा रहा है. 20 साल तक वे अपने हक की लड़ाई लड़ते रहे. इस बीच 2018 में वे रिटायर भी हो गए. इस मामले में कोर्ट ने पहले भी डीआईओएस कार्यालय को कई बार बकाया राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कोर्ट के आदेश पर डीआईओएस कार्यालय सीज (Video Credit; ETV Bharat)

कुछ समय पहले कोर्ट ने डीआईओएस कार्यालय के बैंक खाते को भी सीज कर दिया था, ताकि भुगतान सुनिश्चित किया जा सके, लेकिन इसके बावजूद जब शिक्षक को उसका हक नहीं मिला तो कोर्ट ने अंतिम और सबसे कठोर कदम उठाते हुए कुर्की का आदेश दे दिया.

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि अगले 90 दिनों के भीतर शिक्षक चंद्र शेखर का पूरा बकाया 14.38 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया जाता है तो डीआईओएस कार्यालय की बिल्डिंग और उससे जुड़ी संपत्ति को नीलाम कर दिया जाएगा. यह एक अभूतपूर्व स्थिति है, जहां एक सरकारी विभाग का कार्यालय बकाया भुगतान न करने के कारण नीलामी के खतरे का सामना कर रहा है.

शुक्रवार दोपहर न्यायालय अमीन भारी सुरक्षा बल के साथ डीआईओएस कार्यालय पहुंचे और वहां कुर्की का आधिकारिक नोटिस चस्पा कर दिया. इस कार्रवाई से कार्यालय में अफरातफरी का माहौल बन गया. कर्मचारियों के बीच सन्नाटा पसर गया, क्योंकि किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि बकाया भुगतान का मामला इस हद तक बढ़ जाएगा.

इस घटना ने बस्ती के शिक्षा विभाग में खलबली मचा दी है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों एक शिक्षक को अपने वेतन के लिए वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी? विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं. अब देखना यह है कि डीआईओएस कार्यालय और शिक्षा विभाग इस मामले में आगे क्या रुख अपनाते हैं. क्या वे 90 दिनों की समय सीमा के भीतर शिक्षक को उसका बकाया भुगतान कर पाएंगे या फिर बस्ती का शिक्षा विभाग एक ऐतिहासिक नीलामी का गवाह बनेगा?

जिला विद्यालय निरीक्षक जगदीश शुक्ला ने इस बारे में कहा कि उच्च न्यायालय में प्रकरण लंबित है, जो भी निर्णय आएगा, उपरोक्त शिक्षक के संबंध में अग्रिम कार्यवाही की जाएगी.वहीं न्यायालय के अमीन का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर DIOS कार्यालय को सील कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: 'जल जीवन मिशन' में लापरवाही; चार साल में 183 अफसरों-कर्मचारियों पर एक्शन, 6 सस्पेंड

Last Updated : May 16, 2025 at 8:04 PM IST
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