हजारीबाग: पूरे राज्य में जब भी कोई जुलूस निकलता है तो बिजली उस क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टीकोण से काट दी जाती है. हजारीबाग रामनवमी के दौरान लंबे समय तक बिजली काट दी जाती थी. जिससे लोगों समेत अस्पताल में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब इस समस्या का समाधान निकाल लिया गया है.
जरूरत पड़ने पर हो पावर कट: हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्षेत्र में बिजली वहीं काटी जाएगी जहां जरूरी होगी. लंबे समय तक बिजली कटौती नहीं की जाएगी. इस बात की जानकारी हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय ने दी है. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमने तैयारी कर ली है. जिन-जिन क्षेत्रों से जुलूस गुजर जाएगा, उस रूट पर बिजली सप्लाई सुचारु रूप से कर दी जाएगी.
अस्पताल और आपातकालीन सेवाओं में जारी रहनी चाहिए बिजली आपूर्ति
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि बिजली कटौती केवल शोभायात्रा मार्गों तक सीमित रहे और उसे न्यूनतम स्तर पर रखा जाए. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि अस्पतालों और आपातकालीन सेवाओं की बिजली आपूर्ति पर कोई असर न रहे. उच्च अदालत ने जेबीवीएनएल के प्रबंध निदेशक को यह अंडरटेकिंग देने का निर्देश दिया है कि कम समय के लिए बिजली काटी जाएगी और अस्पताल के साथ साथ अन्य जरूरी सेवा वाली संस्थाओं को बिजली आपूर्ति की जाएगी.
जुलूस में लोगों की सुरक्षा के लिए होता था पावर कट
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में रामनवमी सहित अन्य त्योहारों के दौरान बिजली कटौती पर रोक लगाने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट की ओर से 3 अप्रैल को जारी आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. झारखंड सरकार के निर्देश पर राज्य बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) त्योहारों पर निकलने वाली शोभायात्रा या जुलूस में शामिल लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर एहतियात के तौर पर कई घंटों तक बिजली बंद कर देता था.
स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुनाया फैसला
सरहुल त्योहार की शोभायात्रा के दौरान भी रांची में 5 से 10 घंटे तक बिजली की कटौती की गई थी. जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन ने 3 अप्रैल को स्वतः संज्ञान लेते हुए त्योहारों के दौरान बिजली आपूर्ति बंद करने के झारखंड सरकार के निर्देश पर रोक लगा दी थी.
जूलुस के दौरान करंट लगने की रहती है संभावना
हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई की. झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि रामनवमी के जुलूस में लोग लंबे झंडे लेकर चलते हैं, जिससे करंट लगने की आशंका बनी रहती है. क्योंकि पहले ऐसी घटनाएं घट हो चुकी हैं.
10 से 12 घंटे होती है बिजली कटौती
दरअसल, हजारीबाग में रामनवमी और बड़े स्तर पर जुलूस निकाला जाता है. कई कई बार तो 36 घंटों तक जुलूस सड़कों पर रहता है. आमतौर पर यह देखने को मिलता था कि जुलूस जब निकलता था तो बिजली आपूर्ति बाधित कर दी जाती थी. खास करके जामा मस्जिद रोड में जुलूस के प्रवेश करते ही बिजली काट दी जाती थी. लगभग 10 से 12 घंटे तक लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था. अब सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद आम जनता को बड़ी राहत मिल है. झारखंड हाई कोर्ट ने सरहुल जुलूस के दौरान 10 घंटे तक बिजली काटे जाने के बाद खुद ही संज्ञान लिया था.
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