कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला स्थित विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में हिमाचल के राज्य पक्षी जाजुराना की गणना इसी माह के अंत में की जाएगी. इसके लिए पार्क प्रबंधन में तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, पार्क में घोरल, मोनाल, काला भालू व स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुआ) की गणना पिछले माह हुई है और अब इसकी रिपोर्ट का इंतजार है.
मोनाल, घोरल, काला भालू व स्नो लेपर्ड की गणना
जीव-जंतु व जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में मोनाल, घोरल, काला भालू व स्नो लेपर्ड की मौजूदगी को लेकर पार्क प्रबंधक ने गणना की है. इसके लिए पार्क प्रबंधक ने छह अलग-अलग टीमों का गठन किया था. दो अलग-अलग चरणों में हुई गणना में पार्क की दो टीमों ने मोनाल व काला भालू की गणना के लिए दो टीमें बनाई गई थी. इसमें आठ लोग शामिल थे. यह गणना 21 और 22 फरवरी तक की गई। इसके लिए दो जगहों को चिन्हित किया गया था। जहां पर मोनाल व काला भालू का वास अधिक रहता है.

इसके अलावा घोरल व स्नो लेपर्ड के लिए चार टीमों को गठन किया गया था और इसमें हर टीम में दो-दो लोगों को शामिल किया गया था. इन दोनों जीवों का वास पार्क के चार जगहों पर अधिक रहता है. यह गणना 27 और 28 फरवरी को हुई. गौर रहे कि मोनाल और घोरल समुद्र तल से करीब 6,000 से 12,000 फीट की ऊंचाई पर पाए जाते हैं. हिम तेंदुआ मुख्य रूप से समुद्र तल से करीब 9,000 से 16,400 फीट की ऊंचाई पर रहते हैं.

पार्क के वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानंद और विक्रम सिंह ने कहा, "पार्क प्रबंधन ने छह टीमों का गठन किया था. गणना के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी गई है. उनके द्वारा ही इसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी".

हिमाचल का राज्य पक्षी जाजुराना पक्षी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में संरक्षित हो रहा है. साल 2024 से पहले हुई गणना में इनकी संख्या 500 से 600 के बीच थी. हिमालयन नेशनल पार्क की गणना रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में पार्क में 18 जगहों पर जाजुराना का वास है, जिसमें प्रत्येक वास में 2021 में जहां औसतन 3.11 जाजुराना थे. वहीं, 2022 में 3.50, 2023 में 4.24 था. अब साल 2024 में यह बढ़कर प्रति वास 4.48 हो गया है.

आवाज के आधार पर जाजुराना की गणना
इसके अलावा पार्क में सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जाती है. पार्क प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार जाजुराना की गणना अप्रैल और मई माह में की जाती है. जाजुराना अपने वास स्थान पर सुबह 4:00 से 6:00 बजे रोज आवाज देते हैं. इसी आवाज के आधार पर गणना की गई.
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को 2014 में विश्व धरोहर घोषित किया गया था. जून 2014 में विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क सूबे का पहला पार्क है. हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी का ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क सूबे का सबसे बड़ा नेशनल पार्कों में शुमार है. इसकी जैव विविधता को देखते हुए यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया है. इससे पर्यटन गतिविधियों के साथ वन्य प्राणियों, पक्षियों और जड़ी-बूटियों को संरक्षण मिला है.

नेशनल पार्क क्षेत्र में 25 और इको जोन में 50 प्रतिशत तक पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है. मिली जानकारी के अनुसार यहां करीब 700 जाजुराना पक्षी हैं और इस साल इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क 1172 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां पर पक्षियों के अलावा, स्नो लेपर्ड, भूरे भालू, सीरो, उड़ने वाली गिलहरी सहित कई प्रकार की जड़ी बूटियां और पेड़ पौधे पाए जाते हैं.
"ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के मोनाल और घोरल की गणना की गई है. पार्क में कितने मोनाल, काला भालू, घोरल व हिम तेंदुआ है, इसकी रिपोर्ट को कंपाइल किया जा रहा है. इस माह के अंत तक राज्य पक्षी जाजुराना की गणना की भी गणना की जाएगी":- सचिन शर्मा, डीएफओ
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